ऐसे में रेल संचालन शुरु होने से विभिन्न मायनों में गुजरात,राजस्थान दोनों प्रदेशों को फायदा होगा।
राजस्थान और केंद्र सरकार की बहुप्रतीक्षित रेल परियोजनाओं में से एक उदयपुर-अहमदाबाद आमान परिवर्तन परियोजना को स्वीकृत हुए करीब एक दशक से अधिक समय हो चुका है। वर्ष 2009 में जब इस रेलमार्ग के आमान परिवर्तन की स्वीकृत मिली थी। तब इस परियोजना की लागत करीब 829.74 करोड़ रुपए आंकी गई थी। बाद में इसकी नवीनतम लागत 1449.43 करोड़ तक बढ़ गई थी। वहीं परियोजना स्वीकृत होने के अगले पांच वर्षो तक रेलवे ने इस परियोजना में कोई खास रुचि नहीं दिखाई।
लेकिन सरकार बदलते ही परियोजना को बजट मिलना शुरु हुई और अब डूंगरपूर से खारवा के बीच मात्र 90 किमी रेल लाइन का काम ही बकाया है, जिसका कार्य कोरोना के चलते सुस्त पड़ चुका था। लॉकडाउन खुलने के बाद काम पुन: रफ्तार पकड़ने लगा है। उदयपुर-अहमदाबाद के बीच प्रतिदिन हजारों की तादाद में लोग यात्रा करते है। ऐसे में रेल संचालन शुरु होने से विभिन्न मायनों में गुजरात, राजस्थान दोनों प्रदेशों को फायदा होगा।
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