जब से मोबाइल फोन की चार्जिंग केबल को भी सुविधा के लिए डेटा केबल में तब्दील किया गया है, तब से जूस जैकिंग करने वालों को बिना सोचे-समझे पीड़ितों के मोबाइल में संग्रहीत निजी डेटा को हैक करने का एक सुविधाजनक तरीका मिल गया है। जूस जैकिंग स्कैम मोबाइल और लैपटॉप जैसे डिवाइस में से अहम डेटा को चुराने का तरीका है। इस तरह के स्कैम को अंजाम देने के लिए पब्लिक चार्जिंग स्टेशन पर मैलवेयर वाला सॉफ्टवेयर या हार्डवेयर इंस्टॉल किया जाता है। साइबर क्रिमिनल सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों, जैसे यूएसबी पोर्ट या चार्जिंग कियोस्क के जरिए लोगों को अपना शिकार बनाते हैं।
ये साइबर क्रिमिनल सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन पर सॉफ़्टवेयर या मैलवेयर इन्स्टॉल करते हैं। इसके लिए अक्सर वे हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों, होटलों या अन्य भीड़-भाड़ वाले इलाकों में लगे चार्जिंग स्टेशनों को निशाना बनाते हैं।
निम्न बातों का ध्यान रखे
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