उदयपुर 1 सितंबर 2023। पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने करीब एक साल पहले पर्यटन एवं हॉस्पिटैलिटी को उद्योग का दर्जा देने के बाद अब इसके नियमो में लचीलापन लाने के लिए कवायद शुरू हो गई है। प्रमुख शासन सचिव ने इसके लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी है।
पूर्व में जहाँ कम से कम 20 कमरों होने पर ही होटल या रिसोर्ट को इंडस्ट्री के रूप में दर्जा देने का प्रावधान था। वहीँ अब इसे बदलकर 10 कमरों तक सिमित कर दिया है इसके अतिरिक्त पहले 2 करोड़ का निवेश होना ज़रूरी था अब इस नियम को हटा लिया गया है। हालाँकि नए नियमो के तहत निजी होटल संचालको को इंडसट्री का सर्टिफिकेट लेने के लिए रीको और राजस्व विभाग से जारी भू आवंटन का आदेश साथ में लगाना होगा।
पर्यटन इकाइयों को एंटाइटलमेंट सर्टिफिकेट के लिए एसएसओ पोर्टल पर पर्यटन विभाग की सर्विस एप पर आवेदन करना होगा जिनका निस्तारण 30 दिनों के भीतर होगा। सर्टिफिकेट के आधार पर संबंधित विभागों से औद्योगिक दरों से फायदा लेने के पात्र बन सकेंगे। अभी इन इकाइयों से कॉमर्शियल दरों से बिजली की दरें वसूली जाती थी। उद्योग का दर्जा लेने पर प्रति यूनिट 1 से डेढ़ रूपये तक राहत मिलेगी।
उल्लेखनीय है की राज्य की अशोक गहलोत सरकार ने पिछले वर्ष 2022-23 के बजट में पर्यटन एवं हॉस्पिटैलिटी को उद्योग का दर्जा दिया था। लेकिन नियको में जटिलताओं के चलते कई पर्यटन इकाइयों के सर्टिफिकेट नहीं बन पा रहे थे।
उदयपुर में एक हज़ार से अधिक होटल रिसोर्ट है लेकिन सिर्फ 170 को ही यह सर्टिफिकेट मिल पाया था, अब नियम सरल होने के बाद इनकी संख्या में बढ़ोतरी होने की संभावना है।
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