57 की उम्र में "सिल्क रूट" अल्ट्रा मेराथॉन में गोल्ड मैडल जीता कैलाश जैन ने


57 की उम्र में "सिल्क रूट" अल्ट्रा मेराथॉन में गोल्ड मैडल जीता कैलाश जैन ने 

Age is only a number को सही साबित कर दिखाया 

 
Kailash Jain

कैलाश जैन एक ऐसी शख्सियत जिन्होंने एक मुहावरे  "उम्र तो सिर्फ एक नंबर है" Age is only a number" को सही साबित कर दिखाया है। उदयपुर के अंबामाता निवासी कैलाश कहते हैं है की अगर आप ठान लें तो क्या नहीं कर सकते।

57 साल की उम्र मे कैलाश जैन ने एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है जो अक्सर युवा भी करने की सिर्फ कल्पना ही करते होंगे। जैन ने हाल ही में लद्दाख के कठिन मौसम और वहां के पर्वतीय, पथरीली और संकरी सड़को पर 122 किलोमीटर के लम्बे ट्रैक पर दौड़ते हुए उसे 19 घंटो 44 मिनिट में पूरा कर दुनिया की सबसे कठिन अल्ट्रा मेराथॉन "सिल्क रूट" अल्ट्रा मेराथॉन में गोल्ड मैडल जीता।

kailash jain

कैलाश ने बताया की इसके लिए उन्होंने साल भर तैयारी की और खुद को लद्दाख के मौसम और आबो हवा के लिए तैयार किया। उन्होंने बताया की 5 सितम्बर 2024 को आयोजिय हुए इस अल्ट्रा मेरेथॉन में हिस्सा लेने के लिए आयोजन के 10 दिन पूर्व लद्दाख पहुँचे। 5 सितम्बर को शाम 7 बजे इस मेराथॉन की शुरुआत हुई।

अपना अनुभव साँझा करते हुए उन्होंने कहा की इस मेराथॉन में प्रतिभागियों को अकेले अंधेरे में पहाड़ों पर दौड़ते रहना होता है। रास्ते में कई बार कुछ ऐसी जगह भी आती है जहां आपको डर का एहसास भी होता है, लगातार दौड़ने और हाई एलिवेशन (18000 फिट) और ऑक्सीजन की कमी की वजह से थकान भी अधिक महसूस होती है। उन्होंने बताया की इस मेराथॉन मे प्रतिभागी भी कम होते हैं, क्यूंकि इसके कुछ मापदंड होते हैं जिनको पूरा करना होता है, तभी कोई इसमे हिस्सा ले सकता है। मेराथॉन के दौरान रातभर सर पर लगी हुई सिर्फ एक छोटी सी लैम्प के भरोसे आपको दौड़ना होता है, जमा देने वाली ठंड मे लद्दाख के कठिन रास्तों को पूरा करने के लिए आपको 22 घंटों का समय मिलता है। रास्ते मे आपकी सहयता के लिए टीमे मौजूद होती है 7 अलग अलग स्थानों पर मौजूद रहती है।

Kailash Jain Silk Route Ultra Marathon Ladakh Udaipur Marathon Runner

उन्होंने बताया की उन्हे भी इस दौरान चैलेंजेस का सामना करना पड़ा, सड़कें टूटी हुई है, ऐसे मे रात के अंधेरे मे दौड़ना और साथ ही अपने पैरों को भी बचाना होता है। इस तरह के कठिनाइयों का सामना करने के लिए प्रतिभागियों के लंग्स केपेसिटी अच्छी होनी चाहिए, साथ ही वो शारीरिक तौर पर फिट होने चाहिए।

उन्होंने कहा की एसे जांबाज लोग जो अपनी सीमाओं को पार करना चाहते है और देखना चाहते है की उनमे कितना दम है तो उनके लिए सबसे बेस्ट चेलेंज है लद्दाख का सिल्क रूट अल्ट्रा मेराथॉन।

Kailash Jain Silk Route Ultra Marathon Ladakh Udaipur Marathon Runner

जैन ने कहा की ये लद्दाख का सिल्क रूट अल्ट्रा मेराथॉन एक टफेस्ट टेरेन है, एक एक ऐसा लॉनगेस्ट डिस्टेंस मेराथॉन है और हाइएस्ट एलटीट्यूड है। उन्होंने बताया की पिछले सालों मे उन्होंने कई ट्रेल मेराथॉन, फूल मेराथॉन और हाफ मेराथॉन मे भी हिस्सा लिया है । उन्होंने मेराथॉनिस्ट के रूप मे शुरुआत माउंट आबू के 50 किलोमीटर ट्रैल मेराथॉन से की थी । उसके बाद ऊटी मे 90 किलोमीटर की मेराथॉन मे हिस्सा लिया और 2023 मे भी लद्दाख के खारदुंग ला (72 किलोमीटर) मे रन किया और अपनी उम्र की केटेगरी मे गोल्ड मेडल हासिल किया था ।

