उदयपुर 6 अगस्त 2024। राज्यसभा सांसद चुन्नीलाल गरासिया ने मंगलवार को राजस्थान में टिंटोई से मोडासा (गुजरात) तक 20 किलोमीटर नये रेलमार्ग का सर्वेक्षण करवा कर इसे उदयपुर रेलमार्ग से जोड़ने की मांग की।
चुन्नीलाल गरासिया ने राज्यसभा में विशेष उल्लेख (स्पेशल मेंशनन) के दौरान भारत सरकार से मांग की और कहा कि राजस्थान राज्य के विश्व-प्रसिद्ध पर्यटक स्थल उदयपुर में पिछले कई वर्षों से पर्यटकों के आने की संख्या मे काफी बढ़ोतरी हुई है। जिसका मुख्य कारण रेल मार्ग की सुविधा का पर्याप्त होना।
प्रधानमंत्री व रेल मंत्री के अथक प्रयासों से उदयपुर-असारवा (अहमदाबाद) तक रेल-आमान परिर्वतित कर नया रेलमार्ग शुरू करवा दिया गया तथा देश के कई राज्यो को जोड़ने के लिए नई रेलगाड़ियां भी उदयपुर सिटी से शुरू करवा दी गई। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री और रेल मंत्री का आभार जताया।
गरासिया ने बताया कि उदयपुर-संभाग क्षेत्र से कई उद्योगपति, गरीब, मजदूर वर्ग, नौकरी-पैशा लोग अपने रोजगार के लिए मुंबई के लिए आवागमन रेल द्वारा करते हैं, परंतु वर्तमान में जो रेल मार्ग शुरू किया गया है, वह उदयपुर से असारवा (अहमदाबाद) तक किया गया है। वहां से मुंबई के लिए अन्य ट्रेने पकड़नी पड़ती है, जिससे रेलयात्री, छोटे बच्चे, बुजुर्ग काफी परेशान होते हैं। यदि यही रेलमार्ग टिंटोई से मोडासा (गुजरात) जो 20 किलोमीटर तक का एक टुकड़ा बचा है, इस मार्ग पर रेल लाईन बिछा दी जाए तो वाया बड़ौदा उदयपुर रेलमार्ग से मुंबई के लिए सीधा रेल मार्ग जुड़ जाएगा जिससे उद्योगपति, गरीब, मजदूरवर्ग, नौकरी-पैशा लोगो और पर्यटकों को मुंबई से उदयपुर आने-जाने में समय और धन दोनों की बचत होगी।
इसके लिए उन्होंने टिंटोई से मोडासा (गुजरात) तक 20 किलोमीटर नये रेलमार्ग का सर्वेक्षण करवा कर इसे उदयपुर रेलमार्ग से जोड़ने का मांग रखी है जिससे आमजन वाया बड़ौदा होते हुए मुंबई तक पहुंच सके, इससे समय व दूरी की बचत होगी और उदयपुर आने के लिए पर्यटकों को सीधा रेल मार्ग भी मिल जाएगा और पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी।
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