पांच शहीदों सहित इक्कीस को मिला उदयपुर रत्न सम्मान

पांच शहीदों सहित इक्कीस को मिला उदयपुर रत्न सम्मान

प्रति वर्ष आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज और आसपास क्षेत्र से ऐसी प्रतिभाओं को चुनकर सम्मानित करना है जो या तो गुमनामियों के अंधेरों में खोई है या जिनको अपनी पहचान बनाने का कभी कोई मंच नहीं मिलता
 
udaipur ratna samman

उदयपुर। बहुत कम आयोजन ऐसे होते हैं जिनके मंच पर 10 साल की उम्र से लेकर 100 साल तक की प्रतिभाओं को चुनकर एक साथ सम्मानित किया जाता है। लेकिन झीलों की नगरी में एक कार्यक्रम ऐसा सम्पन्न हुआ जहां शिल्प, शिक्षा, साहित्य, स्वरोजगार, प्रशिक्षण और सामाजिक सरोकारों से जुड़ी बीसियों शख्सियतों का नागरिक अभिनंदन किया गया। 

मौका था सुखाड़िया विश्व विद्यालय अतिथि सभागार में राजस्थान संस्कृति एवम साहित्य संस्थान द्वारा आयोजित उदयपुर रत्न सम्मान समारोह की तीसरी कड़ी का। जहां मेजर अनुज सूद (चंडीगढ़), कैप्टन अनुज नैय्यर और लेफ्टिनेंट किरण शेखावत (दिल्ली), मेजर मुस्तफा (उदयपुर), रामकिशोर पांडे (लखनऊ) सहित कुल पांच शहीदों को मरणोपरांत सम्मानित कर गौरव प्रदान किया गया। जिस पल उनके परिजनों को खचाखच भरे सभागार में खड़े होकर गरिमापूर्ण सम्मान प्रदान किया, उस दौरान हर आंख नम थीं लेकिन मन में शहीदों और वीर परिवारों के प्रति आदर भाव की गहरी चमक भी थीं।  

इन सबको मिला उदयपुर रत्न सम्मान 

सर्वश्री हीरालाल सुहालका (शतायु स्वतंत्रता सेनानी), लाड लोहार (वुमन वेलफेयर), नीरज सनाढ्य (साहित्य), भुवनेश्वर श्रीमाली (यंग अचीवर), दिग्विजय सिंह (यंग अचीवर), मनन जैन (उम्र 12 वर्ष), चंद्रप्रकाश चित्तौड़ा (सूक्ष्म पुस्तिका कलाकार), डॉ. निर्मल यादव (युवा चित्रकार), चमन सिंह (वाइल्ड एनिमल रेस्क्यू), डॉ. अंजू बेनीवाल (शिक्षा), डॉ. नीता परिहार (इंटीरियर डिजाइनर), चारूलता पालीवाल (नाथद्वारा-वुमन वेलफेयर), डॉ. नीता त्रिवेदी (शिक्षा), निखिल मेहता (सीए यंग अचीवर), सुनील लड्ढा (आर्किटेक्चर), विश्व मेहता (यंग अचीवर)। 

इस ख़ास मौके पर मुख्य अतिथि डॉ. लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी (महामंडलेश्वर किन्नर अखाड़ा) और पवित्रानंद गिरी (महामंडलेश्वर उज्जैन किन्नर अखाड़ा) विशिष्ठ अतिथि सौरभ पालीवाल, प्रो. अल्पना सिंह उपस्थित थे। अध्यक्षता आकाशवाणी कार्यक्रम प्रमुख महेंद्रसिंह लालस ने की। इनके अलावा नेहा पालीवाल, चेतन श्रीमाली, डॉ. श्वेता शर्मा, शानू लोढ़ा की भी भागीदारी रही। 

संस्थापक अध्यक्ष रोहित बंसल ने बताया कि प्रति वर्ष आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज और आसपास क्षेत्र से ऐसी प्रतिभाओं को चुनकर सम्मानित करना है जो या तो गुमनामियों के अंधेरों में खोई है या जिनको अपनी पहचान बनाने का कभी कोई मंच नहीं मिलता। इतना ही नहीं, इसका दूसरा पहलू यह भी है कि ऐसी सम्मानित शख्सियतों से औरों को भी प्रेरणा मिले। कार्यक्रम संचालन शालिनी भटनागर और भावना व्यास ने किया। सचिव मधु औदिच्य ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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