अपने इस जुनून को लेकर बढ़ती उम्र मे इस तरह के चेलेंजों को लेकर अपने घर वालों की प्रतिक्रिया के बारे मे बात करते हुए जैन ने कहा की उनकी मां ने जब सुना की वह इस अल्ट्रा मेराथॉन मे हिस्सा लेने के लिए लद्दाख जाने वाले है और 122 किलोमीटर लंबे रास्ते पर दोड़ने वालें हैं तो उन्होंने चिंता ज़ाहिर की जो की हर मां अपने बेटे के लिए करती है, तो वहीं उनके पिता और उनकी धर्म पत्नी और बच्चे हमेशा उन्हे प्रोत्साहित करते आए हैं। और जब उन्होंने इस चैलेंज को पूरा किया और गोल्ड मेडल जीता तो अब उनकी मां भी उनके इस उपलब्धि से काफी खुश हैं।

उन्होंने बताया की न सिर्फ वो बल्कि उनके पिता भी अपनी सेहत को लेकर काफी ध्यान रखते है, 87 साल की उम्र मे भी वह हर रोज दिन के औसतन 15000 कदम चलते है और उनके पिता ही उनके लिए प्रेरणा हैं।

Kailash Jain Silk Route Ultra Marathon Ladakh Udaipur Marathon Runner

अपने जीवन के शुरूआती सालों के बारे मे बताते हुए उन्होंने कहा की शुरुआत मे लगातार 10 सालों तक उन्होंने एरोबिक्स, जीमींग, वेट ट्रेनिंग की। लेकिन उनका कहना है की फिटनेस की तरफ रुझान लाने मे उनके कुछ दोस्तों का भी अहम हाथ रहा है ,जो उन्हे हमेशा हौंसला दिलाते रहे की वो खुद को फिट रखे और इसी तरह नए नए चैलेंजेस मे हिस्सा लेते रहें इसी लिए आज जहां वो एक तरफ नाना बन चुके हैं तो भी अपनी उम्र के हिस्साब से काफी यंग और एनेरजेटिक हैं ।

जैन ने बताया की मैराथॉन के अलावा वह साइकलिंग के भी कई ईवेंट मे हिस्सा ले चुके हैं और उदयपुर साइकलिंग क्लब के सदस्य भी है और साइकलिंग के क्षेत्र मे आने के लिए प्रेरित करने का श्रेय अपने मित्र शरद अयंगर को दिया । जिनके साथ उन्होंने मनाली से खारदुंग ला तक 650 किलोमीटर की दूरी साइकलिंग करके पूरी की थी । उन्होंने कहा की स्पोर्ट्स उनके जीवन का अहम हिस्सा है, उन्होंने कहा की इस अल्ट्रा मेराथॉन मे हिस्सा लेने के बाद उन्हे लगता है की उन्होंने सब हासिल कर लिया है क्यूंकि जिस तरह से ये मेराथॉन मुश्किल है, सड़कों के लिहाज से, मौसम, एलेवेशन के लिहाज से, डिस्टेंस के लिहाज़ से तो इसको पार कर पाना बहुत से लोगों के लिए मुश्किल होता है , लेकिन वह आने वाले वक्त मे भी इसे ही मेराथॉन मे हिस्सा लेते रहेंगे और साथ ही उनके साथियो को भी प्रेरित करेंगे उन्हे भी इस तरह की मेराथॉन मे हिस्सा लेने के लिए तैयारी करने मे मदद करते रहेंगे।

Kailash Jain Silk Route Ultra Marathon Ladakh Udaipur Marathon Runner

युवाओं के लिए संदेश देते हुए उन्होंने कहा की आजकल का युवा ज्यादा वक्त इंस्टाग्राम, फ़ेसबुक और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर रहकर गुजारता है, लेकिन इस से वो कुछ जीत नहीं रहा है, ऐसा करके वो किसी और का ही फायदा कर रहा है । उन्होंने कहा की वो चाहते है की युवा सिर्फ सोशल मीडिया पर फोकस न करें बल्कि अपनी सेहत का ध्यान रखे, सेहतमंद बने, अपने शरीर को फिट बनाएं, उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा की हर इंसान को रोज कम से कम 1 घंटा खुद को स्वस्थ बनाए रखने के लिए समर्पित करना चाहिए चाहे वो किसी भी उम्र का क्यूँ ना हो। साथ ही सही डाइट लेनी चाहिये क्यूंकि एक अच्छी डाइट इंसान को स्वस्थ रहने मे बहुत हद तक मदद करती है और बीमारियों से भी दूर रखती है।

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal