उदयपुर 1 फ़रवरी 2025। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा में वर्ष 2025-26 के लिए केंद्रीय बीजेपी पेश किया है। केंद्रीय बजट पर उदयपुर की व्यापारिक संस्थानों, विभिन्न संगठनों और राजनैतिक दलों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
महंगाई और टैक्स के मोर्चे पर लोगों को राहत देने का प्रयास- CA डॉ. निर्मल कुणावत
उदयपुर शहर के वरिष्ठ चार्टर्ड अकाउंटेंट डॉ. निर्मल कुणावत ने आज केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लोकसभा में पेश किये गये आम बजट को ऐतिहासिक बताया।उन्होंने कहा कि यह बजट युवाओं से लेकर महिलाओं पर फोकस रखा गया है। वहीं गरीब, मिडिल क्लास और किसानों के लिए भी इस बजट में खास तोहफा दिया गया है। इस बार के बजट में सरकार महंगाई और टैक्स के मोर्चे पर लोगों को राहत देने का प्रयास किया है, किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये तक बढ़ाने का ऐलान कर राहत पहुंचाई है, निवेश और टर्नओवर की सीमा को क्रमशः 2.5 और 2 गुना तक बढ़ाया इससे उन्हें आगे बढ़ने और हमारे युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने का आत्मविश्वास मिलेगा। चूँकि पहले ये सीमा 10 करोड़ तक थी अब 20 करोड़ कर दी गई। वित्त मंत्री ने बजट में टैक्सपेयर्स नोकरी पेशा अब सालाना 12 लाख रुपये तक कमाने वालों को कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा। वहीं टीडीएस में भी राहत दी गई है।
सीनियर सिटीजन को भी इनकम टैक्स में बड़ी राहत मिली है। हालांकि यह फायदा उन्हीं टैक्सपेयर्स को मिलेगा जो नई टैक्स व्यवस्था के अनुसार आईटीआर फाइल करेंगे। टैक्स डिडक्शन में बुजुर्गों के लिए भी बड़ी घोषणा तोहफा दिया गया है सीनियर सिटिजन के लिए टैक्स डिडेक्शन 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रुपया किया जाता है। स्वैच्छिक अनुपालन को प्रोत्साहित करने के लिए अद्यतन रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा 2 वर्ष से बढ़ाकर 4 वर्ष कर दी गई है।
सभी की अपेक्षाओं के विपरीत सिर्फ नोकरी पैसा के लिए ही राहत का सोचा गया परन्तु व्यवसाय या उद्योगियो के लिए कर के लिए कोई राहत नहीं दी गई। 18 लाख रुपये तक की सालाना इनकम वाले टैक्सपेयर्स को 70,000 रुपये की बचत होगी जबकि 25 लाख तक 1.10 लाख रुपये की बचत होगी वही बजट में पुरानी टैक्स व्यवस्था को लेकर कोई भी घोषणा नहीं की गई। इसका मतलब है कि वे टैक्सपेयर्स जो पुरानी व्यवस्था से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना पसंद करते हैं, उन्हें मायूसी के अलावा इसमें कुछ नहीं मिला। उम्मीद की जा रही थी कि 80 सी या 80डी में कटौती की लिमिट बढ़ाई जा सकती है। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।
आयकर व महंगाई में राहत देने वाला परंतु उद्योग जगत को पर्याप्त प्रोत्साहन नहीं- वरिष्ठ सीए निर्मल सिंघवी
वरिष्ठ सीए निर्मल सिंघवी ने बजट पर व्यक्त करते हुए बताया कि राजकोषी घाटा जीडीपी का 4.9% से घटाकर 4.4% किराए पर टीडीएस काटने की सीमा 2.4 लाख से बढ़कर 6 लाख करने से छोटे करदाताओं को जिनकी आय, आयकर कटौती की सीमा के अंदर है उन्हें अपनी पूरी किराए राशि प्राप्त होगी, साथ ही नए आयकर प्रावधानों के तहत आयकर की छूट की सीमा 12 लाख तक आय वालों को 100% प्राप्त होगी ,परंतु अगर आय 12 लाख रुपए से अधिक है तो कर की गणना 4 लाख रूपये से ही होंगी। इन आयकर छूटो का असर अप्रत्यक्ष रूप से असर एफएमसीजी सेक्टर उद्योगो ,ऑटो सेक्टर उद्योगो, रियल स्टेट सेक्टर पर पड़ेगा एवं साथ ही जनता के हाथ में पैसा रहने से उनकी खरीदने की क्षमता बढ़ेगी जो की एक स्वागत योग्य कदम है।
