टीमलीज़ डिजिटल के एक नए विश्लेषण ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए नौकरियों के बदलते रुझानों पर रोशनी डाली है। यह रिपोर्ट जीसीसी (ग्लोबल कैपेसिटी सेंटर्स), आईटी प्रोडक्ट्स और सर्विसेज, और गैर-तकनीकी क्षेत्रों में एंट्री-लेवल (नौकरी का पहला चरण) और अन्य प्रमुख फंक्शनल (कार्य) क्षेत्रों पर केंद्रित है। इसमें बताया गया है कि इन क्षेत्रों में आने वाले समय में किस तरह के कौशल की मांग बढ़ेगी और किन नौकरियों (जॉब रोल्स) में सबसे अधिक सैलरी मिलने की संभावना है। इसके अलावा, साइबर सुरक्षा और नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेशन जैसी भूमिकाएं भी तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं, क्योंकि कंपनियां अपने डेटा और इंफ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा को लेकर सतर्क हो गई हैं। यह विश्लेषण भारत के नौकरी बाजार में आने वाले बदलावों को समझने और युवाओं को बेहतर तरीके से तैयार करने में मदद करता है। इससे यह भी पता चलता है कि नौकरी पाने वाले लोगों के लिए नए अवसर कहां पर उपलब्ध होंगे और किन क्षेत्रों में उनका भविष्य उज्ज्वल हो सकता है।
जयपुर में तकनीकि क्षेत्रों की नौकरियों की जबरदस्त मांग है। इसमें प्रोडक्ट मैनेजमेंट, डेटा साइंस, और डेटा इंजीनियर जैसी भूमिकाएं सबसे आगे हैं। इन भूमिकाओं में मिलने वाले सैलरी पैकेज भी आकर्षक हैं। प्रोडक्ट मैनेजमेंट के लिए 14.4 लाख रूपए प्रति वर्ष, डेटा साइंस के लिए 13.2 लाख रूपए प्रति वर्ष, और डेटा इंजीनियर के लिए 8.8 लाख रूपए प्रति वर्ष तक की पेशकश की जा रही है। इसके अलावा, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, फाइनैंशियल एनालिसिस, डेटा एनालिटिक्स, और डेवऑप्स जैसे फील्ड्स में भी अच्छी मांग है। इन क्षेत्रों में काम करने वाले पेशेवरों को 5.2 लाख रूपए से लेकर 6.7 लाख रूपए प्रति वर्ष तक की सैलरी मिल रही है। यह जयपुर को तकनीकी करियर के लिए एक प्रमुख केंद्र बनाता है, जहाँ न केवल अवसर बल्कि आकर्षक सैलरी पैकेज भी उपलब्ध हैं।
आने वाले साल में वेतन और कार्यक्षेत्र
आने वाले साल में तकनीकी नौकरियों के क्षेत्र में कई दिलचस्प बदलाव देखने को मिल सकते हैं। सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और इंजीनियरिंग जैसे डोमेन, जहां कोडिंग, डिजाइन और सॉफ्टवेयर मेंटेनेंस पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है, तेजी से बढ़ रहे हैं। एआई और मशीन लर्निंग (एआई/एमएल) जैसी आधुनिक स्किल्स की बढ़ती मांग इस क्षेत्र को और मजबूत बना रही है। 2024-25 के अंत तक, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट डोमेन में शुरुआती नौकरियों की औसत सैलरी जीसीसी में 9.37 लाख रूपए प्रति वर्ष, आईटी प्रोडक्ट्स और सेवाओं में 6.23 लाख रूपए प्रति वर्ष, और गैर-तकनीकी क्षेत्रों में 6 लाख रूपए प्रति वर्ष तक होने की उम्मीद है।
साइबर सुरक्षा और नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेशन भी आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर को सुरक्षित करने में एक प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। इस डोमेन में जीसीसी के तहत 9.57 लाख रूपए प्रति वर्ष की औसत सैलरी का प्रस्ताव दिया जा रहा है, जो आईटी के अन्य क्षेत्रों से 40.12% ज्यादा है। यह इस बात को साबित करता है कि सुरक्षा में विशेषज्ञता की कितनी अहम जरूरत है। आईटी प्रोडक्ट्स और सर्विसेज में यह सैलरी 6.83 लाख रूपए प्रति वर्ष और गैर-तकनीकी क्षेत्रों में 5.17 लाख रूपए प्रति वर्ष तक हो सकती है।
