उदयपुर 8 फरवरी। केरल केन्द्र सरकार को एक रूपया देता है तो केन्द्र केरल को वापस सिर्फ 25 पैसे लौटाता है। केन्द्र सरकार द्वारा इस तरह केरल और अन्य विपक्षी दलों की राज्य सरकारों के साथ भेदभाव कर संवैधानिक व्यवस्था एवं लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या कर दबाव की राजनीति की जा रही है।
यह विचार व्यक्त करते हुए माकपा जिला सचिव राजेश सिंघवी ने बताया कि माकपा एवं वामपंथी दलों के आव्हान पर आज पूरे देश ने केरल के साथ एकजुटता बताते हुए उदयपुर में भी जिला कलक्टर को एक प्रतिनिधि मण्डल ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देकर केन्द्र की इस तरह की असंवैधानिक व भेदभावपूर्ण नीति पर रोक लगाते हुए केरल की जनता के साथ समानता एवं सम्मान का व्यवहार करने की मांग की गई।
सिंघवी ने बताया कि केन्द्र सरकार की इस भेदभावपूर्ण एवं असंवैधानिक नीति के विरोध में केरल सरकार की पूरी केबिनेट एवं सभी विधायक आज नई दिल्ली में धरने पर बैठे हैं। सिंघवी ने बताया कि 20 जनवरी 2024 को केरल में केन्द्र की इस नीति के विरोध में 651 किमी लम्बी मानव श्रृंखला बना लाखों लोगों ने अपना विरोध प्रकट किया।
राज्य कमेटी सदस्य विमल भगोरा ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा राज्यपालों और केन्द्रीय ऐजेंसियों का बेशर्मी से दुरूपयोग करते हुए विपक्षी दलों की सरकारों को डराने, धमकाने, धन-बल, खरीद-फरोख्त, दल-बदल और ब्लैकमेल के माध्यम से लगातार अस्थायी किये जाने के प्रयास किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा देश के तमाम वित्तिय संसाधनों पर पुरी तरह से कब्जा करते हुए विपक्षी दलों द्वारा शासित प्रदेशों की जनता को उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित किया जा रहा है।
प्रतिनिधि मण्डल में माकपा शहर सचिव हीरालाल सालवी, ठेला व्यवसायी मजदूर यूनियन के अध्यक्ष मोहम्मद निजाम, कार्यकारिणी सदस्य पप्पू सेन आदि मौजूद थे।
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