लेकसिटी के होटल्स की तर्ज पर निर्मित झालावाड़ की होटल “मिश्टिन"


लेकसिटी के होटल्स की तर्ज पर निर्मित झालावाड़ की होटल “मिश्टिन"

उदयपुर के होटल्स जैसा अनुभव राजस्थान के हाड़ौती अंचल में अरावली की पहाड़ियों से घिरे झालावाड़ जैसे शहर में भी मिल सकता है वो भी सबसे किफायती कीमत में।
 
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झीलों की नगरी उदयपुर के ऐतिहासिक किले, इमारतों और आलिशान होटलों में मेवाड़ की संस्कृति और इतिहास झलकता हैं। राजस्थान का खूबसूरत शहर उदयपुर, अपनी मेवाड़ी संस्कृति, इतिहास, पारम्परिक- खानपान और प्राकृतिक-खूबसूरती के लिए जग-जाहिर है। राजस्थान के “हाड़ौती-अंचल "में अरावली की पहाड़ियों से घिरे, झालावाड़ में  “मिश्टिन-रिसोर्ट"  इसी संस्कृति और इतिहास का अनुभव दे रहा है। मिश्टिन जाकर ऐसा लगता की हम उदयपुर के ही किसी पैलेस में खड़े है।

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अरावली की पहाड़ियों से घिरे उदयपुर शहर में जहां एक तरफ कई झीलें है तो दूसरी तरफ कई किले और महल भी टूरिस्ट का ध्यान आकर्षित करते हैं। जिस तरह कि उदयपुर के होटल्स डेस्टिनेशन वेडिंग के लिहाज से देश-दुनिया में मशहूर हैं, आप ने कभी सोचा कि उदयपुर के होटल्स जैसा अनुभव राजस्थान के हाड़ौती अंचल में अरावली की पहाड़ियों से घिरे झालावाड़ जैसे शहर में भी मिल सकता है वो भी सबसे किफायती कीमत में।

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होटल के कमरे आपको पुराने राजसी-ठाठ- बाट और वैभव का दिलाते हैं अहसास

झालावाड़ में बना “मिश्टिन -रिसोर्ट" आपको उदयपुर के  महलों और होटल्स की परम्पराओं की याद दिलाता हैं।  झालावाड़ हाड़ौती क्षेत्र के चेरापुंजी के नाम से मशहूर है, और अरावली आँचल होने की वजह से बारिश के मौसम में यह शहर बेहद खूबसूरत हो जाता है। “मिश्टिन क्लब एंड  रिसोर्ट" उदयपुर के आलीशान होटल्स की तर्ज पर बना है, और अपेक्षाकृत किफायती है। इसके कमरों से अरावली की पहाड़ियों और वादियों का व्यू देखा जा सकता हैं। उदयपुर के होटल्स जैसा झालावाड़ का “मिश्टिन रिसोर्ट "किसी लग्जरी होटल से कम नहीं हैं। होटल के कमरे आपको पुराने राजसी-ठाठ- बाट और वैभव का अहसास दिलाते हैं। 

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इस होटल में उदयपुर के होटल जैसा अनुभव आपको हर एक जगह दिखाई देगा। यहां की इमारतें बिल्कुल उसी शैली में बनी हुई है। यहाँ तक कि इस ईमारत को बनाये जाने वाले पत्थर, छज्जा-टोडी ,पिलर्स, मेहराब आदि सभी वस्तुए उदयपुर से मंगवाये गये हैं। और उदयपुर के कारीगरों द्वारा ही यहाँ का सभी काम करवाया गया है। इसी तर्ज पर मिश्टिन का काम करवाया गया हैं। यहाँ के झरोखे, रंग-बिरंगे गोखड़े और शाही बैठक में रंग-बिरंगे बेल्जियम-कांच से सजे रोशनदान जिससे सूर्य की किरणे ,रंग बिरंगी किरणों को परावर्तित करती हैं। होटल की दिवारों, छतों और कोनो-कोनों में बेहतरीन चित्रकारी भी, उदयपुर के कलाकारों को बुलवा कर बनवाई गई हैं। दीवारों पर चस्पा की गई तस्वीरें आने वाले अतिथियों का मनमोह लेती है। 

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होटल के आकर्षक झुमर फिरोजाबाद और दिल्ली से कस्टमाइज कर के मंगवाए गए हैं। इस रिसोर्ट में चीन या कोई विदेशी सामान का उयोग नही हुआ है। यह पूर्णतः देशी सामानों से बना हुआ है। आप यह कह सकते है कि “मिश्टिन" को बनाने में भारत के कई शहरों की सभ्यता भी शामिल हैं। 

लेकसिटी के होटल्स की तरह कई विदेशी मेहमानों की शादी का गवाह बना “मिश्टिन"

बेहद खास बात तो यह है कि आप यहां बहुत कम कीमत में लज़ीज़ भोजन का लुत्फ उठा सकते हैं। यहाँ के लग्जरी रुम भी किफायती दरों में उपलब्ध हैं। वेडिंग -डेस्टिनेशन के लिए मिश्टिन हाड़ौती से बाहर, जैसे कर्नाटक, दिल्ली, जबलपूर, कलकता, गुजरात, उदयपुर, जयपुर, गुड़गांव, आदि जगह भी अपनी पहचान बनाता जा रहा है। यहाँ विभिन्न प्रकार की वेडिंग थीम, जैसे राम सीता स्वयंवर, राधा कृष्ण रास लीला, शिव-पार्वती विवाह, गंगा-आरती) हो चुकी है। 

