बांसवाड़ा 28 फ़रवरी 2025। अपर ज़िला एवं सेशन न्यायालय (एडीजे कोर्ट) ने बोहरा समुदाय के करज़न हसना ट्रस्ट में जमा क़रीब 30kg से अधिक सोने के गायब होने के मामले में अधीनस्थ न्यायालय (सीजेएम कोर्ट) के उस आदेश को निरस्त कर दिया जिसमे पुलिस द्वारा ज़ब्त सोना याचिकाकर्ता को सुपुर्द करने का आदेश दिया था। अब उस आदेश को अपर ज़िला एवं सेशन न्यायालय (एडीजे कोर्ट) ने निरस्त कर दिया।
आपको बता दे क़रीब 14 माह पहले (नवंबर 2023) में बांसवाड़ा में बोहरा समुदाय के 257 लोगो का करज़न हसना ट्रस्ट के पास लोन के लिए गिरवी रखा लगभग 30kg सोना गायब कर धोखाधड़ी का मामला सामने आया था। पुलिस ने कार्रवाई कर अलग अलग लोगो से 28 किलो से अधिक सोना बरामद किया था।
उक्त मामला सीजेएम कोर्ट में पहुंचा था जहाँ सोना सुपुर्दगी के लिए याचिका लगी तो कोर्ट ने 7 मई 2024 को इसे निरस्त कर दिया। इसके बाद उन्होंने एडीजे कोर्ट में याचिका लगाईं। एडीजे कोर्ट में यह मामला विचाराधीन था इसी बीच सीजेएम कोर्ट ने 18 फ़रवरी 2025 को याचिकाकर्ताओं के करीब 27 किलो सोना सौंपने का आदेश दे दिया।
सीजेएम कोर्ट के आदेश को एडीजे कोर्ट ने अवैध, औचित्यहीन, निष्प्रभावी, शक्तियों के दुरूपयोग और अन्य कारण बताते हुए निरस्त कर दिया। यही नहीं एडीजे कोर्ट ने सीजेएम कोर्ट को थानाधिकारी को सूचना देकर 5 दिन में सोना फिर ज़ब्त कराते हुए रिपोर्ट एडीजे कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए।
उल्लेखनीय है की इस मामले में 3 पुनरीक्षण याचिकाए एडीजे कोर्ट में दायर की गई थी। इन पर सुनवाई के बाद अपर सेशन न्यायाधीश नवीन चौधरी ने आदेश जारी किया है। एडीजे कोर्ट ने आदेश में यह भी कहा कि पुनरीक्षणकर्ता (याचिकाकर्ता) न्यायालय में नहीं आया और उसके द्वारा कई तथ्यों को छिपाया गया है। विधिक कार्रवाई करने के लिए सीजेएम कोर्ट को आदेश दिया। इसके साथ ही मामले को जोधपुर स्थित राजस्थान हाई कोर्ट के संज्ञान में लाने के लिए आदेश की प्रति हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार और सतर्कता विंग को भेजने के लिए कहा गया है।
Source : Dainik Bhaskar
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