पीएम मोदी ने तीनों कृषि कानून वापस लेने का किया ऐलान

पीएम मोदी ने तीनों कृषि कानून वापस लेने का किया ऐलान

पीएम मोदी ने आंदोलनकारियों से घर लौटने की अपील

 
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किसानों का आंदोलन अभी जारी रहेगा- किसान नेता राकेश टिकैत

करीब दो साल तक तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों की मांग आज जाकर पूरी हुई है। इसके लिए सरकार और किसानों के बीच 11 बार वार्ता भी हुई लेकिन सहमति नहीं बन सकी। आखिरकार मोदी सरकार को किसानों के आगे झुकना पड़ा और केंद्र सरकार ने तीनों नए कृषि कानून वापस ले लिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यह बड़ा ऐलान देश के नाम अपने संबोधन में किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने नाराज किसानों को समझाने का हरसंभव प्रयास किया। कई मंचों से उनसे बातचीत हुई, लेकिन वो नहीं माने। इसलिए, अब तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया गया है।

तीन कृषि कानून बिल लिए वापस

मैं देश वासियों के क्षमा मांगते हुए, सच्चे मन से कहना चाहता हूं कि हमारे प्रयास में कमी रही होगी कि हम उन्हें समझा नहीं पाए। आज गुरू नानक जी का पवित्र प्रकाश पर्व है। आज मैं आपको यह बताने आया हूं, कि हमने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है। इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर देंगे। मेरी किसानों से अपील है कि अपने घर लौटें, खेतों में लौटें।

एक कमेटी के गठन का किया ऐलान

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कृषि क्षेत्र से जुड़े तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के अलावा एक और बड़े फैसले का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि जीरो बजट खेती यानि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए, देश की बदलती जरूरतों को ध्यान में रखकर क्रॉप पैटर्न को वैज्ञानिक तरीके से बदलने के लिए और एमएसपी को अधिक प्रभावी व पारदर्शी बनाने के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा जो ऐसे विषयों से जुड़े निर्णय करेगी। पीएम मोदी के ऐलान के मुताबिक इस कमेटी में केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के प्रतिनिधि, किसान, कृषि वैज्ञानिकऔर कृषि अर्थशास्त्री होंगे।

किसानों का आंदोलन अभी जारी रहेगा

तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के ऐलान के बाद भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि यह आंदोलन वापस नहीं होगा। टिकैत ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहा आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा और उस दिन तक का इंतजार किया जाएगा जब तक इन्हें संसद में रद्द नहीं कर दिया जाता है। इसके अलावा टिकैत ने कहा कि सरकार एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) के साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करे। 

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