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झालावाड़ का मिश्टिन भी लेकसिटी के होटल्स की तरह कई विदेशी मेहमानों की शादी का गवाह बना हैं। उदयपुर के कई लोग अब यहां वेडिंग डेस्टिनेशन के लिए पहुंच रहे हैं। यहां पर की गई शूटिंग, प्रिवेडिंग-शूट, उदयपुर का अनुभव देती है। बॉलीवुड के कई अभिनेता और अभिनेत्री के दिलों पर “मिश्टिन" राज कर रहा है।

उदयपुर टाइम्स आपको इन तस्वीरों में दिखाएंगा झालावाड़ के मिश्टिन क्लब एंड रिसोर्ट की लग्जरी और खूबसूरत तस्वीरें।

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अल्प समय में ही राजस्थान से बाहर हर प्रदेश के निवासियों की जुबान पर मिश्टिन का नाम-होटल डायरेक्टर भावना अग्रवाल

जब उदयपुर टाइम्स की टीम ने, होटल डायरेक्टर भावना अग्रवाल से मुलाकात की तो उन्होंने बताया की उदयपुर शुरू से ही उनके दिल के बहुत करीब है, अपनी बेटी की  प्रारभिक शिक्षा उन्होंने उदयपुर से है करवाई है। पढ़ाई के दौरान वे उदयपुर में ही रही थी। इसी दौरान उन्होंने उदयपुर को करीब से जाना। उन्होंने वहां के आलीशान होटल्स को देखा तो उन्हें लगा क्यों न इस तर्ज पर झालावाड़ में भी होटल बनाया जाए ताकी, हाड़ौती के वासियों को भी मेवाड़ी अनुभव करवाया जा सके। 

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वह बताती है कि जब वह उदयपुर के किसी होटल में गई तो वहां उन्हें रजिस्ट्रेशन को लेकर कई औपचारिकताऐं करनी पड़ी। उन्होंने सोच लिया था कि अगर वो किसी होटल का निर्माण करती है तो सभी लोगों को बिना फीस के, हर “ख़ास-ओ-आम" को होटल में एंट्री देगी और उसके लिये किसी औपचारिकता की ज़रुरत नहीं होगी, ताकि किसी के मन में मलाल ना रह जाए कि हम इस होटल को नहीं देख सके। 

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जिस समय वह उदयपुर रही थी उस समय उदयपुर में शिल्पग्राम मेला भी लगा हुआ था। मिश्टिन रिसोर्ट के लिए उन्होंने शिल्पग्राम से, उदयपुर के बाज़ारों और मॉल्स से सामन खरीद कर, उसे एक बक्से में सहेज कर रखने लगी। और उदयपुर के पैलेस और इमारतों को देख देखकर, ऐसी ही सजावट वाली इमारत बनाने का सपना बुनने लगी। उन्हें उम्मीद नहीं थी कि इस तरह का होटल वो बना भी सकेंगी या नहीं। 

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आखिकार उनके सपना साकार होने का वक्त आ गया। 21 मई 2017 को मिश्टिन रिसोर्ट की नींव रखी गई। अपना “ड्रीम-प्रोजेक्ट" बनाने के लिए अग्रवाल परिवार ने खुद इसका एक्सटीरियर और इंटीरियर किया है। क्योंकि अपना ड्रीम वो खुद अपनी कल्पनाओं के आधार पर बनाना चाहते थे जो उन्होंने उदयपुर में रह कर महसूस किया था। जिसे वो किसी और को समझा नही सकते थे। झालावाड़ के अनुभवी कांट्रेक्टर की सहायता से मिश्टिन रिसोर्ट का कार्य करवाया गया। उन्होंने उसकी शुरुआत से मात्र डेढ़ वर्ष में  आकर्षक बैंक्वेट, 66 कमरों, स्विमिंग-पूल, जकूज़ी, आदि से परिपूर्ण मिश्टिन रिसोर्ट,का कार्य पुर्ण कर लिया। 

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झालावाड़ में सन “19 जनवरी  में 2019"  मिश्टिन का शुभारंभ कर दिया गया। शुभारंभ से पहले ही यह डिस्टेशन-मैरिज थी। यह होटल उनकी बेटी “मिशी” के नाम से रखा गया हैं । जो दो शब्दों से बना है, मिशी और मिट्टिन। मिशी मतलब “सब की -प्यारी" और मिट्टिन एक स्पेनिश शब्द है जिसका अर्थ मतलब खुशी भरे एहसास। मतलब ऐसी जगह “जो सबकी प्यारी है जहाँ हमे खुशी भरे एहसास मिलते है। यह वो सपना है जो अग्रवाल परिवार ने उदयपुर में अपनी कल्पनाओं में बुना था। 

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अल्प समय में ही राजस्थान से बाहर हर प्रदेश के निवासियों की जुबान पर मिश्टिन का नाम छा गया । यहां आप बिना एंट्री फीस के अन्दर आ सकते हैं और लग्जरी होटल को देख सकते हैं। वह कहती है कि मिश्टिन किसी जन्नत से कम नहीं है। वे बताती है कि आने वाले सभी अतिथि मिश्टिन की तुलना उदयपुर से करते नहीं थकते।। सपनों के शहर उदयपुर में जो सपना अग्रवाल परिवार ने उदयपुर में देखा था, उसे झालवाड़ में साकार किया गया।

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