उदयपुर होटल उद्योग ने 10 साल के नगरनिगम लाइसेंस नीति की अपील की
10 वर्षीय नगर निगम लाइसेंस लागू करने हेतु CM को लिखा पत्र
उदयपुर 2 सितंबर 2025। होटल एसोसिएशन उदयपुर (HAU) ने एक बार फिर उदयपुर के होटल उद्योग से जुड़ी सबसे अहम मांग को लेकर राजस्थान सरकार को तात्कालिक पत्र लिखा है।
होटल एसोसिएशन उदयपुर के उपाध्यक्ष यशवर्धन राणावत ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को भेजे गए पत्र में स्पष्ट कहा है कि यदि उदयपुर में 10 वर्षीय नगर निगम लाइसेंस नीति का सितंबर माह के प्रथम पखवाड़े में क्रियान्वयन नहीं हुआ, तो आने वाले पर्यटन सीज़न (1 अक्टूबर 2025 से प्रारंभ) में सैकड़ों होटल फिर से उसी जटिल, खर्चीली और शोषणकारी एक वर्षीय लाइसेंस प्रणाली में फँस जाएंगे।
पत्र में यह कभी कहा गया है कि पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो। गौरतलब है कि एक पत्र राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी को भी भेजा गया है, तथा दोनों ही पत्रों की प्रति उदयपुर ज़िला कलेक्टर, संभागीय आयुक्त और नगर निगम आयुक्त को प्रेषित की गई है।
इससे पहले भी HAU ने 11 अप्रैल 2025 और 09 जुलाई 2025 को राजस्थान सरकार को औपचारिक पत्र लिखे थे, तथा व्यक्तिगत बैठकों में भी यह मुद्दा उठाया था। बावजूद इसके, उदयपुर में अब तक केवल एक वर्षीय लाइसेंस ही जारी किए जा रहे हैं, जबकि जयपुर और अन्य प्रमुख शहरों में 10 वर्षीय नीति पहले से लागू है।
एक वर्षीय लाइसेंस प्रणाली के दुष्परिणाम
- अनावश्यक निरीक्षण, कागज़ी कार्यवाही और उत्पीड़न की संभावनाएँ
- निवेशकों का विश्वास कमज़ोर होना और दीर्घकालिक वित्तीय योजनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव
- सरकार की घोषित नीति से विरोधाभास, जिससे उद्योग जगत में विश्वास का ह्रास।
- “ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस” जैसी सुधारात्मक पहल को धक्का।
तीन ठोस कदम का आग्रह
- UMC को तत्काल निर्देश जारी कर पर्यटन इकाइयों हेतु 10 वर्षीय लाइसेंस लागू किए जाएं।
- राज्य स्तरीय अधिसूचना जारी कर सभी नगर निकायों में समान नीति का पालन सुनिश्चित किया जाए।
- निगरानी तंत्र स्थापित किया जाए, जिससे नीति और ज़मीनी क्रियान्वयन के बीच की खाई दूर हो।
राणावत ने कहा कि उदयपुर का होटल उद्योग रोजगार और उद्यमिता का प्रमुख स्रोत है तथा राजस्थान की विरासत और आतिथ्य का वैश्विक दूत है। एक वर्षीय लाइसेंस व्यवस्था उद्योग के सम्मान, विश्वास और सुधार की भावना को ठेस पहुँचा रही है।
होटल एसोसिएशन ने सरकार को चेताया है कि यदि अब भी ठोस निर्णय नहीं हुआ तो पर्यटन सीज़न की शुरुआत से पहले उदयपुर का आतिथ्य क्षेत्र अनिश्चितता और अव्यवस्था में फँस जाएगा, जिसका सीधा असर राजस्थान की छवि और पर्यटन कारोबार पर पड़ेगा।
यह मामला अब सरकार की निर्णायक कार्रवाई पर टिका हुआ है कि वह उदयपुर के होटल उद्योग की वर्षों पुरानी मांग को कितना शीघ्र और प्रभावी रूप से पूरा करती है। राणावत ने विश्वास जताया कि वर्तमान पत्र कार्यवाही के बाद नगरनिगम होटल उद्योग को पंद्रह दिन के भीतर दस वर्ष के लिए नगरनिगम लाइसेंस लागू कर देगा। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री कार्यालयों ने पत्र को अत्यंत गंभीरता से लिया है, साथ ही नगरनिगम आयुक्त अभिषेक खन्ना पूरे मामले पर काफ़ी सकारात्मक दिखे। नए आयुक्त की कार्यप्रणाली से पर्यटन हितधारक भी संतुष्ट दिखे। जल्द ही होटल व्यवसायों को शुभ समाचार मिलने के संकेत हैं।
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