उदयपुर 9 दिसंबर 2024। जिला कोर्ट में बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के बीच विवाद सामने आया जहां पर बार एसोसिएशन के महासचिव राजेश शर्मा अपने ही बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भरत जोशी के खिलाफ सत्याग्रह बैठ गए। शर्मा की मांग थी की बार एसोसिएशन द्वारा बनाई गई चैम्बर कमेटी द्वारा चैम्बर निर्माण और अलॉटमेंट के नाम पर लिए गए 1100 रूपए की राशि आवेदकों को पुनः लौटा दिए जाए। हालंकि पैसे वापस मिलने के आश्वासन के बाद राजेश शर्मा ने अपना सत्यागृह पानी पीकर समाप्त कर दिया है।
चैंबर निर्माण के लिए आए 512 आवेदनों की जमा शुल्क राशि को अधिवक्ताओं को पुनः लौटाने की मांग को लेकर सत्याग्रह पर बैठे थे राजेश शर्मा का कहना था की कमेटी द्वारा इस राशि को 1100 रूपए तय किया गया था जिसमे से 100 रूपए तो फॉर्म के थे और अन्य कामों के लिए 1000 रूपए निर्धारित किये गए थे। लेकिन जब अब नए चैम्बर बन ही नहीं रहे हैं तो ये राशि आवेदकों को फिर से लौटा दी जानी चाहिए।
साथ ही उन्होंने कहा की डीजे साहब ने भी पिछले दिनों वरिष्ठ अधिवक्ताओं और बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और सदस्यों के साथ एक मीटिंग कर ये कह दिया तहत की जब बलीचा में कोर्ट की नई बिल्डिंग बन रही है तो फिर सिर्फ 100 रूपए फॉर्म के ही रखे जाए और साथ ही इसको शहर में रखने के लिए पत्रावली पर रखा जाए। इसी बात को लेकर उन्होंने इस बात की मांग की की आवेदकों को बाकि बचे 1000 रूपए की राशि लौटा दी जाए।
साथ ही उन्होंने कहा की उनका ये भी विरोध था की ये जमा की गई राशि अभी तक बार अध्य्क्ष के पास नकद रखा हुआ है इसको किसी निर्धारित बैंक अकाउंट में क्यों नहीं जमा करवाया गया। इसी को लेकर सोमवार सुबह राजेश शर्मा कोर्ट परिसर में सत्याग्रह पर बैठ गए।
वहीं बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भरत जोशी ने कहा कि सभी आरोप निराधार हैं, उन्होंने कहा की कार्यकारिणी को इस बात की कोई जानकारी नहीं है की आखिरकार राजेश शर्मा द्वारा सत्याग्रह पर क्यों बैठ गए। जोशी ने कहा की जब कार्यकारिणी बनाई गई थी तब ये निर्णेय लिया गया था की चैम्बर निर्माण के लिए आवेदन मांगे जाएंगे और उसके लिए 1100 रूपए की राशी तय की गई थी जिसमे से 100 रूपए फॉर्म के तय किये गए थे बाकि अन्य कामो के लिए रखे गए थे। इन नए चैम्बरों के लिए नक्शा बनवाया गया जिसको बनवाने का खर्च 60 हजार रूपए आया तो ये राशि कार्यकारिणी द्वारा इसी पैसों में से ली गई।
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भरत जोशी ने कहा कि ये पैसा बार एसोसिएशन के पास सुरक्षित पड़ा हुआ है। ना ही किसी आवेदक ने उनसे पैसे पैसे वापस लौटने के लिए कहा या पैसों के लिए संपर्क किया है, ये सिर्फ राजेश शर्मा द्वारा ही राजनैतिक रूप से उठाया गया मुद्दा है, उनकी इस हरकत से नाराज हो कर बार एसोसिएशन के कई सदस्यों ने जो की वरिष्ठ अधिवक्ता भी है उन्होंने अपने पद से रिजाइन कर दिया। हालाँकि समझाइश के बाद और पैसे लौटाने के आश्वासन के बाद उन्होंने पानी पीकर अपने सत्याग्रह को समाप्त किया।
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