उदयपुर जिले में घरेलू एलपीजी गैस की कालाबाजारी का मामला सामने आया है। आरोपियों द्वारा अवैध रूप से गैस की रिफिलिंग कर आम नागरिकों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को गैस आपूर्ति में बाधा पहुंचाई जा रही थी। मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला पुलिस अधीक्षक ने स्पेशल टीम को कार्रवाई के निर्देश दिए। इससे पहले जयपुर के पास राष्ट्रीय राजमार्ग-8 पर एक गैस टैंकर के रिसाव से हुई दुर्घटना के चलते भारी जन-धन हानि हो चुकी है।
इस पृष्ठभूमि में प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए त्वरित कार्रवाई की। स्पेशल टीम को सूचना मिली कि चित्तौड़गढ़-उदयपुर नेशनल हाईवे स्थित डांगीखेड़ा गांव में एक होटल के पीछे चार गैस टैंकरों से व्यवसायिक सिलेंडरों में अवैध रिफिलिंग की जा रही है।
मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने रैड कर छह आरोपियों को हिरासत में लिया। मौके से चार गैस टैंकर, 63 गैस सिलेंडर, पांच नोजल सॉकेट, पाईप, गैस तौलने का कांटा समेत अन्य उपकरण बरामद किए गए। रसद विभाग की टीम ने दस्तावेजों की जांच के बाद पुष्टि की कि यह अवैध गैस रिफिलिंग और कालाबाजारी का मामला है। गिरफ्तार आरोपियों में राकेश नाथ (चित्तौड़गढ़), किशनाराम बिश्नोई (फलोदी), मनोज सुथार (उदयपुर), त्रिलोक सिंह (ब्यावर), बाबूलाल गुर्जर (बूंदी) और जितेन्द्र सिंह (मध्य प्रदेश) शामिल हैं।
इनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 286, 303 बीएनएस, आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7, गैस सिलेंडर नियम 2016 की धारा 43(1), 44(ग)ए और द्रवित पेट्रोलियम गैस (नियमन आदेश 2000) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे पिछले दो महीनों में कुल 1228 व्यवसायिक सिलेंडरों में अवैध रिफिलिंग कर चुके हैं। इस अवैध कारोबार के कारण न केवल आम जनता को गैस आपूर्ति की परेशानी हुई, बल्कि सरकार को भारी राजस्व हानि भी हुई है। पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क की विस्तृत जांच कर रही है।
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