उदयपुर 17 सितंबर 2024। हाल ही में जोधपुर सूर्यनगरी में संपन्न बाल साहित्य संबंधित विमर्श व आचार्य लक्ष्मीकांत जोशी साहित्य (बालकथा साहित्य) सम्मान समारोह में उदयपुर की बाल साहित्यकार डॉ. विमला भंडारी को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे ने डॉ. विमला भंडारी को बाल कथा संग्रह 'पृथ्वी ने मांगी चप्पल' के लिए साफा, सम्मान पत्र, शाॅल, श्रीफल और 21,000 रुपए की राशि भेंट की। मुख्य अतिथि डॉ. दवे ने इस सृजना द्वारा आयोजित इस सम्मान समारोह को अभूतपूर्व बताते हुए कहा कि बाल साहित्य लेखन इस युग की सबसे बड़ी साहित्यिक जरूरत है। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी का हमारे सांस्कृतिक बोध से अवगत होना अत्यंत आवश्यक है।
अपने वक्तव्य में डॉ. भंडारी ने इस सम्मान को स्वयं को गौरवान्वित बताते हुए कहा कि बाल साहित्य लेखन का विकास हमारे भविष्य का विकास है। बालक राष्ट्र का भावी निर्माता है। उनमें सु संस्कार रोपित करने का काम देश को मजबूत करने वाला कदम है।
समारोह की अध्यक्ष सुषमा चौहान ने कहा कि बाल साहित्य लेखन हमारा दायित्व है। आज के युगबोध के अनुरूप बाल साहित्य लेखन इसलिए बड़ी चुनौती है क्योंकि आज की पीढ़ी सूचनाओं की अधिकता के कारण सहज जी प्रभावित नहीं होती। इस आयोजन में हुए विमर्श ने बाल साहित्यकारों को चिंतन के नए आयाम दिए। कार्यक्रम के अंत में नाट्यकार और कत्थक नृत्यांगना महुआ कृष्णदेव ने डॉ. विमला भंडारी की कहानी पृथ्वी ने मांगी चप्पल कहानी की प्रभावशाली नाट्य प्रस्तुति दी। प्रगति गुप्ता ने अतिथियों का स्वागत किया। संचालन सृजना के सचिव हरिदास डाॅ. हरिदास व्यास ने किया।
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