जर्मनी की राजधानी बर्लिन में चल रही आर्चरी की वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत की विमेंस कंपाउंड टीम ने नया इतिहास रचते हुए गोल्ड मेडल को अपने नाम किया है।
इस टूर्नामेंट के इतिहास में पहली बार भारत गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब हुआ है। साल 1931 में पहली बार इस चैंपियनशिप का आयोजन किया गया था। इसके बाद साल 1995 से इसमें कंपाउंड इवेंट को आयोजित किया जाने लगा।
वर्ल्ड आर्चरी चैंपियनशिप में भारतीय विमेंस टीम ने कंपाउंड इवेंट के फाइनल मुकाबले में मैक्सिको की टीम को 235-229 से हराया। टीम में आर्चर ज्योति सुरेखा वेन्नम, अदिति स्वामी और परनीत कौर शामिल थीं। वहीं सेमीफाइनल में टीम का सामना कोलंबिया की टीम से हुआ था, जिसे उन्होंने 220-216 से हराया था।
भारत ने साल 1981 में इटली में हुए वर्ल्ड आर्चरी चैंपियनशिप में पहली बार हिस्सा लिया था। साल 2019 में नीदरलैंड में हुई पिछली चैंपियनशिप में भारत ने रिकर्व वर्ग में मेडल को अपने नाम किया था। आर्चरी वर्ल्ड चैंपियनशिप का इवेंट हर 2 साल में आयोजित कराया जाता है। अब तक भारत इस चैंपियनशिप में 9 बार सिल्वर और 2 बार कांस्य पदक भी अपने नाम कर चुका है।
मेंस टीम बाहर
कंपाउंड मेंस और मिक्स्ड टीम की चुनौतियां टूर्नामेंट में कड़ी हार के बाद समाप्त हो गईं। मेंस टीम में अभिषेक वर्मा, ओजस देवताले और प्रथमेश जावकर क्वार्टर फाइनल में नीदरलैंड से 230-235 से हार गए। दूसरी ओर मिक्स्ड इवेंट में भी टीम को अमेरिका से 154-153 की करीबी मात मिली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर बधाई दी
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश का नाम रोशन करने वालीं इन खिलाड़ियो को ट्वीट कर बधाई दी। पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा, " भारत के लिए यह गर्व का क्षण है, हमारी असाधारण कंपाउंड महिला टीम ने बर्लिन में आयोजित विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया। हमारे चैंपियंस को बधाई ! उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण के कारण यह उत्कृष्ट परिणाम आया है।"
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