लेपर्ड के दो हमलों के बाद ग्रामीणों का प्रदर्शन, रोड़ जाम


लेपर्ड के दो हमलों के बाद ग्रामीणों का प्रदर्शन, रोड़ जाम 

ग्रामीणों ने गोगुंदा-झाड़ोल सड़क को अवरुद्ध कर दिया

 
Leopard attack in  Udaipur Gogunda

उदयपुर 20 सितंबर 2024। ज़िले के गोगुंदा क्षेत्र में कल गुरुवार 19 सितंबर को एक ही दिन में हुई दो लेपर्ड हमलों ने गांव वालों को आक्रोषित कर दिया है। इन हमलों के विरोध में, ग्रामीणों ने गोगुंदा-झाड़ोल सड़क को अवरुद्ध कर दिया है। आज शुक्रवार सुबह, गांववाले सड़क के बीच में इकट्ठा होकर वाहनों की आवाजाही रोकने के लिए पत्थर रख दिए। 

मृतकों के परिवार तत्काल मुआवजे और लेपर्ड के शीघ्र पकड़ने की मांग कर रहे हैं, और उन्होंने अपना विरोध तब तक जारी रखने का संकल्प लिया है जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती।

आपको बता दे कि पहला हमला गुरुवार सुबह हुआ, जब 16 वर्षीय कमला का शव उंडीथल गांव के जंगल में मिला। कमला बकरियों को चराने गई थी और जब वह घर वापस नहीं आई, तो परिवार ने उसकी तलाश शुरू की। रात भर की खोजबीन के बाद, उसके शव को जंगल में करीब चार किलोमीटर अंदर पाया गया।

सूचना मिलने पर ग्रामीणों ने पुलिस को सूचित किया और लेपर्ड को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाने की मांग की। घटना स्थल पर वन विभाग की टीम पहुंची। शव की जगह की कठिनाई के कारण ग्रामीणों ने शव को पैदल बाहर लाया गया।

देर शाम, करीब 6:30 बजे, भेवड़िया गांव में एक और दर्दनाक हमला हुआ। खुमाराम गमेती, जो खेतों से लौट रहा था, पर लेपर्ड ने हमला किया। उसकी चीखें सुनकर पास के ग्रामीण मदद के लिए दौड़ पड़े, लेकिन तब तक खुमाराम की मौत हो चुकी थी। पुलिस को सूचित किया गया, और उसके शव को गोगुंदा अस्पताल की मोर्चरी में भेजा गया।

ये हमले 11 दिन बाद हुए हैं, जब झाड़ोल के कीरट फॉरेस्ट क्षेत्र में एक महिला मीराबाई का लेपर्ड ने शिकार किया था। इस घटना ने क्षेत्र में वन्यजीवों के बढ़ते खतरे को लेकर चिंताओं को और बढ़ा दिया है। 

ग्रामीणों ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वे लेपर्ड की खोज में सतर्क हैं। हाल ही में, लेपर्ड को हमले की जगह से 600 मीटर दूर सोलारिया गांव में देखा गया था। वन विभाग ने पिंजरे लगाए हैं, लेकिन अभी तक जानवर को पकड़ने में सफलता नहीं मिली है।

इन हमलों ने आसपास के गांवों में दहशत का माहौल बना दिया है। लोग जंगल के आसपास जाने से कतराने लगे हैं और रात के समय बाहर निकलने से भी डर रहे हैं। 

यह पिछले 5 महीनों में लेपर्ड द्वारा किया गया 7वां घातक हमला है, जिसमें ढाई साल की बच्ची, 55 वर्षीय व्यक्ति, 10 वर्षीय लड़का, 35 वर्षीय महिला और 40 वर्षीय महिला शामिल हैं। ग्रामीण अब सरकार और वन विभाग से सुरक्षा की मांग कर रहे हैं ताकि इस बढ़ते खतरे का समाधान हो सके। 

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