उदयपुर 10 मई 2024। झीलों की नगरी उदयपुर ने शुक्रवार को अपना 471वां स्थापना दिवस मनाया। उदयपुर की जीवन धारा टूरिज्म पर ही केंद्रित है। इसी को ध्यान में रखते हुए एक नया टूरिस्ट प्वाइंट विकसित किया गया है जो जल्द ही यहां के स्थानीय लोगों और यहां आने वाले ट्यूरिस्ट के लिए खोल दिया जाएगा।
दरअसल, उदयपुर की फतहसागर झील के बीच स्थित नेहरू पार्क की सूरत बदलने के लिए उदयपुर विकास प्राधिकरण (UDA) ने काम हाथ में लिया है। अगले महीने तक उसे पूरी तरह से तैयार करने की बात की जा रही है। इसके बाद उसे आमजन के लिए शुरू करने की तारीख तय की जाएगी।
झील के बीच स्थित नेहरू पार्क जाने के बाद आप ब्रिज पर चल सकेंगे। टूरिस्ट को एक ऐसा प्लेटफॉर्म मिलेगा, जहां पर आप गुनगुना सकते है या अपनी कला का प्रदर्शन अपने ग्रुप के साथ कर सकेंगे।
उदयपुर की फतहसागर झील के बीच नेहरू पार्क में बनाया एम्फीथिएटर, जो सामने गोलाई में निर्माण किया जा रहा है वह छोटा सा मंच होगा जहाँ एम्फीथिएटर बनाया गया वहां 75 जने एक साथ बैठ सकते है। नाव से उतरने के बाद जैसे ही अंदर नेहरू पार्क में जाएंगे, वहां निर्मित एम्फीथिएटर एक तरह से इसे ओपन थिएटर कह सकते है। ढलान वाली बैठने की व्यवस्था यहां की गई है। इसमें एक तरफ दर्शकों के बैठने के साथ थिएटर-शैली का मंच बनाया गया है। ये गोलाकार थिएटर है।
इस मंच पर कोई आकर प्रस्तुति दे सकता है और सामने उसको सुनने वाले और साथ देने वाले होंगे। इसमें करीब 75 जनों के बैठने की व्यवस्था होगी। इस खुले आंगन में मंच के सामने बैठने वालों के लिए पक्के निर्माण से सीढ़ीनुमा जगह बनाई जो राउंड शेप में है। इसके पीछे यहीं मंशा है कि नेहरू पार्क आने वाला ग्रुप, फैमिली इस जगह पर खुले आंगन में अपनी कला का प्रदर्शन कर सकें।चारों तरफ झील का पानी हिलोरे लेता रहेगा और इस ग्रीन स्पेस वाली जगह पर कुछ अलग ही अंदाज में अपनी जो भी कला है उसे आपस में सबके बीच शेयर कर सकेंगे।
पार्क से सटकर ये ब्रिज था जिसे मजबूत बनाया गया ब्रिज से होगा रेस्टोंरेंट जाने का रास्ता, रेस्टोरेंट पर जाने के लिए करीब 100 मीटर के एक ब्रिज पर चलकर जाना होगा। ब्रिज के दोनों तरफ फतहसागर झील के पानी के हिलोरे मारने का शोर होगा और नाव की सवारी करने वालों को ब्रिज से ही देख सकेंगे। ब्रिज से ये फासला पार करते ही रेस्टोरेंट में पहुंच जाएंगे। झील के बीच बने कैफेटेरिया में सब कुछ मिलेगा।
असल में इस पार्क में पहले यहाँ लोग आते तब सब कुछ उझड़ा हुआ था और यहां कुछ खाने को नहीं मिलता था। अब यहां जो जहाजनुमा कैफेटेरिया बनाया गया है वहां पर ब्रिज से होकर जाना होगा। रेस्टोरेंट में झील किनारे के नजारे देखने के साथ ही खाने का प्रबंध होगा।
नेहरू पार्क में एक एक गेस्ट हाउस जैसा स्ट्रंक्चर तैयार किया गया। उसको लेकर आगे क्या प्लानिंग है यह अभी तय नहीं किया गया है लेकिन उसमें थ्रीडी म्यूजियम जैसा स्वरूप तैयार कर सकते है। यह उसके लिए भी उपयुक्त है।
एक तरफ गार्डन और दूसरी तरफ झील वाली इस जगह पर इस छोटे से गेस्ट हाउस में कला एवं संस्कृति के दर्शन के लिए भी मंच उपलब्ध कराया जा सकता है। यहां क्या होगा यह सब यूडीए बाद में तय करेगा।
ग्रीन स्पेस के बीच 6 फाउंटेन
गार्डन में चारों तरफ ग्रीन स्पेस के बीच अलग-अलग 6 फाउंटेन लगे हुए है। इन फाउंटेन को पुन: तैयार किया गया। शाम के समय में इन फाउंटेन के बीच यहां समय बिताने का आनंद ही अलग होगा।
पूरे हैरिटेज में लगाई टाइल्स
नेहरू पार्क में घूमने के लिए जो पथ बने है, उन पर अब हैरिटेज टाइल्स लगाई गई है। इस टाइल्स के जरिए पथ को मजबूत और आकर्षक बनाया गया है। इससे गार्डन के लुक में भी परिवर्तन दिखा।
पार्क में लगाई हैरिटेज टाइल्स केरल सा आभास कराएंगा नेहरू पार्क खुला आसमान, चारों ओर पानी ही पानी, पानी पर तेजी से चलते स्पीड बोट में पानी की लहरों पर सफर की तस्वीरें इस पार्क से दिखेगी। पार्क में लगे नारियल के पेड़ और उसके बीच आसमान ऐसा लगता है मानो आप केरल में है।
साढ़े सात करोड़ का प्रोजेक्ट
यूडीए गार्डन को संवारने पर 7.5 करोड़ रुपए खर्च कर रहा है। दो हेक्टेयर में फैले गार्डन में मखमली हरी घास उगाई जा रही। ब्रिज किनारों पर स्टील की रेलिंग लगाई जा रही है। उदयपुर विकास प्राधिकरण के कमीश्नर राहुल जैन ने कार्य को जल्द समय सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए।
पहले PWD मालिक था तब खराब था गार्डन
नेहरू पार्क का मालिकाना हक सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) के पास था। तब PWD यहां नाव संचालन का ठेका देता था और कमाई करता था लेकिन यहां के रखरखाव के लिए खर्चा नाम मात्र का करता था। इसके बाद जब फतहसागर झील को यूडीए तत्कालीन यूआईटी को हस्तांतरित किया उसके बाद से यूडीए ने झील के विकास पर काम किया और उसके बाद नेहरू पार्क का काम हाथ में लिया।
अब पानी नहीं भरेगा पार्क में
जब भी फतहसागर के ओवरफ्लो पर पानी पटिया लगाए जाते तो नेहरू पार्क के अंदर पानी भर जाता है और अंदर कीचड़ ही कीचड़ हो जाता है। साल 2015 में एफएस में पानी का जल स्तर बढ़ाने के लिए गेट पर एक पटिया लगाया, झील की भराव क्षमता 13 से बढ़कर 14 फीट हो गई थी। इस जल स्तर से नेहरू गार्डन का धरातल पानी से लबालब हो गया था। पानी से गार्डन की घास और दूसरे छोटे पौधे खराब हो गए। टाइल्स उखड़ गई थी।
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