नारायण सेवा संस्थान का ‘वर्ल्ड ऑफ ह्यूमैनिटी’ हॉस्पिटल तैयार
उदयपुर। दिव्यांगजन की सेवा, उपचार और पुनर्वास के क्षेत्र में चार दशकों से निरंतर कार्यरत नारायण सेवा संस्थान के नव निर्मित विशाल सेवा परिसर ‘वर्ल्ड ऑफ ह्यूमैनिटी (मानवता का संसार) लोकार्पित हो गया है। यह केवल एक भवन नहीं, बल्कि संवेदना, समर्पण और मानवीय कर्तव्यबोध का मूर्त रूप है। इस बहुमंजिला भवन में सेवा सुविधाओं का बुधवार को मीडिया कर्मियों ने अवलोकन किया। इस दौरान संसथान ट्रस्टी देवेंद्र चौबीसा, मीडिया प्रभारी विष्णु शर्मा हितैषी एवं जनसंपर्क प्रमुख भगवान प्रसाद गौड़ मौजूद रहे।
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वर्ल्ड ऑफ ह्यूमैनिटी’ का भूमि पूजन - 8 फरवरी 2020 को इस संकल्प के साथ हुआ कि दिव्यांग भाई-बहनों को उपचार से लेकर पुनर्वास तक की सभी सुविधाएं एक ही छत के नीचे कराई जाए। महामारी के सबसे कठिन दौर में भी इस सेवा भवन के निर्माण का कार्य रुका नहीं क्योंकि उद्देश्य केवल भवन बनाना नहीं था, बल्कि पीड़ितों के जीवन में सुविधा पूर्वक बनाना था।
विशालता, आधुनिकता और संवेदना का अद्वितीय संगम
यह 11 मंजिला, 2 लाख 40 हजार वर्ग फीट में निर्मित विशाल भवन अपनी पूर्ण गरिमा और उद्देश्य के साथ तैयार खड़ा है। संपूर्ण परिसर पूर्णतः वातानुकूलित है तथा आधुनिक चिकित्सा की नवीनतम सुविधाओं से सुसज्जित है।
इस हॉस्पिटल की प्रमुख विशेषताएँ - 450 बेड का विशाल अस्पताल परिसर। दो मॉडर्न ऑपरेशन थिएटर जहाँ हड्डी, पोलियो, क्लबफुट व अन्य शल्य चिकित्सा की उन्नत तकनीकों का उपयोग होगा। अत्याधुनिक फिजियो और रिहैबिलिटेशन सेंटर, जहाँ प्रत्येक लाभार्थी को व्यक्तिगत पुनर्वास योजना प्रदान की जाएगी। कृत्रिम हाथ-पैर एवं ऑर्थोटिक उपकरणों का उत्पादन केंद्र, जिससे सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता के उपकरण मौके पर ही तैयार और प्रदान किए जाएंगे।
स्वरोजगार आधारित प्रशिक्षण केंद्र जैसे मोबाइल रिपेयरिंग, कंप्यूटर प्रशिक्षण, फैशन डिजाइनिंग, टेलरिंग, मैकेनिकल कौशल आदि। विशेष योग्य बच्चों के लिए आवासीय विद्यालय, जहाँ शिक्षा, पोषण, उपचार और मनोवैज्ञानिक सहयोग एकीकृत रूप से उपलब्ध होगा। सबसे महत्वपूर्ण और गौरवपूर्ण तथ्य यह है कि इन सभी सेवाओं पर लाभार्थी से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। चाहे वह ऑपरेशन हो, कृत्रिम हाथ-पैर, फिजियो थेरेपी, रिहैब, रहना, भोजन, अथवा स्वरोजगार प्रशिक्षण हर सुविधा नारायण सेवा संस्थान की पहचान के अनुरूप पूर्णतः निःशुल्क प्रदान की जाएगी।
अत्याधुनिक सुविधाएं
इस पूरे परिसर में विशेष रूप से ग्रीन और सस्टेनेबल बिल्डिंग, सोलर पावर प्लांट, RO प्यूरीफाइड वॉटर सिस्टम, पूरी तरह से एयर-कंडीशन्ड बिल्डिंग, CP पार्क खास तौर पर डिज़ाइन किया गया थेरेपी ज़ोन, 3-डी प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी, बिल्डिंग मैनेजमेंट सिस्टम (BMS), एक्सेस कंट्रोल सिस्टम, NABH एक्रेडिटेड हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर, एडवांस्ड वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट (WTP), सेंट्रल हॉट वॉटर जनरेटर, मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर, सेंट्रल फैब्रिकेशन यूनिट, लेजर-बेस्ड पेशेंट डायग्नोसिस, फाइव-फंक्शनल एम्बेडेड पैनल बेड और CAD-CAM टेक्नोलॉजी जैसी अत्याधुनिक सुविधाएँ प्रमुख रूप से शामिल हैं।
अवसरों का द्वार, नवजीवन यात्रा का प्रारंभ
संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि “यह भवन मात्र चिकित्सा केंद्र नहीं, यह अवसरों का भी द्वार है। यहाँ आने वाला हर व्यक्ति यह विश्वास लेकर वापस जाएगा कि वह सक्षम है, समर्थ है, और जीवन को पुनः गढ़ सकता है।” “हमारा उद्देश्य है कि दिव्यांगजन समाज के विकास में भागीदार बनें, भार नहीं।”
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