OBITUARY: समाजवादी नेता और सामाजिक कार्यकर्त्ता हबीबा बानू तहसीन
Udaipur, Aug 13, 2025: सामाजिक कार्यकर्ता और समाजवादी नेता हबीबा बानू तहसीन का मंगलवार, 12 अगस्त 2025 को उदयपुर में पंचवटी स्थित उनके आवास में निधन हो गया। वे 92 वर्ष की थीं।
हबीबा बानू तहसीन ने किशोरावस्था में ही अपनी माता ख़ुर्शीद बानू तहसीन और पिता टी.एच. तहसीन की प्रेरणा से सामाजिक कार्यों की शुरुआत उदयपुर में बालिकाओं व महिलाओं की शिक्षा से की। शान्ता त्रिवेदी द्वारा स्थापित राजस्थान महिला परिषद्, उदयपुर में विभिन्न ज़िम्मेदारियाँ निभाते हुए उन्होंने महिलाओं को आर्थिक स्वावलम्बन के लिए प्रशिक्षित करने, मोहल्लों में रात्रिकालीन कक्षाओं का संचालन, सिलाई-कढ़ाई व खाद्य प्रसंस्करण के माध्यम से महिलाओं में उद्यमिता का विकास, पाकिस्तान से भारत आए शरणार्थियों के बीच शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोज़गार के कार्य, ग्रामीण व आदिवासी बालिकाओं के लिए हॉस्टल का संचालन किया। अपने पति समाजवादी विचारक रजनीकान्त वर्मा द्वारा महिला परिषद् के अंग के रूप में स्थापित ‘बाल संसार’ की सचिव की ज़िम्मेदारी निभाते हुए बच्चों के शिक्षण में नवाचार, उदयपुर के अनाथालयों का पहला स्वतंत्र अध्ययन, राजस्थान के पहले ‘मोबाईल प्लेनेटेरियम’ के संचालन आदि कार्यों में सक्रिय सहयोग दिया।
हबीबा बानू तहसीन, डॉ. राममनोहर लोहिया से प्रेरित होकर 1960 के दशक में राजनीति में आईं। वे सोशलिस्ट पार्टी के साथ बतौर कार्यकर्ता जुड़ीं और विशेषकर उत्तरप्रदेश व बिहार के दूरस्थ क्षेत्रों में पार्टी के लिए काम किया। वे जनता से जुड़े मुद्दों पर आन्दोलनों में अग्रणी रहीं, जैसे कि दाम बाँधो, भूमिहीनों के लिए भूमि, अंग्रेज़ी हटाओ, जाति तोड़ो इत्यादि, और कई बार जेल गईं। बुल्गेरिया में अन्तर्राष्ट्रीय युवा महोत्सव में सोशलिस्ट पार्टी का प्रतिनिधित्व किया और वहाँ महिला सम्मेलन को सम्बोधित किया। डॉ. लोहिया ने उन्हें ‘भारत-पाक एका समिति’ की संयोजक नियुक्त किया था। डॉ. लोहिया ने ही इन्दिरा गाँधी के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ने के लिए उनका नाम आगे किया था, लेकिन पार्टी में मत-भिन्नता से दुखी होकर अपना फ़ैसला बदल दिया।
हबीबा तहसीन सोशलिस्ट पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य, समाजवादी महिला सभा की संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के संसदीय बोर्ड की सदस्य रहीं। वे राजस्थान समाज कल्याण बोर्ड की सदस्य, केन्द्रीय तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय की हिन्दी समिति की सदस्य, तहसीन प्रकाशन एवं हिमालय फ़ीचर्स की प्रबन्धक रहीं।
उन्होंने साप्ताहिक पत्र ‘मंत्रणा’ का प्रकाशन किया और ‘जनमुख’ पत्रिका में उप-सम्पादक रहीं। सामाजिक—राजनीतिक विषयों पर उनके लेख, पर्चे व पुस्तिकाओं का प्रकाशन हुआ और उन्होंने ऑल इण्डिया रेडियो पर वार्ताएँ दीं।
हबीबा बानू तहसीन का अटूट विश्वास था कि महिलाएँ ज़्यादा सम्वेदनशील और स्वच्छ प्रशासन दे सकती हैं। उन्हें उम्मीद है कि शासन-प्रशासन और निर्णय प्रक्रिया में महिलाओं, विशेषकर ग्रामीण महिलाओं, की भागीदारी बढ़ेगी और इससे देश में एक नए व बेहतर दौर की शुरूआत होगी।
हबीबा बानू तहसीन ने समाजवादी विचारक रजनीकान्त वर्मा से विवाह किया था। अन्तिम समय में उनके पुत्र हिमालय तहसीन सहित परिवार के सभी सदस्य उनके साथ थे।
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