सिंघवी ने बताया कि सरकार द्वारा नए आयकर बिल को अगले सप्ताह में लाने का प्रस्ताव किया गया है जिससे कि आयकर की जटिलताओं को और कम करने का प्रस्ताव भी स्वागत योग्य है। उन्होंने बताया कि अप्रत्यक्ष कर में लिथियम आयरन बैटरीज के उत्पादन में लगने वाले कच्चे माल पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी की छूट से राहत और बैटरी उत्पादन करने वाली कंपनियों के लिए स्वागत योग्य है एवं साथ ही शिप बनाने वाली कंपनियों बेसिक कस्टम ड्यूटी की छूट को आगे 10 वर्ष और बढ़ाने का प्रस्ताव भी स्वागत योग्य है।
परंतु जहां निर्माण क्षेत्र के उद्योगों उत्पादन क्षेत्र के उद्योगों द्वारा काफी समय से बजट से आशा लगाई जा रही थी एवं साथ ही जनता द्वारा पेट्रोल डीजल की कीमतों में कमी की उम्मीद लगाई जा रही थी वह धूमिल हो गई । कुल मिलाकर बजट मिला-जुला है जहां एक तरफ मध्यम वर्ग को आयकर की छूट प्रदान की गई है, वही उद्योगों को मिलने वाली पूंजीगत सहायता राशि एवं सब्सिडी के रूप में प्रदान की जाने वाली सहायता के संबंध में कोई घोषणा न करना उद्योगों के विकास की गति धीमा करेगी।
बजट पर मार्बल व्यापारियों की परिचर्चा
उदयपुर मार्बल एसोसिएशन द्वारा बजट के पश्चात के एसोसिएशन कार्यालय पर बैठक आयोजित की गई जिसमे आज के बजट पर विस्तृत चर्चा की गई।अध्यक्ष पंकज गंगावत ने वित्त मंत्री के बजट प्रस्ताव पर चर्चा कर कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था उपभोक्ताओं पर निर्भर हैं। सरकार द्वारा आयकर स्लैब में काफी बदलाव किया गया हैं। इससे बाज़ार में पैसा आएगा जिससे इकॉनोमी बूस्ट होगी। इसका सीधा लाभ मिलेगा। साथ ही जीडीपी में भी वृद्धि होगी। यह बजट देश के विकास और समृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
सरकार ने छोटे व नए उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए एमएसएमई एवं मुद्रा लोन की लिमिट को 1 से 2 करोड़ तक बढाया हैं। इससे जल्द ही भारत 5 ट्रिलियन इकोनोमी के लक्ष्य को प्राप्त करेगा। देश जल्द ही विकास व समृद्धि के राह पर चलेगा । इसके अलावा, शिक्षा, स्वास्थ्य और इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया है।
इस बजट में मार्बल को 18 प्रतिशत जीएसटी स्लैब से कम किया जाना चाहिए था पर एसी कोई भी घोषणा इस बजट में नहीं की गई। कोटा स्टोन, सैंड स्टोन व मार्बल की ळैज् टैक्स दर अलग अलग नहीं करके एक ही टैक्स स्लैब में लाना चाहिए था जो की यह आस भी अधूरी रही।
वतनभोगियो के अच्छा लेकिन बीमा क्षेत्र को नुक्सान-स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया स्टाफ एसोसिएशन
स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया स्टाफ एसोसिएशन जयपुर सर्किल के पूर्व उपाध्यक्ष पी.एस.खींची ने विज्ञप्ति जारी कर केन्द्र सरकार के आम बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि अभी तक का यह पहला बजट है, जिसमें वेतन भोगी, मध्यम आय वर्ग, सीनियर सिटीजन, पेंशनर के लिए अच्छा बजट है। लेकिन बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 74 से 100% तक किया है, जिससे देश की बीमा कम्पनियों को नुकसान होगा। खींची ने बताया कि राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.4% जो 14 लाख करोड़ से ज्यादा रहेगा। फरवरी 2023 के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया की मोद्रिक नीतिगत दरों में परिवत्रन नहीं हुआ है, यह महंगाई और मंदी को दर्शाता है।
