वित्त मंत्री का बजट: राजनीति ज्यादा, अर्थशास्त्र कम


वित्त मंत्री का बजट: राजनीति ज्यादा, अर्थशास्त्र कम

by: Professor Ganesh Kawadia, Udaipur
 
Budget Announcement, Budget 2023

वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमण का अपना लगातार सातवां बजट राजनीति से ज़्यादा और अर्थशास्त्र से कम प्रेरित लगता है।

उन्होंने लोकप्रिय कार्यक्रमों के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था, कृषि अर्थव्यवस्था तथा सामाजिक विकास के कुछ अच्छे कार्यक्रम देकर ग्रामीण इलाके में उपभोग व्यय को बढ़ाने का प्रयास किया है, जिससे मांग में वृद्धि हो सके और अर्थव्यवस्था में विकास की गति आ सके। लेकिन, वित्त मंत्री के पास एक अच्छा अवसर था कि उनके पास कर संग्रहण अच्छा था, रिजर्व बैंक से अच्छा डिविडेंड प्राप्त हुआ था, जिससे वह कैपेक्स में और वृद्धि कर के विकास में तीव्र वृद्धि कर सकती थी।

लेकिन उन्होंने बजट में छोटे-मोटे बदलाव कर, स्टेटस को मेंटेन करने की कोशिश की है।

राजकोषीय घाटे को 4.9% तक सीमित करके अवश्य ही अर्थव्यवस्था में स्थाई प्रदान करने का प्रयास किया है। कुल मिलाकर विकास का अच्छा अवसर था, लेकिन उन्होंने कहीं भी विकास की जोखिम लेना पसंद नहीं किया। सोने और चांदी पर कस्टम ड्यूटी को कम कर के ज़रूर सोने के हवाला बाजार को नियंत्रित करने कि कोशिश की है, लेकिन इससे उपभोक्ताओं की बचत अनु उत्पादक क्षेत्र में जाने का भैय बना रहेगा, जिससे बैंकों में बचत का प्रवाह कम हो सकता है जो विकास के लिए हानिकारक हो सकता है।

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