इंजीनियरिंग छोड़ आर्टिस्ट बने हर्ष छाजेड़

इंजीनियरिंग छोड़ आर्टिस्ट बने हर्ष छाजेड़ 

समुंद्री झाग से बनाते है अनोखी कलाकृतियां, दुनिया के एक मात्र कारीगर

 
harsh chajedh

समुंद्र झाग से कलाकृतियां सुन कर थोड़ा अजीब जरूर लगेगा, लेकिन यह सच कर दिखाया है उदयपुर शहर के निवासी एवं इंजीनियरिंग छोड़ आर्टिस्ट्स बने हर्ष छाजेड़ ने। समुंद्री झाग से अनोखी कलाकृतियां बनाने वाले दुनियां के एक मात्र कारीगर हर्ष छाजेड़ ने समुंद्र के झाग से ऐसी अनोखी कलाकृतियां बनाई है जिससे देख हर कोई दांतो तले उंगली दबाने पर मजबूर है। यह दुनिया के एक मात्र ऐसे कलाकार है.जो ऐसे अनोखी कला के हुनरमंद है। 

बनाना चाहते थे इंजीनियर लेकिन नियति ने बना दिया आर्टिस्ट

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उदयपुर शहर के रहने वाले 82 वर्षीय हर्ष बताते हैं कि उन्होंने वर्ष 1962 से इस कला को बनाना शुरू किया था जो अभी तक अनवरत जारी है। हर्ष छाजेड़ बताते हैं कि उनके माता-पिता की वह एकलौती संतान थे जिसके चलते उन्हें घर से बाहर गली मोहल्ले में निकलने को इजाजत नही थी। उनका दाखिला इंजीनियरिंग कॉलेज में हो गया था लेकिन परिवार के लोगों द्वारा जब यह कहा गया कि एकलौती संतान है इसे बाहर कहां भेजोगे तब उनके माता-पिता ने उन्हें इंजीनियर बनने से भी मना कर दिया इसके बाद वह घर में रहकर इस कला को सीखने लगे और इससे कलाकृतियां बनाना शुरू किया। 

अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर लता मंगेशकर भी हुई कला की फैन

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हर्ष छाजेड़ बताते हैं कि उनके द्वारा बनाई गई यह अनोखी कलाकृतिया पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, भारत रत्न लता मंगेशकर से से कर कई बड़े कलाकारो और राजनैतिक दलों के प्रमुख ने भी उनकी इस अनोखी कला को सराहा है। इसके लिए इन्हें कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से भी नवाजा गया है। 

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समुद्री झाग की अगर बात की जाए तो वह इतना सॉफ्ट होता है कि अगर उस पर थोड़ा भी जोर मारा जाए तो वह टूट जाता है.लेकिन हर्ष छाजेड़ ने अपनी मेहनत से इस अनौखी कला को निखारा है। इन्होंने कई धार्मिक कलाकृतियां बनाई है जिसमें श्रीनाथजी, गणेश जी, राधा कृष्णा के साथ ही तिरुपति बालाजी की भी विशेष आकृतियां बनाई है। 
 

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