उद्यमिता व उद्यमशीलता को बढ़ाने वाला बजट-लघु उद्योग भारती
MSME उद्योगों को अगले 5 वर्षों में ₹2 करोड़ तक की फंडिंग सहायता से नव उद्यमियों के लिए विकास और अवसरों को बढ़ावा देने वाला बजट है जिसमें विशेष रूप से अनुसूचित जाति एवं जनजाति की महिलाओं के लिए भी अलग बजट प्रावधान रखा गया है। बजट घोषणा से आदिवासी अंचल में उद्यमशीलता व रोजगार बढ़ेगा।
युवाओं को 'मेक फॉर इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड' विनिर्माण के लिए आवश्यक कौशल से लैस करने के लिए वैश्विक विशेषज्ञता और साझेदारी के साथ कौशल के लिए पांच राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने, राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन इत्यादि योजनाओं से जल्द ही भारत एक वैश्विक व्यावसायिक ताकत बनेगा। 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देने के लिए युवा स्टार्टअप के विशेष प्रावधान से ये सब भारत के उद्योगों को प्रगति की दिशा में और तेजी से बढ़ाएंगे।
बजट घोषणाए मध्यम वर्गीय के स्वागत योग्य- फोर्टी राजस्थान ब्रांचेज चेयरमैन प्रवीण सुथार
उदयपुर। फेडरेशन ऑफ राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्री (फोर्टी) के राजस्थान ब्रांचेज चेयरमैन प्रवीण सुथार ने बताया कि इस बार का केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री ने मध्यम वर्गीय पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने बताया की 12 लाख रुपये की आय तक कोई कर नहीं। एमएसएमई में 5.7 करोड़ एमएसएमई पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। सूक्ष्म उद्यमियों को ऋण गारंटी बढ़ाई जाएगी। 27 फोकस क्षेत्रों में स्टार्टअप को 1% गारंटी शुल्क पर ऋण दिया जाएगा। निर्यात एमएसएमई के लिए 20 करोड़ तक के टर्म लोन, उद्यम पंजीकृत एमएसएमई के लिए कस्टमाइज्ड क्रेडिट कार्ड,स्टार्टअप के लिए फंड ऑफ फंड, 10,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त व्यवस्था की जाएगी एमएसएमई के लिए क्रेडिट गारंटी कवर 2 करोड़ से बढ़ाकर 5 करोड़ किया जाएगा। स्टार्टअप के पास 10 करोड़ से 20 करोड़ की क्रेडिट गारंटी होगी। इन घोषणाओं से उद्योगों एवं स्टार्टअप के उद्यमियों को नई ऊर्जा मिलेगी।
केंद्रीय बजट 2047 में विकसित भारत की यात्रा को तेजी से आगे बढाएगा : मन्नालाल रावत
सांसद मन्नालाल रावत ने कहा कि केंद्रीय बजट 2025-26 गांव, गरीब, युवा, महिलाओं, आदिवासी, दलित, मध्यम वर्ग और किसान के लिए पर्याप्त जगह के साथ 2047 में विकसित भारत की यात्रा को तेजी से आगे बढाएगा।
सांसद रावत ने शनिवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि 12 लाख रुपये की आय पर कोई टैक्स नहीं देने की घोषणा से करोडों मिडिल क्लास लोगों को फायदा मिलेगा। मोदी सरकार ने मध्यम वर्ग को ताकत दी है। बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर, सामाजिक क्षेत्र समेत 10 प्राथमिकताओं से समझा जा सकता है कि सरकार का ध्यान हर वर्ग पर है, जिसमें आदिवासियों को भी पर्याप्त जगह दी गई है। यह बजट रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म को एक साथ लेकर चलता है, सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास।
