दिल्ली 10 मार्च 2025। देश की पहली हाइड्रोजन पावर ट्रेन जल्द ही पटरियों पर दौड़ती दिख सकती है। भारतीय रेलवे की तरफ से इस संबंध में लगभग सारी तैयारियां पूरी हो चुकी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 31 मार्च तक उत्तर रेलवे की दिल्ली डिविजन द्वारा जींद-सोनीपत रूट पर हाइड्रोजन पावर ट्रेन चल सकती है। इस रूट पर यह ट्रेन लगभग 89 किमी की दूरी तय करेगी।
केंद्रीय रेल मंत्री ने बताया कि यह दुनिया की सबसे लंबी हाइड्रोजन ट्रेन होने वाली है। सिर्फ इतना ही नहीं, यह दुनिया की सबसे अधिक शक्तिशाली हाइड्रोजन ट्रेनों में से भी एक होगी।जानकारी के अनुसार भारत में निर्मित हाइड्रोजन ट्रेन 1200 हॉर्स पावर की क्षमता वाली होगी, जो इसकी सबसे बड़ी खासियत होने वाली है। यह क्षमता दुनिया के किसी भी दूसरे देश में चलने वाली हाइड्रोजन ट्रेन के मुकाबले दोगुनी से भी अधिक होगी।
आमतौर पर दुनिया के अधिकांश देशों में जो हाइड्रोजन ट्रेन चलती है, उसका इंजन 500 से 600 हॉर्स पावर के बीच होता है। बताया जाता है कि ट्रेन ईंधन के लिए हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को मिलाकर बिजली उत्पन्न करेगी और बदले में सिर्फ जलवाष्प ही छोड़ेगी। इससे यह ट्रेन जीरो कार्बन उत्सर्जन वाला परिवहन बनेगा और पर्यावरणमित्र भी। इसके साथ ही हाइड्रोजन एक स्वच्छ और रिसाइकिल्ड ऊर्जा का स्रोत भी है, जिससे लंबे समय में यह ट्रेन डीजल और इलेक्ट्रिक ट्रेनों के मुकाबले ज्यादा किफायती साबित होने वाली है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023-24 के रेलवे बजट में हाइड्रोजन से चलने वाली 35 ट्रेनों का निर्माण करने के लिए ₹2800 करोड़ का आवंटन किया गया था।
इस बारे में बात करते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया था कि इस ट्रेनों को रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड्स ऑर्गनाइजेशन (RDSO) द्वारा विकसित किया गया था, ताकि यह पूरी तरह से भारतीय तकनीक से निर्मित हो, इसे सुनिश्चित किया जा सकें। जानकारी के अनुसार इन ट्रेनों का निर्माण चेन्नई के इंटिग्रल कोच फैक्ट्री में किया जा रहा है।
Source: Media Reports
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