बयानों की गर्मी से चुनावी माहौल बनाने की कोशिश


बयानों की गर्मी से चुनावी माहौल बनाने की कोशिश

पीएम के बांसवाड़ा में लगाए आरोपों को प्रियंका और जयराम रमेश ने दिया जवाब

 
jairam ramesh

गर्मी के मौसम में चुनावी गर्मी से देश का तापमान सामान्य से ऊपर जा रहा है। हालाँकि इस बार के चुनावो में हर बार के चुनावो की तरह उत्साह और गर्मी दिखाई नहीं पड़ रही है यह बात और है कि हमारे देश के पक्ष विपक्ष के नेता अपने उल जुलूल बयानों से गर्मी बढ़ाने के भरसक प्रयास कर रहे है। जिससे टीवी चैनलों पर बढ़ा चढ़ाकर मसालेदार बनाकर माहौल तैयार किया जा रहा है।  जबकि हकीकत यह है कि पहले चरण में मतदान प्रतिशत घटा है। हमारे शहर में दो दिन बाद चुनाव है। और आज शाम को प्रचार भी थम जाएगा। वहीँ प्रचार जो कहीं दिखाई नहीं दे रहा है। जबकि टीवी पर प्रचार की धूम मची हुई है। 

ऐसा ही एक उदहारण उदयपुर के पड़ौसी ज़िले बांसवाड़ा में रविवार को पीएम की रैली के बाद बयानों की धूम मची हुई है। रविवार को, राजस्थान के बांसवाड़ा में चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि "कांग्रेस महिलाओं के गहने और मंगलसूत्र लेकर पैसा ऐसे लोगों में बांट देगी जिनके अधिक बच्चे हैं, जो घुसपैठिए हैं।" मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान का उदाहरण देते हुए कहा था कि कांग्रेस के लिए देश के संसाधनों पर पहला हक़ मुसलमानों का है। 

इधर, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने मंगलवार को उदयपुर के रेडोलेंस अरावली ट्री होटल में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण के मतदान के बाद और कांग्रेस के न्याय पत्र में आर्थिक विषमताओं को लेकर चर्चा है इसलिए पी.एम.मोदी नई भाषा में बोल रहे हैं और ध्रुवीकरण की राजनीति कर रहे हैं। 

जयराम रमेश ने कहा 2023 में विधानसभा चुनाव के नतीजो में कांग्रेस का प्रदर्शन सकारात्मक रहा क्योंकि भाजपा और कांग्रेस में केवल 9 लाख मतों का अंतर रहा। उन्होंने मोदी सरकार की नीतियों पर प्रहार करते हुए कहा कि मोदी सरकार की नीतियों के कारण आर्थिक विकास का लाभ सभी को ना मिलकर सिर्फ कुछ उद्योगपति मित्रों को ही मिल रहा है। 

प्रेस वार्ता में जयराम रमेश ने एक सवाल के जवाब देते हुए कहा कि हम राम के पुजारी हैं राम के व्यापारी नहीं। सामाजिक सुरक्षा महंगाई, बेरोजगारी और संविधान खतरे में है। उसे बचाने के लिये चुनाव लड़ रहे है। हमे मोदी सरकार की नीति और नीयत पर विरोध है।

वहीं, कर्नाटक में एक रैली को संबोधित करते हुए अब प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान पर तीखा जवाब दिया है। प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान पर उन्होंने कहा है कि ऐसे बयानों से वे देश में नफ़रत के बीज बो रहे हैं

प्रियंका गांधी ने कहा, “कैसी-कैसी बहकी-बहकी बातें की जा रही हैं। पिछले दो दिनों से कह रहे हैं कि कांग्रेस पार्टी आपका मंगलसूत्र, आपका सोना छीनना चाहती हैं। 70 सालों से ये देश स्वतंत्र हैं, 55 साल कांग्रेस की सरकार रही है, क्या किसी ने आपका सोना छीना, आपके मंगलसूत्र छीने? इंदिरा गांधी ने जब जंग हुई, अपना सोना इस देश को दिया। मेरी मां का मंगलसूत्र इस देश के लिए क़ुर्बान हुआ है।”वहीँ कांग्रेस के सैम पित्रोदा ने अमेरिका के सम्पति कानून का हवाला देकर बीजेपी को इस मुद्दे पर हमला करने का एक मौका थमा दिया है। हालाँकि कांग्रेस अब सैम पित्रोदा के बयान से किनारा करती नज़र आ रही है। 

प्रियंका गांधी ने कहा, “मंगलसूत्र का महत्व समझते तो वो ऐसी अनैतिक बातें ना करते. किसान पर क़र्ज़ चढ़ता है तो उसकी पत्नी अपनी मंगलसूत्र को गिरवी रखती है. बच्चों की शादी होती है या दवाई की ज़रूरत होती है तो महिलाएं अपने गहने गिरवी रखती हैं.”

प्रियंका गांधी ने कहा, “ये बात ये लोग नहीं समझते और इसका प्रमाण ये है कि जब नोटबंदी हुई और जब महिलाएं की बचत इन्होंने ली और कहा कि बैंकों में पहुंचाओ, तब मोदी जी कहां थे. वो आपसे आपकी बचत का पैसा ले रहे थे।” प्रियंका ने कहा, “जब देश में उन्होंने लॉकडाउन किया और सारे मज़दूर देश भर से, बेंगलुरु से, यूपी-बिहार और अलग-अलग स्थानों के लिए पैदल निकले, जब कोई सहारा नहीं मिल रहा था, तब महिलाओं ने अपने गहने गिरवी रखें, तब मोदी जी कहां थे? किसान आंदोलन हुआ, 600 किसान शहीद हुए, उनकी विधवाओं के मंगलसूत्र के बारे में सोचा मोदी जी ने.”

मणिपुर में जातीय हिंसा के दौरान महिलाओं को नग्न करके घुमाने और इस घटना पर प्रधानमंत्री के कोई प्रतिक्रिया ना देने पर सवाल करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा, “मणिपुर में एक जवान की बीवी का वस्त्रहरण करके पूरे देश के सामने घुमाया, मोदी जी चुप थे, उसके मंगलसूत्र के बारे में नहीं सोचा उन्होंने। ”प्रियंका ने कहा कि मोदी महिलाओं को डराकर उनका वोट हासिल करना चाहते हैं।" हालाँकि प्रियंका गाँधी महिला पहलवानो का मुद्दा चूक गयी।  

सोमवार को कांग्रेस ने इस मामले को लेकर चुनाव आयोग का दरवाज़ा खटखटाया था और पीएम मोदी के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की थी। कांग्रेस ने कहा था कि लोगों के बीच दुश्मनी पैदा करने के इरादे से प्रधानमंत्री धर्म और धार्मिक प्रतीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। हालाँकि चुनाव आयोग की इस पर कोई टिपण्णी नहीं आई है। 

वहीं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने पीएम मोदी के राजस्थान के बांसवाड़ा में दिए भाषण को भड़काऊ करार दिया है। पार्टी अध्यक्ष सीताराम येचुरी ने भी इस मामले में चुनाव आयोग को पत्र लिखकर "भड़काऊ भाषण देने के लिए बीजेपी नेता नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ कार्रवाई" की मांग की है। 

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