उदयपुर 21 जून 2025 । सांसद डॉ मन्नालाल रावत ने कहा कि बीएपी आदिवासी संस्कृति और विकास को नष्ट करने में लगी हुई है। बीएपी एक लूटेरी गैंग है और इनका सरगना राजकुमार रोत है जो हाल में एसीबी द्वारा रंगे हाथों पकडे गए इनकी पार्टी के विधायक को भी बचाने में लगे हैं। बीएपी के नेता आदिवासी क्षेत्र में नकारात्मक राजनीति, व्यक्तिवादी सोच के साथ झूठ, फरेब, चर्च का एजेंडा और आदिवासी क्षेत्र को बांग्लादेश बनाने जैसे बयान देने वाले हैं।
सांसद डॉ रावत ने शनिवार को पत्रकार वार्ता में यह बात कही। पत्रकार वार्ता में विधायक फूलसिंह मीणा व भाजपा शहर जिलाध्यक्ष गजपाल सिंह भी उपस्थित थे। उन्होंने कहा जनजाति क्षेत्र के विकास के लिए कई सारी योजनाएं केंद्र सरकार और राज्य सरकार ला रही है जिससे आदिवासी समाज व क्षेत्र की उन्नति की राह पर बढ रहा है। धरती आबा जैसी योजनाओं से जनजाति विकास का काम किया। जनजाति कार्य मंत्रालय और जनजाति आयोग जैसे महत्वपूर्ण कार्य भी भाजपा सरकार ने किए। इसके विपरीत मेवाड के आदिवासी क्षेत्र में बीएपी युवा विरोधी, महिला विरोधी, संस्कृति विरोधी, भील विरोधी व विकास विरोधी एजेंडा चला रही है जो ठीक नहीं है।
सांसद रावत ने कहा कि बीएपी के नेता राजकुमार रोत और अन्य ने ST के हक के अखिल भारतीय डिलिस्टिंग आंदोलन का भी विरोध व आलोचना कर रहे हैं। इसका मतलब साफ है कि वे केवल चर्च का एजेंडा चला रहे हैं। जो लोग आदिवासी धर्म छोडकर ईसाई बन चुके हैं उन्हें आदिवासी समाज के कानूनी लाभ नहीं लेने चाहिए, लेकिन आज भी वे अल्पसंख्यक के साथ इसका दोहरा लाभ ले रहे हैं।
मेवाड का केजरीवाल है राजकुमार रोत
सांसद डॉ रावत ने आरोप लगाया कि बीएपी नेता राजकुमार रोत मेवाड का केजरीवाल है। जिस तरह केजरीवाल ने जनता के पैसों से शीश महल बनवाया था वैसे ही काम रोत भी कर रहे हैं।
पत्रकार वार्ता में विधायक फूलसिंह मीणा ने कहा कि यूडीए द्वारा किए जा रहे विस्तार में कई गांव आ रहे हैं जहां आदिवासी निवास करते हैं। विस्तार से उनकी संस्कृति व विकास को लेकर नुकसान की बात सामने आने पर उन्होंने स्वयं भाजपा प्रतिनिधिमंडल व ग्रामीणों के साथ मंत्रियों व अधिकारियों से मुलाकात की और इस मुद्दे का समाधान निकालने का प्रयास किया। इस मामले में समाधान का रुख सामने पर बीएपी नेता सक्रिय हो गए और इस मुद्दे का लाभ लेने के लिए शुक्रवार को उदयपुर आकर प्रदर्शन किया। जबकि इस मामले में पिछले कई समय से वे निष्क्रिय थे और आदिवासी हितों को लेकर उनका रवैया नकारात्मक ही था। विधायक ने कहा कि बीएपी के नेता केवल आदिवासियों को लूटने और भ्रमित करने आए हैं। इनका एजेंडा कुछ और है जो सबके सामने आएगा।
शहर जिलाध्यक्ष गजपालसिंह ने कहा कि बीएपी के विधायक को रिश्वत लेते पकडा गया है। सारी कार्रवाई के सबूत मौजूद है, इसके बावजूद रिश्वतखोर विधायक को बचाने में लगे हैं।
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