मंगलवार को उदयपुर सांसद अर्जुन लाल मीणा ने लोकसभा में अरावली पर्वत श्रंखलाओं के इको-सिस्टम को बचाने की मांग की। अर्जुन मीणा ने लोक सभा में नियम 377 के तहत सरकार से मांग की ओर कहा कि उदयपुर संभाग राजस्थान का जनजाति बाहुल्य एवं अति प्राचीन अरावली पर्वत श्रंखलाओं से घिरा हुआ है। यहां की अधिकांश आबादी जनजाति वर्ग की है जो कृषि वनोपज, वन पर निर्भर है।
लेकिन कुछ वर्षों से यहां की जनजाति वर्ग की जमीनों को अवैध तरीके से डमी व्यक्तियों के नाम खरीद-फरोख्त की जा रही है, जनजाति वर्ग की जमीनों को जनजाति वर्ग से भिन्न वर्ग को बेचान नहीं हो सकती। इस प्रकार का बेचान प्रतिबंधित है किंतु भू-माफियाओं का गिरोह इस क्षेत्र में डमी व्यक्तियों के नाम से एग्रीमेंट करके जनजाति वर्ग की जमीनों को जिसमें अधिकांश अरावली पर्वत की पहाड़ियां हैं को खरीदकर अंधाधुंध अवैध तरीके से कटिंग करवा रहे हैं।
उदाहरण के तौर पर उदयपुर के सिसारमा,कोडियत, ढीकली, अंबेरी, चीरवा, उमरड़ा, कैलाशपुरी, डाकन-कोटड़ा, डेडकिया, काया और नोहरा में बहुत बड़े-बड़े पहाड़ों को काटकर खत्म किया जा रहा है।
उदयपुर लोकसभा सांसद अर्जुन मीणा ने केंद्र सरकार से मांग की है कि किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी से इस पूरे प्रकरण की जांच करवायी जावे एवं एल.आर. एक्ट की धारा 177 के तहत कार्यवाही कर जन-जाति वर्ग की जमीनों को डमी व्यक्तियों के नाम से बेनामी खरीद-फरोख्त को रोकाजाए, जिससे अरावली पर्वत श्रृंखलाओं के इको-सिस्टम को बचाया जा सके।
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