Dungarpur: पर्वतारोही राकेश बिश्नोई एवरेस्ट अभियान के लिए रवाना


Dungarpur: पर्वतारोही राकेश बिश्नोई एवरेस्ट अभियान के लिए रवाना

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rakesh vishnoi

डूंगरपुर 3 अप्रैल 2025। ज़िले के सागवाड़ा से एक और भारतीय पर्वतारोही एवरेस्ट फतह करने की ओर कदम बढ़ा चुका है। पर्वतारोही राकेश बिश्नोई बुधवार को एवरेस्ट अभियान के लिए रवाना हुए। कलेक्टर अंकित कुमार सिंह ने तिरंगा सौंपकर उन्हें शुभकामनाएं दीं।

मूल रूप से बीकानेर के रहने वाले राकेश का सागवाड़ा में मिनरल वाटर का व्यवसाय है। उन्होंने नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग से बेसिक और एडवांस माउंटेनियरिंग के साथ सर्च एंड रेस्क्यू कोर्स पूरा किया है। अब तक वे देश-विदेश की 40 से अधिक चोटियों पर तिरंगा फहरा चुके हैं। राकेश के नाम कई उल्लेखनीय उपलब्धियां दर्ज हैं। वे यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी पर बिना गाइड के चढ़ाई करने वाले पहले भारतीय हैं। उन्होंने अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी पर 510 फीट का तिरंगा फहराकर विश्व रिकॉर्ड बनाया है।

अब उनका लक्ष्य एवरेस्ट के साथ-साथ दुनिया की चौथी सबसे ऊंची चोटी माउंट ल्होत्से पर भी तिरंगा फहराना है। वे रिकॉर्ड समय में दो 8000 मीटर ऊंची चोटियों पर तिरंगा फहराने वाले पहले भारतीय बनना चाहते हैं। राकेश का विशेष लक्ष्य सातों महाद्वीपों की सर्वोच्च चोटियों पर तिरंगा फहराकर भारत, आयुर्वेद और योग की शक्ति का प्रदर्शन करना है। वे यह अभियान केवल आयुर्वेदिक उत्पादों के सहारे पूरा करेंगे।

माउंट एवरेस्ट की तैयारी

राकेश विश्नोई ने बताया कि इस वर्ष, जनवरी 2025 में, मैंने -40 डिग्री तापमान में पहले पर्वतारोही के रूप में लद्दाख में माउंट यूटी कांगड़ी (6070 मीटर) और माउंट अन्जोंग (5780 मीटर) का सफलता पूर्वक पर्वतारोहण किया। वहीं, माउंट सतोपंथ (7084 मीटर) - जिसे स्वर्गारोहिणी पीक भी कहा जाता है। कश्मीर की सबसे ऊँची चोटी माउंट कुन (7077 मीटर), जहां इन्होंने बिना ऑक्सीजन के सफलतापूर्वक तिरंगा फहराया हैं। 6000 मीटर ऊँचाई की कई चोटियां माउंट कांग यात्से 1 और 2, कनामो पीक, स्टोक कांगड़ी, गुलेब कांगड़ी, माउंट भारद्वाज, माउंट मेंटोक कांगड़ी 1 और 2, लॉन्गर कांगड़ी आदि पर तिरंगा फहरा चुके हैं।

rakesh vishnoi

राकेश बिश्नोई एक जूनूनी पर्वतारोही और व्यवसायी है, जो की मूल रूप से राजस्थान से हैं। इनका डूंगरपुर के सागवाड़ा में मिनरल मैनुफैक्चरिंग उद्योग है उद्योग के साथ साथ इनका लक्ष्य सातों महाद्वीपों की सातों सबसे ऊँची चोटियो पर तिरंगा लहराकर भारत, आयुर्वेद और योग की शक्ति का परचम लहराना हैं।

इस मिशन के लिए, राकेश ने देश के सबसे बेहतरीन पर्वतारोहण संस्थान नेहरू इंस्टिट्यूट ऑफ़ माउंटेनियरिंग (रक्षा मंत्रालय संस्थान) से A ग्रेड के साथ प्रशिक्षण पूरा किया है। इन्होने यहा से बेसिक, एडवांस माउंटेनियरिंग के साथ सर्च एंड रेस्क्यू कोर्स किये हैं। प्रशिक्षण के उपरांत देश-विदेश की 40 से अधिक चोटियो पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ तिरंगा फहराया है।

मुख्य उपलब्धियाँ:

1. यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊँची चोटी पर बिना गाइड के चढ़ाई करने वाले पहले भारतीय का रिकॉर्ड (2023)।

2. अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊँची चोटी पर दुनिया का सबसे लंबा 510 फीट का तिरंगा फहराने का अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड ।

3. अब ये अपने अगले लक्ष्य दुनिया की सबसे ऊँची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराना के लिए निकले है। साथ ही ये दुनिया की चौथी सबसे ऊँची चोटी, माउंट ल्होत्से, पर रिकॉर्ड समय में तिरंगा फहराकर, सबसे तेज़ दो 8000 मीटर ऊँची चोटियो पर तिरंगा फहराने वाले भारतीय का रिकॉर्ड बनाने की ओर अग्रसर हैं।

राकेश बिश्नोई एक पूर्णतः शाकाहारी व्यक्ति है और ये इस अभियान को योग और आयुर्वेद को प्रोत्साहित करते हुए, केवल आयुर्वेदिक उत्पाद के साथ पूरा करेंगे। इस वर्ष, जनवरी 2025 में, मैंने -40°C तापमान ओर विसम परिस्थितियों में पहले पर्वतारोही के रूप में लद्दाख मे माउंट UT कांगड़ी (6070 मीटर) और माउंट अन्नोंग (5780 मीटर) का सफलतापूर्वक आरोहण किया।

पूर्व की उपलब्धियाँ:

माउंट सतोपंथ (7084 मीटर) - जिसे स्वर्गारोहिणी पीक भी कहा जाता है एवं कश्मीर की सबसे ऊँची चोटी माउंट कुन (7077 मीटर), जहा इन्होने बिना ऑक्सीजन के सफलतापूर्वक तिरंगा फहराया हैं।

6000 मीटर ऊँचाई की कई चोटिया - माउंट कांग यात्से 1 और 2, कनामो पीक, स्टोक कांगड़ी, गुलेब कांगड़ी, माउंट भारद्वाज, माउंट मेंटोक कांगड़ी 1 और 2, लॉन्गर कांगड़ी आदि पर तिरंगा फहरा चुके हैं। 

इस अभियान का उद्देश्य व्यक्तिगत उपलब्धि हासिल करने की बजाय भारत, आयुर्वेद और योग के गौरव और भारतीय युवाओं को आत्मनिर्भरता के सन्देश को शिखर तक पंहुचाना हैं। इस अभियान की शुरुआत डूंगरपुर में कलेक्टर अंकित कुमार सिंह जी के राकेश बिशनोई को किये फ्लैग ऑफ के साथ हो गयी है इस 60 दिवसीय अभियान में राकेश यहाँ से काठमांडू में उनकी टीम के बाकी 11 सदस्य आगे बढ़ेंगे । अपने सभी कैम्प को सफलतापूर्वक लगाने के बाद मई माह के अंत तक सही मौसम में तिरंगा फहराने का लक्ष्य हासिल होगा । 

इस अभियान की दोनों चोटियों पे सफलतापूर्वक तिरंगा फहराने के बाद राकेश बिशनोई एक अभियान में दो 8000 मीटर की चोटी पे तिरंगा फहराने वाले पहले राजस्थानी बन जाएंगे ।
 

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