सलूंबर 30 अक्टूबर 2025। ज़िले के एक निजी अस्पताल में काम करने वाली महिला के साथ दो डॉक्टरों द्वारा रेप और धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाने का मामला सामने आया है।
पीड़िता का आरोप है कि आरोपित डॉक्टरों ने उसके शरीर पर बने धार्मिक टैटू का विरोध किया और धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया। साथ ही, दोनों डॉक्टरों के पास उसके कुछ निजी फोटो और वीडियो हैं, जिनसे वे उसे धमकाते और ब्लैकमेल करते थे।
तलाकशुदा पीड़िता ने दोनों डॉक्टरों के खिलाफ सलूंबर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। शिकायत में बताया गया कि मुख्य आरोपी डॉक्टर ने धार्मिक टैटू का विरोध किया और बार-बार धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाया। जब महिला ने यह बात अस्पताल के दूसरे डॉक्टर को बताई, तो उन्होंने भी उसे धर्म परिवर्तन कर आरोपित डॉक्टर से विवाह करने की सलाह दी। महिला के इंकार करने पर दोनों ने उसे धमकाना शुरू कर दिया।
जांच अधिकारी डीएसपी हेरंब जोशी ने बताया कि मामला 29 अक्टूबर को दर्ज किया गया है। पीड़िता ने बताया कि वह नवंबर 2024 से अस्पताल में खाना बनाने का काम कर रही थी, लेकिन लगातार परेशान किए जाने के कारण एक माह पहले नौकरी छोड़ दी। आरोपी डॉक्टर लगातार उसके निजी फोटो और वीडियो दिखाकर धमकाते रहे। पीड़िता का मेडिकल परीक्षण करवाया गया है। मामला भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 351(2), 69, और एससी/एसटी एक्ट की धारा 3 (1) व 3 (2) (va) के तहत दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि जांच अभी जारी है।
महिला ने कहा कि उसे अस्पताल प्रबंधन से कोई सहायता नहीं मिली, जिसके बाद उसने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई। शिकायत दर्ज होने के बाद से उसे लगातार धमकियां मिल रही हैं। महिला ने अपनी जान को खतरा बताते हुए पुलिस सुरक्षा की मांग की है।
पुलिस के अनुसार,मुख्य आरोपी डॉक्टर बिहार के रहने वाले हैं, जबकि अन्य आरोपी डॉक्टर अस्पताल में कार्यरत हैं। पीड़िता सलूंबर की रहने वाली है और उसके दो बच्चे हैं-एक आठ वर्षीय बेटी और पांच वर्षीय बेटा।
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