उदयपुर। राजस्थान सहित भारत के कई राज्यों में पिछले डेढ़ महीने से जिस प्रकार कोरोना महामारी की दूसरी लहर जैसे ही आयी, वैसे ही पूरे देश में से ऑक्सीजन और जीवनरक्षक दवाइयों की किल्लत होने लगी। इससे राजस्थान भी अछूता नहीं रहा। मरीजों को अस्पताल में जगह नहीं मिल पा रही थी तो कहीं ऑक्सीजन सिलेन्डर नहीं मिल पा रहे। ऐसे में राजस्थान युवा काँग्रेस के प्रदेश महासचिव अरमान जैन आगे आयें और देर रात तक ज़रुरतमंदो की मदद के लिये तैयार खड़े होते है। अब तक वे करीब 500 लोगों की मदद कर चुके है।
राजस्थान सहित देश के विभिन्न इलाकों में रेमडेसिवीर सहित अन्य जीवन रक्षक इंजेक्शन की कालाबाजारी होने के कारण मरणासन्न लोगों को बचाने के लिए परिजनों को इधर उधर धक्के खाने पड़ रहे थे। कहीं कहीं तो लोगों को खून की कमी से दो चार होना पड़ रहा था। कोई प्लाज्मा तो कहीं गरीब खाने तक को तरस रहे थे। हर तरफ भयावह मंजर देखने को मिल रहा था लेकिन जमीन पर ज्यादातर लोगों को मदद नहीं मिल पा रही थी और दक्षिणी राजस्थान के कई शहर भी ऐसी ही समस्यायों का सामना कर रहे थे।
बीमारी के डर से कई नेता और विधायकों के फोन बंद आ रहे थे और जनता सोशल मीडिया पर मदद की गुहार लगा रही थी। लोगो को इस प्रकार की परेशानी से बचाने के लिये के लिये यूथ काँग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी वी श्रीनिवास दिल्ली सहित पूरे भारत में लोगों तक ऑक्सीजन सहित जीवन रक्षक दवाइयां पहुँचा रहे थे। उन्हीं को अपना प्रेरणा स्रोत मानते हुए अरमान जैन ने सोशल मीडिया ट्वीटर और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर आने वाली मदद की कॉल्स को जवाब देना शुरू किया। उस समय बमुश्किल इक्का दुक्का लोग राजस्थान में सोशल मीडिया पर लोगों की मदद हेतु आगे आ रहें थे। लोगों को प्लाज्मा, खून ,जीवन रक्षक दवाइयाँ और इंजेक्शन के साथ ऑक्सीजन सिलिंडर, अस्पताल में ऑक्सीजन बेड और वेंटिलेटर दिलवाने में इन्होंने रात दिन एक कर दिया।
धीरे धीरे सोशल मीडिया पर मदद के लिए लोग सीधे उन्हें टैग कर राहत माँगने लगे। ट्वीटर जैसे प्लेटफॉर्म पर हालत ये थी कि उदयपुर जैसे की-वर्ड पर सर्च करने पर अब अरमान जैन के राहत के किस्से ट्रेंड करने लगे, फिर एक ऐसा सिलसिला शुरू हुआ जो अलसुबह शुरू होता और रात 2 बजे तक लोगों के कॉल्स को अटेंड किया जाने लगा। धीरे-धीरे बात राजस्थान के अन्य जिलों में पहुँचने लगी और फिर कई जिलों से मदद की गुहार अरमान जैन के पास आने लगी। कई वरिष्ठ काँग्रेस नेताओं के साथ अन्य पार्टियों के नेता भी उन्हें मदद के लिए टैग करने लगे। मदद का कारवाँ अब बढ़ता जा रहा था।
अब धीरे धीरे अन्य संगठन और दल भी अरमान की इस कार्ययोजना से प्रभावित होकर सोशल मीडिया पर मदद का काम करते नजर आने लगे। लेकिन इसकी शुरूआत का श्रेय राजस्थान में इनकी कार्य योजना को ही दिया जाने लगा है।
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