डेटा मैनेजमेंट और एनालिटिक्स, जहां डेटा को इकट्ठा करके उसका विश्लेषण किया जाता है, ताकि बेहतर निर्णय लिए जा सकें, इस क्षेत्र में औसत सैलरी जीसीसी में 8.73 लाख रूपए प्रति वर्ष, आईटी प्रोडक्ट्स में 7.07 लाख रूपए प्रति वर्ष, और गैर-तकनीकी क्षेत्रों में 6.37 लाख रूपए प्रति वर्ष हो सकती है। क्लाउड सॉल्यूशंस और एंटरप्राइज एप्लिकेशन मैनेजमेंट, जो क्लाउड प्लेटफॉर्म्स और ईआरपी सिस्टम्स के जरिए खर्च कम करने और कार्यक्षमता बढ़ाने पर जोर देता है, इसमें जीसीसी में 7.67 लाख रूपए प्रति वर्ष, आईटी प्रोडक्ट्स में 6.07 लाख रूपए प्रति वर्ष, और गैर-तकनीकी क्षेत्रों में 6.53 लाख रूपए प्रति वर्ष की सैलरी मिलने की उम्मीद है। खास बात यह है कि गैर-तकनीकी क्षेत्र इस डोमेन में आईटी से लगभग 8% ज्यादा सैलरी ऑफर कर रहा है। बीएफएसआई, हेल्थकेयर और मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में क्लाउड टेक्नोलॉजी को तेजी से अपनाए जाने से इन क्षेत्रों में और भी ज्यादा अवसर पैदा हो रहे हैं। यह साल तकनीकी विशेषज्ञों और नई प्रतिभाओं के लिए बहुत सारे मौके लेकर आएगा।
सबसे ज्यादा मांग वाली नौकरियां और प्रमुख क्षेत्रों (सेक्टरों) की रोचक जानकारियां
वित्त वर्ष 2024-25 में, जीसीसी कंपनियां पेनेट्रेशन टेस्टर, डेटा साइंटिस्ट, फुल स्टैक डेवलपर, सॉफ्टवेयर डेवलपर और कस्टमर सक्सेस स्पेशलिस्ट जैसी नौकरियों को प्राथमिकता दे रही हैं। इन भूमिकाओं के लिए सैलरी 11.8 लाख रुपये से लेकर 8.8 लाख रुपये सालाना तक दी जा रही है। आईटी उत्पाद और सेवाओं के क्षेत्र में भी बिग डेटा डेवलपर्स, आईटी ऑडिटर, आरपीए बिजनेस एनालिस्ट, क्लाउड सिक्योरिटी इंजीनियर और आईओटी इंजीनियर की बड़ी मांग है। इन पदों पर 9.7 लाख रुपये से लेकर 6.9 लाख रुपये सालाना तक की सैलरी मिल सकती है। वहीं, गैर-तकनीकी क्षेत्रों में डेटा इंजीनियर, एसएपी एबीएपी सलाहकार, क्लाउड सपोर्ट इंजीनियर, साइबर सिक्योरिटी एनालिस्ट और ऑटोमेशन इंजीनियर जैसी भूमिकाएं महत्वपूर्ण हैं। इन पदों पर सैलरी 9.4 लाख रुपये से लेकर 6 लाख रुपये सालाना तक हो सकती है। इन भूमिकाओं के लिए विशेषज्ञता और कौशल का संयोजन नौकरी पाने के अवसरों को बढ़ा सकता है।
टीमलीज़ डिजिटल की बिज़नेस हेड, कृष्णा विज ने भारत के तकनीकी नौकरी बाजार में हो रहे बदलावों को समझाते हुए कहा कि ‘’वित्त वर्ष 2024-25 के लिए डेटा से पता चलता है कि तकनीकी नौकरियों की स्थिति में काफी तेजी से बदलाव हो रहा है। जयपुर मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर और कुशल कर्मचारियों की वजह से एक प्रमुख शहर की तरह उभर रहा है। हालांकि, आईटी सेवाओं में पिछले कुछ सालों में नई और एंट्री-लेवल की भर्तियों में गिरावट देखी गई है, लेकिन ग्लोबल कैपेसिटी सेंटर (जीसीसी) और गैर-तकनीकी क्षेत्र नई प्रतिभाओं के लिए अवसरों के नए द्वार खोल रहे हैं।‘’
उन्होंने कहा कि ‘’जीसीसी का तेजी से विस्तार और ग्लोबल स्टैंडर्ड बनाए रखने की उनकी कोशिश ने इस बदलाव को बढ़ावा दिया है। यह क्षेत्र भारत में पहले ही 1.66 मिलियन से ज्यादा लोगों को नौकरी दे चुका है। जयपुर के प्रॉडक्ट मैनेजमेंट और डेटा साइंस जैसी भूमिकाओं में बढ़ती मांग ने कर्मचारियों के लिए नए अवसर पैदा किए हैं।‘’
उन्होंने यह भी बताया कि ‘जयपुर में कंपनियों ने अपनी भर्ती रणनीतियों को बदला है और हाइब्रिड स्किल्स रखने वाले उम्मीदवार अब इन अवसरों का फायदा उठा सकते हैं। उद्योग की बदलती जरूरतों के मुताबिक खुद को तैयार करना युवाओं के लिए इन नौकरियों में सफलता का रास्ता खोल सकता है।‘’
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