उदयपुर, 23 जनवरी 2025। राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस पर उदयपुर में प्रस्तावित राज्य स्तरीय समारोह में जहां एक तरफ राजस्थान के सांस्कृतिक गौरव की झलक दिखेगी, वहीं दूसरी ओर विकसित भारत के संकल्प के साथ कदमताल करते आपणो अग्रणी राजस्थान का भी दिग्दर्शन होगा। गणतंत्र दिवस मुख्य समारोह में 6 विभागों और 11 जिलों की झांकियां शामिल की जा रही है। इन झांकियों के माध्यम से विभिन्न योजनाओं से प्रदेश में आई बदलाव की बयार और हर घर खुशहाली को प्रदर्शित किया जाएगा। साथ ही राजस्थान के कण-कण में रची-बसी शौर्य और बलिदान की गाथाओं और समृद्ध सांस्कृतिक वैशिष्टय् को भी प्रस्तुत किया जा रहा है।
उदयपुरः डेस्टिनेशन वेडिंग हब
गणतंत्र दिवस मुख्य समारोह में उदयपुर जिले से नए विषय डेस्टिनेशन वेडिंग हब पर झांकी तैयार की जा रही है। जिला कलक्टर अरविन्द पोसवाल के निर्देशन में तैयार की जा रही इस झांकी में उदयपुर जिले की ऐतिहासिक व प्राकृतिक धरोहरों को चित्रित करते हुए यहां डेस्टिनेशन वेडिंग के बढ़ते क्रेज को प्रदर्शित किया जाएगा। झांकी के माध्यम से उदयपुर जिले में पर्यटन की अपार संभावनाओं को भी इंगित किया जाएगा।
राज्य स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह में झांकी प्रदर्शन को लेकर राज्य स्तर पर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के आयुक्त सुनील शर्मा को नोडल नियुक्त किया गया है। विभिन्न विभागों तथा जिलों से प्राप्त झांकी प्रस्तावों के आधार पर मुख्य समारोह के लिए 17 झांकियों को सूचीबद्ध किया है। इसमें 6 विभाग तथा उदयपुर संभाग के सभी जिलों सहित कुल 11 जिले शामिल हैं। इधर, जिला कलक्टर अरविन्द पोसवाल ने झांकी प्रदर्शन को सुव्यवस्थित ढंग से संपादित कराने के लिए जिला स्तर पर भू प्रबंधन अधिकारी कीर्ति राठौड़ को प्रभारी नियुक्त किया है। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में संबंधित विभाग और जिलों की ओर से झांकियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
कृषि व औद्योगिक विकास से लेकर पर्यटन और जलग्रहण तक का प्रदर्शन
गणतंत्र दिवस पर पर्यटन विभाग की ओर से उदयपुर सहित प्रदेश भर में पर्यटन की अपार संभावनाओं को प्रदर्शित करती झांकी तैयार की जा रही है। वहीं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से टीबी हारेगा, देश जीतेगा तथा म्हारे गांव, टीबी ना पसारे पांव थीम पर झांकी सजाई जा रही है। कृषि विभाग एवं कृषि विपणन विभाग समन्वित कृषि प्रणाली एवं जैविक खेती मॉडल पर आधारित झांकी तैयार कर रहे हैं। इसमें वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन इकाई, नमो दीदी-ड्रोन (सजीव प्रदर्शनी), फूलों की खेती, सब्जी की उन्नत खेती, मुर्गीपालन, खरगोश पालन, जापानी बटेर पालन एवं बकरी पालन आदि को प्रदर्शित किया जाएगा।
झांकी के साथ गवरी लोक नृत्य का भी प्रदर्शन होगा। उद्योग, वाणिज्य एवं बीआईपी विभाग की ओर से राइजिंग राजस्थान थीम का प्रदर्शन किया जाएगा। इसमें राज्य में हुए निवेश प्रस्तावों का चित्रण करते हुए आने वाले समय में प्रदेश में निवेश और रोजगार के बढ़ते अवसरों को दिखाया जाएगा। पंचायतीराज विभाग मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0 के तहत हो रहे कार्यों तथा उसके प्रभावों को मॉडल के माध्यम से प्रस्तुत करेगा। उक्त झांकी के साथ लोक कलाकार कठपुतली, नुक्कड़ नाटक आदि भी प्रदर्शित करेंगे।
शौर्य और बलिदान की गाथाएं होंगी जीवंत
राज्य स्तरीय समारोह में उदयपुर सहित 11 जिलों की झांकियां भी शामिल की जा रही हैं। इसमें चित्तौड़गढ़ जिले से संत मीराबाई की 525वीं जयंती के उपलक्ष्य में भक्ति, शक्ति और त्याग की त्रिवेणी चित्तौड़गढ थीम पर झांकी सजाई जा रही है। इसमें मेवाड़ के शौर्य के साथ ही मां पन्नाधाय के बलिदान को भी प्रदर्शित किया जाएगा। वहीं सांवरिया सेठ मंदिर की प्रतिकृति भी शामिल रहेगी। बांसवाड़ा जिले से आदिवासी धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थल मानगढ़ धाम की झांकी तैयार की जा रही है। इसमें गोविन्द गुरू की प्रतिमा तथा राजस्थान के जलियावाला बाग मानगढ़ धाम के बलिदान का दिग्दर्शन होगा। डूंगरपुर जिले से सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक विरासतों को सहेजते हुए झांकी तैयार की जा रही है। इसमें एक थम्बिया महल, बादल महल, देवसोमनाथ मंदिर और बेणेश्वर धाम को प्रदर्शित किया जा रहा है। प्रतापगढ़ जिले से कांठल- आस्था और प्रकृति का संगम थीम की झांकी रहेगी। इसमें सीतामाता वन्यजीव अभ्यारण्य, गौतमेश्वर मंदिर के साथ ही गैर नृत्य, स्थानीय मांडना व थेवा कला को भी प्रदर्शित किया जाएगा। सलूम्बर जिले से हाड़ा रानी के बलिदान, महाराणा प्रताप के शौर्य, मां ईडाणा की आस्था एवं जयसमंद झील के माध्यम से मेवाड़ के महाराणाओं की जल संग्रहण हेतु दूरदर्शिता की थीम पर झांकी सजाई जा रही है।
स्वच्छता और विकास के बढ़ते कदम भी...
झांकियों में स्वच्छता और विकास के बढ़ते कदम भी परिलक्षित होंगे। राजसमंद जिले की झांकी में स्वच्छता का 4 पी मॉडल, माय ऑफिस क्लीन ऑफिस तथा सामूहिक स्वच्छता अभियान की उपलब्धियों को प्रदर्शित किया जा रहा है। वहीं कोटा जिले से कामयाब कोटा थीम पर झांकी सजाई जा रही है। राजधानी जयपुर से भी विकास और सांस्कृतिक वैभव को प्रदर्शित करती झांकी रहेगी। भरतपुर जिले से युनेस्को वर्ल्ड नेचुरल साइट में शामिल केवलादेव घना पक्षी विहार की झांकी प्रस्तुत की जा रही है। वहीं बीकानेर जिला सौलर ऊर्जा में अग्रणी राजस्थान को दर्शाएगा।
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