भारत की G20 अध्यक्षता के तहत जम्मू और कश्मीर में तीसरी पर्यटन कार्य समूह की बैठक 22 मई से शुरू हुई।
बैठक में हिस्सा लेने आए G20 समूह के करीब 60 विदेशी प्रतिनिधि कड़ी सुरक्षा के बीच सोमवार सुबह एक चार्टर्ड विमान से श्रीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पहुंचे, जहाँ उनका पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया। प्रतिनिधियों का स्वागत केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी और भारत के G20 शेरपा, अमिताभ कांत ने किया। इस बैठक में 60 विदेशी प्रतिनिधियों के अलावा देशभर से पर्यटन से जुड़े विभिन्न संगठनों के करीब 65 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। कार्यक्रम स्थलों की सुरक्षा के लिए एनएसजी और मरीन कमांडो की मदद से पूरी घाटी में सुरक्षा बढ़ाई गई है। इस बैठक का समापन 24 मई को होगा।
बैठक के पहले दिन 22 मई को फिल्म पर्यटन को बढ़ाने पर केंद्रित एक साइड इवेंट का आयोजन शेर-ए-कश्मीर कन्वेंशन सेंटर में किया गया। इस दौरान 'भारत एक फिल्म पर्यटन गंतव्य के रूप में' विषय पर चर्चा आयोजित की गई। सबसे आखिरी में फिल्म पर्यटन के वैश्विक परिप्रेक्ष्य में आर्थिक लाभ और गंतव्य पर फिल्म पर्यटन के प्रभाव पर पैनल चर्चा आयोजित हुई। इस मौके पर G-20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि कश्मीर में इस मेगा आयोजन का सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और राज्य में शांति, समृद्धि और नौकरियों का सृजन होगा। उन्होंने कहा कि इस बैठक से पर्यटन उद्योग बढ़ेगा और उच्च प्रभाव वाले पर्यटक आएंगे।
इस मौके पर विभिन्न वक्ताओं ने फिल्मों के माध्यम से गंतव्यों को बढ़ावा देने के लिए अपनाई गई विभिन्न चुनौतियों और देश-विशिष्ट संबलों पर प्रकाश डाला। इस पैनल चर्चा में स्पेन, सिंगापुर, मॉरीशस, नाइजीरिया, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील और भारत के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। तीसरे पर्यटन कार्य समूह की बैठक के दौरान प्रतिनिधि सरकार द्वारा आयोजित कला और शिल्प बाजार का भी दौरा किया।
इस तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान पांच प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिनमें हरित पर्यटन, डिजिटीकरण, कौशल, पर्यटन एमएसएमई और गंतव्य शामिल हैं। पर्यटन समूह की यह बैठक क्षेत्र की पर्यटन क्षमता और सांस्कृतिक समृद्धि को उजागर करने के साथ-साथ घाटी के लोगों को अपनी समृद्ध संस्कृति और परंपरा को दुनिया के सामने प्रदर्शित करने का एक खास अवसर प्रदान करेगी।
बैठक के अंतिम दिन बुधवार को सभी अतिथि श्रीनगर शहर में पोलो व्यू, झेलम रीवर फ्रंट और कुछ अन्य स्थानों की सैर कर कश्मीर में आए सकारात्मक बदलाव को स्वयं अनुभव करेंगे। पर्यटन कार्य समूह की पहली बैठक फरवरी में गुजरात के कच्छ के रण में और दूसरी अप्रैल में पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में हुई थी।
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