राजस्थान मिशन 2030 के तहत पर्यटन विभाग ने भी कवायद शुरू कर दी है। प्रमुख शासन सचिव पर्यटन गायत्री राठौड़ की अध्यक्षता में सोमवार को होटल आनंद भवन में पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों की बैठक हुई। प्रमुख शासन सचिव राठौड़ ने कहा कि हमें योजनाओं को धरातल पर लाने के लिए सभी विभागों के सहयोग एवं टूरिज्म से जुड़े सेगमेंट की जरूरत होगी। जिसमें शहर की स्वच्छता को बनाए रखना सबसे ज्यादा आवश्यक है।
विश्व की जीडीपी में पर्यटन का 10 प्रतिशत योगदान है। जबकि राजस्थान का इसमें 14 प्रतिशत योगदान है। मिशन 2030 के अन्तर्गत राजस्थान में जीडीपी में पर्यटन का जीडीपी बढ़ाकर 20 प्रतिशत रखने का लक्ष्य है।
वाटर स्पोर्ट्स के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस की मांग
एडवेंचर स्पोर्ट्स से जुड़ी मीनाक्षी पालीवाल ने वाटर स्पोर्ट्स के लिए आरटीओ से सिंगल विंडो क्लीयरेंस को सरल बनाने का सुझाव दिया। होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष धीरज दोषी, सुदर्शन देव सिंह, यशवर्धन सिंह, जतिन श्रीमाली, राजेश अग्रवाल आदि ने शहर में आधारभूत सुविधाएं विकसित करने, पर्यटकों की सुरक्षा, धार्मिक पर्यटन बढ़ाने के लिए विचार व्यक्त किए। एडवेंचर टूर साइट के ऋषिराज सिंह ने कारवां टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए उसे नीति में शामिल करने की मांग की।
बैठक में उदयपुर सहित चित्तौड़गढ़, राजसमंद, बांसवाड़ा से लोग जुड़े। साहित्य अकादमी के अध्यक्ष दुलाराम सहारण ने आदिवासी क्षेत्र के सौन्दर्य एवं प्राकृतिक विविधता को बचाए रखने का सुझाव दिया। चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष संजय सिंघल ने कहा कि शहर में टूरिस्ट की तादात बढ़ रही है। उनके लिए प्लानिंग की आवश्यकता है। जिसमें पर्यटन को बढ़ावा मिले और पर्यटकों का ठहराव भी बढ़ सके।
उपनिदेशक शिखा सक्सेना ने बताया कि पर्यटन कला एवं संस्कृति मिशन 2030 का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। पर्यटन के क्षेत्र में मिशन मोड पर काम करते हुए राजस्थान अन्य विकसित राज्यों की भांति भारत का अग्रणी राज्य बन सकता है। बैठक की शुरुआत में विभाग द्वारा तैयार प्रमोशन फिल्मों का प्रदर्शन किया गया।
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