बजट में शिक्षा को आधुनिक तकनीक से जोड़ने के लिए कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। विद्यालयों के लिए 50,000 अटल टिंकरिंग लैब और सरकारी स्कूलों में ब्रॉडबैंड सुविधा की घोषणा से विद्यार्थियों को नवीनतम तकनीकी संसाधनों तक समान अवसर प्राप्त होंगे। 2,00,000 करोड़ रुपये का शोध और अनुसंधान के लिए पहली बार प्रावधान करने से भारत में अनुसंधान को नई ऊर्जा मिलेगी, जिससे देश वैश्विक स्तर पर विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा सकेगा। सांसद श्री रावत ने कहा कि मेडिकल और आईटी क्षेत्रों में सीटों की बढ़ोतरी भी एक बडा फैसला है। इससे युवाओं को उच्च शिक्षा के अधिक अवसर मिलेंगे। एआई के क्षेत्र में 5,000 करोड़ रुपये का प्रावधान भारत को एक नए डिजिटल युग में लेकर जाएगा और इससे स्टार्टअप, उद्योग, तथा शोधकर्ताओं को नए अवसर प्राप्त होंगे।
बजट में राजस्थान की पूरी तरह अनदेखी-राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं प्रवक्ता पंकज कुमार शर्मा
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं प्रवक्ता पंकज कुमार शर्मा ने केंद्र सरकार के बजट को अत्यंत निराशाजनक बताते हुए कहा कि यह आम आदमी, किसान, युवा और मध्यम वर्ग के लिए पूरी तरह से हताश करने वाला बजट है। उन्होंने कहा कि बजट में राजस्थान की पूरी तरह अनदेखी की गई। उन्होंने कहा कि इस बजट में न तो किसानों की बेहतरी के लिए कोई ठोस कदम उठाए गए, न ही युवाओं के लिए रोजगार सृजन की कोई प्रभावी योजना बनाई गई। राज्य के विकास के लिए केंद्र सरकार से विशेष ध्यान और निवेश की अपेक्षा की जाती है, ताकि राजस्थान की जनता को समुचित लाभ मिल सके। राजस्थान में बेरोजगारी चरम पर है, लेकिन बजट में नए उद्योगों की स्थापना, स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन या तकनीकी शिक्षा के विस्तार पर कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई। राजस्थान देश-दुनिया में अपनी संस्कृति और पर्यटन स्थलों के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन इस बजट में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने की कोई रणनीति नहीं बनाई गई। यदि इस क्षेत्र पर ध्यान दिया जाता तो लाखों युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिल सकते थे। किसान लंबे समय से कर्ज़ माफी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने इसे पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया। शर्मा ने कहा कि यह बजट स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि असंवेदनशील केंद्र सरकार की नीतियां सिर्फ अपने ‘मित्रों’ को लाभ पहुंचाने और अमीर व गरीब के बीच खाई बढ़ाने का काम कर रही हैं।
विधायक मीणा ने केन्द्रीय बजट को सर्वहित में महत्वपूर्ण बताया
उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा ने केन्द्रीय बजट को सर्वहित में महत्वपूर्ण बताया है। उन्होंने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन द्वारा प्रस्तुत किए गए केंद्रीय बजट में 12 लाख रुपये तक की आय को टैक्स से मुक्त कर दिया गया है। सभी आय वर्ग के लोगों के लिए टैक्स में भी कमी की गई है। इसका बहुत बड़ा लाभ हमारे मध्यम वर्ग को और नौकरी.पेशा लोगों को मिलेगा। इस बजट में किसानों से लेकर आम आदमी के बजट का ध्यान रखा गया है। आर्थिक गतिविधियों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की भी बात कही गई है। यह सर्वसमावेशी बजट न केवल वर्तमान की समस्त आवश्यकताओं की परिपूर्ति करता हैए बल्कि विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है। इस बजट में आर्थिक विकासए सामाजिक समावेश एवं पर्यावरण संरक्षण का समुचित संतुलन देखने को मिला है।
