राजस्थान चुनाव के बाद बीजेपी को बहुमत तो मिल गया, लेकिन अभी तक प्रदेश के भावी सीएम का नाम तय नहीं हो सका है। लेकिन ये तय है कि 16 दिसंबर से पहले ही राजस्थान को नया मुख्यमंत्री मिल ही जाएगा। क्योंकि 16 दिसंबर से मलमास शुरू हो जाएगे।
इस बीच अब तक राजनाथ सिंह समेत दो पर्यवेक्षकों की विधायक मंडल के साथ बैठक को लेकर संशय बरकरार है। मीडिया की माने तो उक्त बैठक अब सोमवार को या मंगलवार को हो सकती है।
राजस्थान में जहाँ वसुंधरा राजे का नाम चल रहा है वहीँ राजनितिक पटल पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का नाम सबसे ज़्यादा सुर्खियों में है। इनके अलावा केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, राजयवर्धन सिंह राठौड़, दिया कुमारी और प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी भी कतार में है।
इधर, अपुष्ट सूत्रों की माने तो जयपुर में वसुंधरा राजे के आवास पर सियासी गहमागहमी बढ़ी हुई है। राजे के आवास पर विधायकों और समर्थकों का तांता लगा है। विधायक बहादुर सिंह कोली, जगत सिंह, संजीव बेनीवाल,अजय सिंह किलक, अंशुमान सिंह भाटी, बाबू सिंह राठौड़, कालीचरण सराफ,अर्जुनलाल गर्ग भी 13 सिविल लाइंस पहुंचे है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी, पूर्व मंत्री राजपाल शेखावत, प्रहलाद गुंजल भी राजे से मिलने आज पहुंचे। कयासों का बाजार गर्म है। लेकिन राजनैतिक पंडितो की माने तो वसुंधरा राजे को ओवरटेक करना आसान नहीं।
वहीँ सीएम की रेस में एक नाम और चल रहा था और वो नाम था अलवर ज़िले की तिजारा से विधायक बाबा बालकनाथ का हालाँकि उनका एक Tweet उन्हें रेस से बाहर होने का इशारा दे रहे है।
यह था बाबा बालकनाथ का tweet
"पार्टी व प्रधानमंत्री @narendramodi जी के नेतृत्व में जनता-जनार्धन ने पहली बार सांसद व विधायक बना कर राष्ट्रसेवा का अवसर दिया।चुनाव परिणाम आने के बाद से मीडिया व सोशल मीडिया पर चल रही चर्चाओं को नज़र अंदाज़ करें।मुझे अभी प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में अनुभव प्राप्त करना है।"
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