उदयपुर, झील प्रेमियों ने एक बार फिर सौर ऊर्जा व चप्पू-संचालित नावों को ही अनुमति देने व नावों का मार्ग तय करने की मांग की है।
6 फरवरी को आयोजित झील संवाद मे डॉ. अनिल मेहता ने कहा कि पेयजल को जहरीला करने व झील पर्यावरण को बिगाड़ने की अनुमति नही दी जा सकती। अतएव, झीलों मे स्पीड बोट तुरंत बंद हो तथा शेष नावें सौर ऊर्जा व चप्पू से संचालित हो।
झील संरक्षण समिति के तेज शंकर पालीवाल ने कहा कि झील के हर हिस्से मे नावें चल रही है एवं झीलों मे अराजकता मची हुई है। इससे झीलों का पानी प्रदूषित हो रहा है और देशी व प्रवासी पक्षियों के जीवन को खतरा हो रहा है। प्रशासन को नावों का मार्ग भी तय करना चाहिए।
नंद किशोर शर्मा ने कहा कि फ्लोट लगाकर नाव भ्रमण की सीमा निश्चित कर देनी चाहिए। इस सीमा का उल्लंघन करने वालों तथा सूर्यास्त के पश्चात नाव पर्यटन करने वालों को दंडित करना चाहिए।
संवाद से पूर्व पिछोला अमरकुण्ड पर आयोजित श्रमदान में द्रुपद सिंह चौहान, मोहन सिंह, राजकुमार सोनी, हरी सुखवाल व तेज शंकर पालीवाल ने झील क्षेत्र से पॉलिथीन, घरेलू कचरा व जलीय खरपतवार को निकाला।
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