बजट पर भाजपा जिलाध्यक्ष गजपाल सिंह राठौड़ की प्रतिक्रिया
भाजपा जिलाध्यक्ष गजपाल सिंह राठौड़ ने केंद्रीय बजट 2025 को ऐतिहासिक बताया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एवं केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह बजट भारत के प्रत्येक वर्ग के लिए महत्वपूर्ण है
जिलाध्यक्ष गजपाल सिंह राठौड़ ने बताया कि विकसित भारत के निर्माण साकार करने वाला सर्वस्पर्शी यह बजट भारत के सभी वर्गों के लिए बेहद महत्वपूर्ण और दूरदर्शी है। इससे गरीब, किसान, महिला, युवा, व्यापारियों के हितों का ध्यान रखा गया और भारत को वैश्विक महाशक्ति बनाने में मदद मिलेगी.. जिसमें 12 लाख इनकमटैक्स में मिलेगी छूट, किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट 5 लाख तक बढ़ाई, सीनियर सिटीजन की एक लाख तक टैक्स छूट, जल जीवन मिशन 2028 तक बढ़ाया, शहरी विकास के लिए 1 लाख करोड़ का बजट, st sc पिछड़े वर्गों को अलग से मुद्रा लोन दिया जाएगा, 36 जीवन रक्षक दवाईपर कस्टम ड्युटी पुरी तरह ख़त्म करना शामिल है।
बजट पर उदयपुर कांग्रेस की प्रतिक्रिया
केंद्र की मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले पूर्ण बजट पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया देते हुए उदयपुर देहात जिला कांग्रेस अध्यक्ष कचरू लाल चौधरी ने कहा कि डबल इंजन की दुहाई देकर राजस्थान की सता में आने के बाद देश के बजट में राजस्थान का नाम तक नहीं लिया। ये राजस्थान की जनता के साथ विश्वासघात है। केंद्र सरकार का बजट पूरी तरह निराशाजनक है। व्यापारी वर्ग जटिल जीएसटी प्रणाली को लेकर चिंतित रहता था और उसे इस आम बजट से राहत की उम्मीद थी लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने व्यापारी वर्ग को पूरी तरह निराश किया है।
उदयपुर शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष फतह सिंह राठौड़ ने कहा कि देश गरीबी, महंगाई और बेरोजगारी से बुरी तरह 'त्रस्त' है और मोदी जी के पूंजीपति मित्र 'मस्त' है। केंद्र सरकार ने इस बजट में महंगाई और रोजगार की दिशा में कोई घोषणा नहीं करी। पुरानी पेंशन (ओपीएस) को लेकर निराशाजनक रवैया बरकरार है। ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना बनाने को लेकर कोई घोषणा नहीं करी गई। कुल मिलाकर मध्यम वर्ग से 'मोदी की लूट' निरंतर जारी रहेगी। देश का बजट पूरी तरह निराशाजनक है।
उदयपुर देहात जिला कांग्रेस प्रवक्ता डॉ संजीव राजपुरोहित ने कहा कि आज देश में किसानों की आत्महत्या सबसे बड़ा मुद्दा है। अलग-अलग राज्यों में देश के अन्नदाताओं द्वारा करी जाने वाली आत्महत्याओं की संख्या बढ़ती जा रही है। देश के किसान को एमएसपी की गारंटी चाहिए। उन्हें 'क्रेडिट फैसिलिटी' नहीं, बल्कि कर्जमाफी चाहिए। किसान सरकार से बात करना चाहते हैं। पहले वे दिल्ली के बॉर्डर पर एक साल से ज्यादा तक बैठे रहे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। पेट्रोल-डीजल पर वेट को लेकर भी देश का आमजन इस आम बजट में वेट कम होने की उम्मीद लगाए बैठा था। लेकिन देश के आमजन को इसमें निराशा हाथ लगी है। कुल मिलाकर मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट झूठ और जुमलो का पुलिंदा है।
