WZCC के पूर्व निदेशक फुरकान खान की उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, पटियाला के निदेशक पद पर नियुक्ति

WZCC के पूर्व निदेशक फुरकान खान की उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, पटियाला के निदेशक पद पर नियुक्ति

फुरकान खान प्रशासनिक सेवा में रहते हुए पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, उदयपुर के निदेशक के पद पर और जवाहर कला केंद्र, जयपुर में अतिरिक्त महानिदेशक के पद पर भी सराहनीय सेवाएं दे चुके हैं
 
furqan khan

उत्तर क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र, पटियाला के निदेशक पद पर पूर्व प्रशासनिक अधिकारी, प्रख्यात फोटोग्राफर और लोक कला मर्मज्ञ फुरकान खान की नियुक्ति की गई है । पंजाब के राज्यपाल और केंद्र के अध्यक्ष बी एल पुरोहित ने आज पंजाब राजभवन में फुरकान खान को अपनी शुभकामनाओं के साथ नियुक्ति पत्र सौंपा  और आशा व्यक्त की कि खान पूर्व की भांति  यहां भी उत्कृष्ट सेवाएं देंगे और केंद्र का नाम आगे बढ़ाएंगे। 

ज्ञात रहे कि उत्तर क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र, भारत सरकार के  संस्कृति मंत्रालय के अधीन कुल सात क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों में से एक है जिसका मुख्यालय पटियाला में है तथा भारत के उत्तरी राज्य पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड के साथ ही केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर, लद्दाख और चंडीगढ़ भी इसके सदस्य हैं । 

फुरकान खान प्रशासनिक सेवा में रहते हुए पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, उदयपुर के निदेशक के पद पर और जवाहर कला केंद्र, जयपुर में अतिरिक्त महानिदेशक के पद पर भी सराहनीय सेवाएं दे चुके हैं । यह भी उल्लेखनीय है कि 2017-18 में उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला के निदेशक के पद का  अतिरिक्त प्रभार भी खान के पास रहा था और उनका ये कार्यकाल भी सराहनीय रहा था।

मूलरूप से खान पूर्व प्रशासनिक अधिकारी तथा ख्यातनाम फोटोग्राफर हैं। फोटोग्राफी की विशेषज्ञ पत्रिकाओं में इनके लेख प्रकाशित होते रहते हैं। लद्दाख पर तो खान की काफी टेबल बुक "लद्दाख - द प्रिस्टिन ब्यूटी" लद्दाख के लैंडस्केप और संस्कृति का बहुत सुंदर परिचय करवाती है। खान की अन्य पुस्तक "मांडू - रोमांसिंग द रूइंस" का विमोचन तो राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव में, तत्कालीन गृहमंत्री भारत सरकार राजनाथ सिंह द्वारा तत्कालीन संस्कृति मंत्री महेश शर्मा की उपस्थिति में किया गया था ।

पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक पद पर रहते हुए खान द्वारा अनेक नवाचार किए गए थे जिनकी कलाकारों, दर्शकों और कला प्रेमियों द्वारा सराहना की जाती रही है। जिसमें मुख्य हैं, लोक कला हेतु वार्षिक पुरस्कार की स्थापना, 'शरद रंग' उत्सव की शुरुआत, 'हिवड़ा री हूक' कार्यक्रम की शुरुआत। विदेशों में प्रस्तुति हेतु एक विशेष कार्यक्रम "लोकरंग" तैयार किया गया जिसकी प्रस्तुति भारत सरकार द्वारा कजाखस्तान, यूक्रेन और स्विजरलैंड के कई शहरों में करवाई गई । इसके अतिरिक्त उदयपुर में आयोजित शिल्पग्राम उत्सव को नवाचारों से नई ऊंचाइयां दीं । शिल्पग्राम को भी नए सिरे से क्यूरेट करके कई नए आकर्षण जोड़े जिससे केंद्र की आय और  दर्शकों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई ।

सदस्य राज्यों के अनेक कलाकारों ने खान की नियुक्ति पर हर्ष प्रकट करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दीं और आशा प्रकट की कि खान सांस्कृतिक केंद्र, कला और कलाकारों के हित में पूर्व की भांति कार्य करते रहेंगे।

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