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बारात का इंतजार था, आ गई प्रशासनिक टीम

ज़िला प्रशासन, बाल कल्याण समिति एवं चाइल्ड हेल्पलाइन ने दो नाबालिग बहनों की रूकवाई शादी

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उदयपुर, 19 अप्रेल। ज़िला प्रशासन, बाल कल्याण समिति बाल अधिकारिता विभाग एवं चाइल्ड हेल्पलाइन टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए दो नाबालिग बहनों का विवाह रूकवाया।

ग्राम पंचायत साकरिया खेड़ी के गांव भीमल चारणान में रविवार रात दो नाबालिग बहनों की शादी करवाने की तैयारी थी। जिला विधिक प्राधिकरण के सचिव एवं एडीजे कुलदीप शर्मा को सूचना मिलने पर उन्होंने बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक केके चंद्रवंशी को सूचित कर कार्यवाही के लिए निर्देशित किया।

सहायक निदेशक के निर्देशन में टीम का गठन कर बाल कल्याण समिति अध्यक्ष श्रीमती यशोदा पणीया, चाइल्ड हेल्पलाइन जिला समन्वयक नवनीत औदिच्य, टीम से मोहन लाल लोहार, मोइन पिंजारा, डबोक थाने से बीट कॉन्स्टेबल ललित मीणा मौके पर पहुंचे। बाल विवाह की सूचना उचित पाई गई और सारे तथ्यों को देखने के बाद माता-पिता सहित अन्य परिजनों को पाबंद कराया और शपथ पत्र लिया कि जब तक दोनों बहनों की उम्र 18 वर्ष नहीं होगी, तब तक विवाह नहीं कराएंगे।

साथ ही हिदायत भी दी गई कि अगर चुपके या अन्यत्र ले जाकर बालिकाओं की जबरन शादी करने की कोशिश की तो विभाग विवाह को शून्य कराने की कार्यवाही करने के साथ ही संबंधितों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करेगा।बारात का इंतजार था, आ गई प्रशासनिक टीम जिला प्रशासन, बाल कल्याण समिति एवं चाइल्ड हेल्पलाइन ने दो नाबालिग बहनों की रूकवाई शादी फोटो संलग्न उदयपुर, 19 अप्रेल।

जिला प्रशासन, बाल कल्याण समिति बाल अधिकारिता विभाग एवं चाइल्ड हेल्पलाइन टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए दो नाबालिग बहनों का विवाह रूकवाया। ग्राम पंचायत साकरिया खेड़ी के गांव भीमल चारणान में रविवार रात दो नाबालिग बहनों की शादी करवाने की तैयारी थी।

जिला विधिक प्राधिकरण के सचिव एवं एडीजे कुलदीप शर्मा को सूचना मिलने पर उन्होंने बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक केके चंद्रवंशी को सूचित कर कार्यवाही के लिए निर्देशित किया। सहायक निदेशक के निर्देशन में टीम का गठन कर बाल कल्याण समिति अध्यक्ष यशोदा पणीया, चाइल्ड हेल्पलाइन जिला समन्वयक नवनीत औदिच्य, टीम से मोहन लाल लोहार, मोइन पिंजारा, डबोक थाने से बीट कॉन्स्टेबल ललित मीणा मौके पर पहुंचे।

बाल विवाह की सूचना उचित पाई गई और सारे तथ्यों को देखने के बाद माता-पिता सहित अन्य परिजनों को पाबंद कराया और शपथ पत्र लिया कि जब तक दोनों बहनों की उम्र 18 वर्ष नहीं होगी, तब तक विवाह नहीं कराएंगे। साथ ही हिदायत भी दी गई कि अगर चुपके या अन्यत्र ले जाकर बालिकाओं की जबरन शादी करने की कोशिश की तो विभाग विवाह को शून्य कराने की कार्यवाही करने के साथ ही संबंधितों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करेगा।

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