उदयपुर 21 अप्रैल 2025। नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस की वरिष्ठ नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा आरोपपत्र दाखिल किए जाने पर कांग्रेस पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस ने इसे भाजपा सरकार द्वारा रची गई राजनीतिक साजिश करार देते हुए कहा कि यह जनता का ध्यान असली मुद्दों से भटकाने और लोकतांत्रिक विपक्ष को दबाने की कोशिश है।
सोमवार को उदयपुर में हुई एक प्रेस वार्ता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रवक्ता अभय दुबे ने कहा, “यह कोई कानूनी मामला नहीं, बल्कि एक सोची-समझी राजनीतिक चाल है। सरकार बदले की भावना से काम कर रही है।” कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार ने ईडी को "इलेक्शन डिपार्टमेंट" में बदल दिया है और विपक्षी नेताओं के खिलाफ उसका बार-बार दुरुपयोग किया जा रहा है।
उन्होंने कहा की पार्टी ने दावा किया कि यह पूरा मामला सिर्फ इसीलिए उठाया गया है क्योंकि हाल ही में कांग्रेस का गुजरात अधिवेशन सफल रहा और उससे घबराई भाजपा अब गांधी परिवार को निशाना बना रही है। प्रेस वार्ता में यह भी कहा गया कि यह पहला ऐसा मामला है जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए जा रहे हैं, जबकि कोई धन का लेनदेन या संपत्ति का हस्तांतरण हुआ ही नहीं है।
कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) और यंग इंडियन लिमिटेड के बीच जो वित्तीय लेनदेन हुआ वह पूरी तरह कानूनी था और इसमें कोई व्यक्ति लाभान्वित नहीं हुआ। "जब पैसा ही नहीं था, तो मनी लॉन्ड्रिंग कहां से हुई?" कांग्रेस ने पूछा।
अभय दुबे ने कहा कि एजेएल का पुनर्गठन संविधान के अनुच्छेद 51A के तहत देश की स्वतंत्रता संग्राम की विरासत को बचाने के प्रयास का हिस्सा था। इसके तहत अखबारों और डिजिटल माध्यमों के ज़रिए जनहित में काम जारी है।
इसके अतिरिक्त अभय दुबे ने यह भी आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने 365 दिनों तक कोई कदम नहीं उठाया और आखिरी दिन जाकर आरोपपत्र दायर किया, जो दर्शाता है कि उनके पास कोई ठोस आधार नहीं था।
अंत में उन्होने दो टूक कहा, “हम डरने वाले नहीं हैं। यह एक राजनीतिक साजिश है और हम इसका डटकर मुकाबला करेंगे। अंत में सत्य की ही जीत होगी।”
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