उदयपुर 25 जनवरी 2025। UNESCO के रामसर ने झीलों की नगरी के रूप में मशहूर उदयपुर को अब दुनिया के वेटलैंड शहर में शुमार कर लिया है। उदयपुर के साथ मध्यप्रदेश के इंदौर शहर को भी वेटलैंड में शामिल किया गया है। इस तरह दुनिया में अब तक 31 शहरों को वेटलैंड घोषित किया जा चूका है।
उदयपुर और इंदौर को वेटलैंड घोषित करने की पुष्टि केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट से हुई। प्रशासन और वन विभाग ने 2023 में उदयपुर के साथ ही ज़िले के मेनार को वेटलैंड घोषित कराने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा था। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार और केंद्र सरकार ने यूनेस्को की तरफ से स्थापित रामसर कन्वेंशन को भेजा, वहां से मंज़ूरी मिली।
क्या होगा फायदा ?
उदयपुर के वेटलैंड घोषित होने के बाद झीलों के संरक्षण, झीलों में गंदगी रोकने के प्रयास अतिक्रमण पर सख्ती जैसी गतिविधियों में तेज़ी आएगी। वहीँ झीलों के बैक वॉटर में टापू बनाये जाएंगे जिन पर देश विदेश से आने वाले प्रवासी पक्षी रह सकेंगे। इसके अतिरिक्त पर्यटन बढ़ाने के लिए अब लेकसिटी के साथ साथ वेटलैंड सिटी का तमगे से फायदा होगा। सबसे बड़ी बात इन सब कामो के लिए राज्य व् केंद्र से अतिरिक्त फंड के साथ विदेश से भी फंड मिलना संभव है।
क्यों मिला वेटलैंड का तमगा
उदयपुर के शहर में जहाँ पिछोला, स्वरूप सागर, फतहसागर और गोवर्धन सागर जैसी झीले है। वहीँ शहर के आसपास परिधि में उदयसागर, बड़ी झील, मदार तालाब, नांदेश्वर, टीडी बांध, अलसीगढ़ बांध से लेकर लगभग हर गांव तहसील में छोटे मोटे तालाब मौजूद है। उदयपुर ज़िले का मेनार गांव तो बर्ड विलेज के नाम से ही मशहूर है। हर साल यहाँ हज़ारो की तादाद में प्रवासी पक्षी आते है।
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