चिकित्सकों के प्रति बढ़ती हिंसा एवं रामदेव द्वारा चिकित्सकों और चिकित्सा व्यवस्था के विरुद्ध लगातार की जा रही अनर्गल बयानबाजी के खिलाफ देश के सभी चिकित्सकों द्वारा सामूहिक रूप से 18 जून शुक्रवार को राष्ट्रव्यापी विरोध दिवस मनाया जाएगा।
अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सा संघ (अरिस्दा) के प्रदेशाध्यक्ष डॉ अजय चौधरी ने बताया कि राज्यव्यापी संघ ने चिकित्सकों के राष्ट्रीय संगठन आईएमए की ओर से आहूत इस विरोध प्रदर्शन को अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ (अरिस्दा) के सभी सेवारत चिकित्सक 18 जून को पूरे दिन “ब्लैक रिबन” (काला फीता/पट्टी) धारण कर गांधीवादी तरीक़े से विरोध प्रदर्शन करेंगे।
संघ के प्रदेश महासचिव डॉ शंकर एच बामनिया न बताया कि कोविड महामारी के दौर में देशभर के चिकित्सक (चाहे वे सरकारी सेवा में हों, रेजिडेंट हों, इंटर्न हों या निजी चिकित्सक हों) ने अपनी जान जोखिम में डाल कर पीड़ित मानवता की रक्षा में जुटे हुए हैं। इस दौरान हज़ारों चिकित्सक और चिकित्साकर्मी वीर गति को भी प्राप्त हुए है। फिर ऐसे में चिकित्सकों के खिलाफ इस प्रकार की हिंसा करना तथा निजी लाभ के लिए चिकित्सा पद्धति को निन्दित करना, सीधे तौर पर अक्षम्य अपराध है।
आमतौर पर कतिपय असामाजिक तत्वों और स्थानीय छुटभैया नेताओं द्वारा किसी भी समय चिकित्सालयों में जाकर मरीज़ों को भड़का कर अपने आपको मीडिया में लाने और त्वरित रूप से प्रचारित होने के लिए राज्य के विभिन्न स्थानों पर चिकित्सकों के विरुद्ध हिंसा लगातार क़ारित की है, जो कि अब असहनीय हो गई है। देशभर के चिकित्सक संघों ने आम चिकित्सक के लिए इस पीड़ादायक स्थिति को महसूस करते हुए शुक्रवार को काला दिवस मनाने का फैसला किया है।
संघ के प्रदेश सयुक्त सचिव डॉ ओ पी रायपुरिया ने बताया कि अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ (अरिस्दा) की ओर से चिकित्सकों के राष्ट्रीय संगठन आईएमए द्वारा आहूत इस विरोध प्रदर्शन को अपना समर्थन देते हुए 18 जून 2021 को पूरे दिन “ब्लैक रिबन” धारण कर गांधीवादी तरीक़े से अपना विरोध दर्ज करवाते हुए अपनी पीड़ा का इजहार करेंगे।
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