सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद की दवाओं के भ्रामक दावा करने वाले विज्ञापन पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही बाबा रामदेव की पतंजलि और उसके प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण को अवमानना नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की ओर से 2022 में दायर की गई याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसमें कहा गया है कि पतंजलि ने कोविड वैक्सीनेशन और मॉडर्न मेडिसिन के खिलाफ निगेटिव प्रचार किया। केस की अगली सुनवाई 15 मार्च को होगी।
जस्टिस हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने कहा- पतंजलि भ्रामक दावे करके देश को धोखा दे रही है कि उसकी दवाएं कुछ बीमारियों को ठीक कर देंगी, जबकि इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं है। पतंजलि ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) एक्ट में बताई गई बीमारियों के इलाज का दावा करने वाले अपने प्रोडक्ट्स का विज्ञापन नहीं कर सकती।
आपको बता दे की बाबा रामदेव ने दावा किया था कि उनके प्रोडक्ट कोरोनिल और स्वसारी से कोरोना का इलाज किया जा सकता है। इस दावे के बाद कंपनी को आयुष मंत्रालय ने फटकार लगाई और इसके प्रमोशन पर तुरंत रोक लगाने को कहा था।
Source: Bhaskar.com
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