बजट 2025 : उद्योगपतियो को राहत देकर जरूरतमंदों का बोझ बढ़ाने वाला-माकपा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने मोदी 3.0 सरकार का पहला बजट खाद्य वस्तुओं की बढ़ती मंहगाई, रुके हुए आर्थिक विकास, घटते रोजगार, गिरता रुपया, आम जन की घटती क्रय शक्ति, किसानों के आन्दोलन और विकासमान अर्थव्यस्थाओं पर ट्रम्प के अमेरिकी प्रशासन की धमकियों के बीच पेश किया है। जनता एक ऐसा राहत देने वाला बजट चाहती थी जिसमें बढ़ रही आर्थिक विषमता कम हो और आम जन की क्रय शक्ति बढ़े. लेकिन भाजपा सरकार ने पिछली गलतियां सुधारने की बजाय इस बार भी अमीर परस्त बजट ही पेश किया है।
मध्यम वर्ग को आयकर में कुछ राहत मिली है, लेकिन मजदूरों, किसानों और आम मेहनतकश जनता को मुश्किल हालातों में ऐसे ही छोड़ दिया गया है जो चिन्ताजनक है। उन्हें राहत देने के लिए आवश्यक उपभोक्ता सामग्री पर जीएसटी में कमी करने और जनकल्याण योजनाओं में खर्च बढ़ाने की जरूरत को अनदेखा किया गया है। कॉरपोरेटों और अमीरों पर टैक्स बढ़ाने के लिए सरकार में राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी साफ तौर पर उजागर हो रही है. निजी क्षेत्र के लगातार बढ़ रहे मुनाफे के बावजूद सरकार की प्राथमिकता अमीरों पर टैक्स बढ़ाने की जगह जनकल्याण, सामाजिक, कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों में खर्च कम करने की है. यह बिल्कुल जनविरोधी दिशा है।
ABVP ने किया बजट का स्वागत
वर्ष 2025-26 के लिए लाये गए सामान्य बजट में शिक्षा क्षेत्र के लिए 1,28,650 करोड़ को आवंटित करने के कदम का ABVP स्वागत करती है। शिक्षा, रोज़गार, उद्यमिता, महिला, स्वास्थ्य, टेक्नोलॉजी तथा समाज के सभी वर्गों की आवश्यकताओं और अपेक्षाओं को ध्यान में रखकर केंद्रीय बजट में की गई घोषणाएं विश्व के बदलते स्वरूप के अनुरूप भारत को विकसित होने तथा प्रतिस्पर्धायोग्य बनाने में सहायक होगी। केंद्रीय बजट में, शिक्षा के लिए पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष 7 फीसदी वृद्धि की गई है जिससे विश्वविद्यालयों, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान तथा भारतीय प्रबंधन संस्थान को दिए जाने वाले बजट में भी सकारात्मक बढ़ोत्तरी होगी, शिक्षा पर केंद्रित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में तीन उत्कृष्ट केंद्र स्थापित होंगे जिसका उद्देश्य शिक्षा क्षेत्र में AI-संचालित प्रगति को बढ़ावा देना है इस पहल पर कुल 500 करोड़ रुपये का व्यय होगा जो दर्शाता है की सरकार मौजूदा तकनिकी को भी शिक्षा के साथ जोड़ने में प्रयासरत है। उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए एक नए ‘स्टार्टअप फंड ऑफ फंड्स’ की स्थापना, जिसमें मौजूदा 10,000 करोड़ रुपये के सरकारी योगदान के अलावा 10,000 करोड़ रुपये के नए योगदान की घोषणा भारतीय अर्थव्यवस्था में स्टार्टअपस के लिए संजीवनी का काम करेगा, साथ ही मेडिकल कॉलेजों में 75 हजार सीटें बढाने की भी घोषणा स्वागत योग्य है जो शिक्षा को सुदूर क्षेत्रों तक पहुंचाने के काम आएगी।
बजट मध्यम वर्ग को राहत देने वाला-मुकेश माधवानी
शहर के प्रमुख उद्योगपति और समाजसेवी मुकेश माधवानी ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आम बजट मध्यम वर्ग को राहत प्रदान करने वाला है।सरकार द्वारा 12 लाख तक की आय पर कर छूट दी गई है, जो एक सराहनीय कदम है। साथ ही, बुनियादी ढांचे के विकास पर भी विशेष जोर दिया गया है। साथ ही, उन्होंने राज्य सरकार के बजट में फिल्म सिटी की घोषणा की अपेक्षा की है। मुकेश माधवानी का कहना है कि आम बजट में फिल्म सिटी घोषणा नहीं हुई है लेकिन अब राज्य सरकार से उम्मीद है कि वह मेवाड़ का यह सपना पूरा करें।
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