उदयपुर। फतहसागर के ओवरफ्लो पॉइंट से नीचे उतरने सड़क के किनारे 11 ठेला संचालको को उदयपुर नगर निगम ने अनुमति दे डाली जबकि फतहसागर की पाल पर मालिकाना हक़ यूडीए (उदयपुर विकास प्राधिकरण) का है।
उदयपुर नगर निगम ने इन ठेला संचालको को लाइसेंस भी दिया और यह वेंडर्स निगम को किराए के तौर पर सालाना करीब 500 रूपये भी चूकाते है। जैसे ही यूडीए (Udaipur Development Authority) की पता लगा तो यूडीए (UDA) ने तीन दिन पहले सभी 11 ठेला संचालको को वहां से हटा दिया।
ठेला संचालक सीपीएम नेता हीरालाल साल्वी के नेतृत्व में यूडीए के चक्कर काट रहे है। उधर, यूडीए कमिश्नर राहुल जैन ने इन वेंडर्स को वापस ठेला लगाने की अनुमति देने से साफ़ इंकार कर दिया है। यूडीए का मानना है की इन ठेला संचालको को लाइसेंस नगर निगम से दिया है समस्या का समाधान भी निगम ही करेगा।
विवाद तब और गहरा गया जब यूडीए के हटाने के बाद नगर निगम के अधिकारीयों ने इन ठेला संचालको को वापस वहीँ खड़ा कर दिया। जबकि यूडीए (उदयपुर विकास प्राधिकरण) ठेले नहीं खड़े होने देने के लिए अड़ा हुआ है।
यूडीए (उदयपुर विकास प्राधिकरण) का तर्क है कि संकरी सड़क के किनारे खड़े ठेले के कारण यातायात व्यवस्था बाधित होती है और सड़क जाम के हालात बनते है।
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