राजस्थान में खनन कार्यों पर रोक से उदयपुर के सोपस्टोन उद्योग पर संकट


राजस्थान में खनन कार्यों पर रोक से उदयपुर के सोपस्टोन उद्योग पर संकट 

उद्योगपति चिंतित

 
Udaipur soapstone association

उदयपुर 30 जून 2025। इंडियन सोपस्टोन प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन ने एक प्रेस नोट जारी कर बताया कि राजस्थान की अरावली पर्वतमाला में बेध खनन कार्यों को जारी रखने को लेकर उठ रहे मुद्दे पर न्याय, आजीविका और औद्योगिक रिश्तों की दुहाई देते हुए चिंता व्यक्त की है।

एसोसिएशन का कहना है कि वे पिछले चार दशकों से खनन कार्यों से जुड़े हैं और इससे राजस्थान में हजारों परिवारों की आजीविका जुड़ी हुई है। एसोसिएशन से जुड़े 110 से अधिक उद्योगों का प्रतिनिधित्व करते हुए उन्होंने माननीय उच्चतम न्यायालय को एक अंतरिम अपील प्रस्तुत की है।

एसोसिएशन का तर्क है कि सरकार ने मार्च 2025 तक सभी खनन कार्यों पर रोक लगाने का आदेश दिया है, जिससे पहले से चल रहे विस्तार, पर्यावरणीय स्वीकृति और लीज़ नवीनीकरण की प्रक्रिया भी प्रभावित हो रही है। इस आदेश का सीधा असर प्रदेश की खनन आधारित अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है और साथ ही हजारों मजदूरों की आजीविका भी खतरे में है।

एसोसिएशन ने यह भी बताया कि उनके सदस्य साबुन पत्थर (सोपस्टोन), डोलोमाइट, कैल्साइट, चाइना क्ले जैसी खनिज सामग्री के 40 से अधिक खदानें संचालित कर रहे हैं, जो न केवल स्थानीय बल्कि राष्ट्रीय उद्योगों की आवश्यकताओं को पूरा करती हैं। यह खनिज केवल खनन तक सीमित नहीं है, बल्कि इनसे जुड़े उद्योगों में भारी निवेश और रोजगार भी जुड़ा हुआ है।

एसोसिएशन ने कहा कि इन खनन गतिविधियों से राजस्थान के ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों में लगभग 5,000 से 10,000 लोगों की प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष आजीविका जुड़ी हुई है। इसलिए वे न्यायालय से अपील करते हैं कि इस संकट की घड़ी में उनकी व्यावसायिक गतिविधियों को राहत दी जाए जिससे रोजगार बना रहे और प्रदेश की आर्थिक गतिविधियों को गति मिल सके।
 

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