उदयपुर अम्बामाता थाना में मस्तान बाबा दरगाह के पास फिलाडेल्फिया चर्च (पेंटिकोस्टल) के पीछे जंगल में हुई महिला की हत्या का पुलिस ने खुलासा करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए आरोपों की पहचान अमराराम, पिता टीकाराम गमेती, उम्र 28 वर्ष के रूप में हुई है।
आरोपी अमराराम मजदूरी कर अपना भरण पोषण किया करता था। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया मृतका काली बाई व उसके बीच नाते आने को लेकर बातचीत हुई। आरोपी मृतका से मजदूरी के दौरान करीब दो साल पहले सम्पर्क में आया, जिसके बाद उनका आप में रिश्ता बना। आरोपी अपनी मज़दूरी के पैसे भी समय समय पर मृतका को देता था, ऐसा उसने पुलिस को अपने बयान में बताया। फिलहाल कुछ समय से दोनों में सम्पर्क नहीं हुआ था।
मृतका तथा आरोपी, दोनो के पास मोबाईल फोन नही था इसीलिए दोनों में संपर्क नहीं था। काम मिलने के दौरान आरोपी का मुल्ला तलाई में स्थित मस्तान बाबा की दरगाह की तरफ आना हुआ और वहां उसे काली बाई बकरिया लेकर जाती नजर आई। यहीं से आरोपी काली बाई के पीछे चलता रहा। मृतका के बकरिया लेकर सुनसान जगह पहुंचने पर आरोपी मृतका के पास जाकर बात करना चाहा तो दोनो के बीच झगडा हुआ। पुलिस के अनुसार आरोपी ने यह कबूल किया की पहले उसने काली बाई से बलात्कार करने की कोशिश की, जिसमे वह नाकाम हो गया। उसके बाद उसने काली बाई पर कुल्हाड़ी से वार किया, जिससे उसकी मौत हो गई।
आरोपी लम्बे समय से शहर के अलग अलग चौराहे, रामपुरा, मल्लातलाई, हाथीपोल, साईफन इत्यादि जाकर दिहाड़ी मजदूरी करके रात्री में फुटपाथ एवं रैन बसैरो मे रहकर ही अपना जीवन यापन करता है। इसके सम्बधं में गहनता से पुछताछ की जाकर अनुसंधान जारी है।
गौरतलब है कि 2 दिन पूर्व मृतक काली बाई की लाश संदिग्ध अवस्था में मस्तान बाबा दरगाह के पास बने फिलाडेल्फिया चर्च के पीछे जंगल में अर्धनग्न अवस्था में मिली थी। महिला के बेटे को उनकी लाश मिली और उसने पुलिस को जानकारी दी।
पुलिस ने मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए मुर्दाघर में रखवाया था और हत्या का मामला दर्ज कर घटना की जांच शुरू की थी पुलिस द्वारा क्षेत्र में लगे 120 CCTV कैमरा को खंगाल गया और अथक प्रयासों और मेहनत के बाद पुलिस ने घटना के दो दिन के भीतर ही उसका खुलासा करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
घटना के अगले दिन इस घटना से नाराज मृतक महिला के समाज जन और विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता और पॉलीटिकल पार्टी के नेता भी उदयपुर कलेक्ट्रेट के बाहर एकत्रित हुए और उन्होंने इस घटना से नाराज होते हुए प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा था और आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग भी की थी।
उल्लेखनीय है कि उदयपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सभा के दौरान उन्होंने भी अपने भाषण के दौरान इस घटना का जिक्र किया था। पुलिस ने इस मामले का खुलासा 2 दिन के भीतर ही कर दिया।
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