राज्य उपभोक्ता सर्किट बेंच ने पांच साल बाद संगीता को दिलाई राहत

राज्य उपभोक्ता सर्किट बेंच ने पांच साल बाद संगीता को दिलाई राहत 

21 मामलों का हुआ निस्तारण

 
u

डालचंद को मिला संबल

उदयपुर, 18 अगस्त। राज्य उपभोक्ता आयोग जयपुर की सर्किट बेंच उदयपुर ने तीन दिवसीय प्रवास के दौरान उपभोक्ताओं से जुड़े विभिन्न मामलों की सुनवाई की और संबंधित पक्षकारों व अधिवक्ताओं की अंतिम बहस सुनकर उपभोक्ताओं को राहत प्रदान की। इसके तहत कुल 21 मामलों का निस्तारण किया गया। उदयपुर सर्किट बेंच की खंडपीठ में न्यायिक सदस्य सुरेंद्र कुमार जैन एवं सदस्य रामफूल गुर्जर ने उपभोक्ताओं की अपीलों व समस्याओं का सुना, उनके नये मामले दर्ज किए और त्वरित समाधान कर राहत दी।
 

पांच साल बाद संगीता को मिला सुकून
 

गुर्जर ने बताया कि इस दौरान प्रतापगढ़ जिले में बसाड़ा गांव की संगीता चौहान ने पांच वर्ष बाद राहत की सांस ली। संगीता ने बताया कि उसने गत 2 मार्च 2017 को भारतीय जीवन बीमा निगम के विरुद्ध अपील की, जिला उपभोक्ता आयोग प्रतापगढ़ ने इसे खारिज कर दिया था। लेकिन आयोग की सर्किट बेंच उदयपुर ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद अपील को स्वीकार किया है। संगीता चौहान ने 1 जून को 2011 को बेटे पामूल के लिए 1 लाख रुपये की जीवन आरोग्य मेडिक्लेम पॉलिसी ली थी। 29 मार्च 2015 पामूल के पेशाब नहीं आया और वह स्कूल में बेहोश होकर गिर गया। जिसका अहमदाबाद में इलाज कराया जहां 4 लाख रुपये का व्यय हुआ।

परिवादी संगीता ने बीमा क्लेम के लिए एलआईसी में आवेदन किया जिसे एलआईसी ने यह करके दावा खारिज कर दिया कि यह तो जन्मजात बीमारी है और तथ्य छिपाए हैं। .लेकिन सर्किट बेंच ने इसे सेवा दोष मानते हुए निर्णय दिया कि आज से 2 माह में जो भी बीमा दावा है वो प्रार्थी को नियमानुसार अदा करें। साथ ही मानसिक संताप के 50 हज़ार एवं वक़ील खर्चा 10 हजार कुल साठ हज़ार नौ प्रतिशत ब्याज के साथ दो माह में भुगतान करें।
 

डालचंद को मिला संबल

सर्किट बैंच उदयपुर द्वारा एक और मामले के तहत निम्बाहेड़ा निवासी डालचंद को पांच वर्षों से चल रहे प्रकरण में राहत प्रदान कर नियमानुसार क्षति-पूर्ति एवं हर्जाना प्रदान करने का निर्णय सुनाया। गुर्जर ने बताया कि प्रार्थी डालचंद ने जिला उपभोक्ता आयोग चित्तौड़गढ़ में मेडिक्लेम पॉलिसी बीमा धनराशि 1 लाख रुपये लेने का दावा प्रस्तुत किया जिसे जिला उपभोक्ता आयोग ने खारिज कर दिया।

यह मामला उपभोक्ता आयोग की सर्किट बेंच में आने पर पक्षकारों की सुनवाई की और निर्णय दिया कि जिला उपभोक्ता आयोग ने मामले का सही विवेचन नहीं करते हुए इसे खारिज कर दिया है। इसे सेवा दोष मानते हुए आज से प्रार्थी डालचंद को ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी 1 लाख रुपये बीमा धनराशि और मानसिक संताप के 10 हजार व परिवाद व्यय 5 हजार अदा करेगी। समय पर भुगतान नहीं करने पर तावसूली तक 9 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज भी अदा करेगी।

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal