कोरोना महामारी के मामलों में अब जैसे ही धीरे-धीरे कमी होने लगी है। वहीं अब एक ओर महामारी म्यूको माइकोसिस यानी ब्लैक फंगस के मामले देखने को मिल रहे है। राजस्थान सरकार इस बीमारी को लेकर बेहद चितिंत है। म्यूको माइकोसिस यानी ब्लैक फंगस महामारी को लेकर राजस्थान सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की है।
राजस्थान की गहलोत सरकार ने इसके इलाज के लिए निजी अस्पतालों के लिए कुछ प्रोटोकॉल और दरें निर्धारित कर दी हैं। ताकि इस बीमारी का इलाज करवाने वाले मरीजों से निजी अस्पतालों में ज्यादा पैसा न वसूल किया जा सके। कोरोना महामारी की तर्ज पर सरकार ने इस बीमारी के इलाज के लिए कुछ अस्पतालों को भी अधिकृत किया है।
पहले चरण में प्रदेश के 20 अस्पतालों को इसके लिए अधिकृत किया गया है। जिसमें उदयपुर के आरएनटी मेडिकल कॉलेज, गीतांजली मेडिकल कॉलेज शामिल है। सरकार की नई गाइड लाइन के मुताबिक निजी अस्पताल संचालक ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीज से आईसीयू विद वेंटिलेटर बेड के 9900 रुपए से ज्यादा चार्ज नहीं ले सकेंगे। इसमें आईसीयू विद वेंटिलेटर बेड के अधिकत 9900 रुपए, आईसीयू बेड के 8250 रुपए की दर निर्धारित की है। हालांकि इन बेड के अलावा अन्य चार्जेज डॉक्टर का परामर्श शुल्क, नर्सिंग चार्ज, मरीज को देने होंगे। दवाइयां, जांच सहित तमाम शुल्क अलग से देने होंगे।
इस बीमारी में ग्रसित मरीजों में कई की सर्जरी भी करनी पड़ती है। करीब 6 तरह की सर्जरी के लिए भी सरकार ने शुल्क निर्धारित किए हैं, जो 11 से लेकर 52 हजार रुपए के बीच है।
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