भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष और और उत्तरप्रदेश के गौंडा से भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली पुलिस एफआईआर दर्ज करेगी। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में भारत के सॉलिसिटर जनरल ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि बृजभूषण शरण सिंह पर सेक्सुअल हैरेसमेंट का केस दर्ज होगा। पिछली सुनवाई में उन्होंने कहा था कि मामले में प्रारंभिक जांच जरूरी है। अब प्रारंभिक जांच के बाद अब एफआईआर दर्ज होगी।
आज सुनवाई के दौरान रेसलर्स की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कोर्ट में कहा महिला रेसलर्स को सुरक्षा मुहैया कराई जाए और रिटायर्ड जज इस केस की निगरानी करें। इस दलील पर अदालत ने दिल्ली पुलिस को सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया है। कोर्ट ने पुलिस से अगले शुक्रवार तक उनके द्वारा उठाए हर कदम को लेकर हलफनामा दायर करने को भी कहा है। सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले को लेकर 17 मई को सुनवाई होगी।
उल्लेखनीय है महिला पहलवानो ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और उत्तरप्रदेश के गौंडा से भाजपा सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए है। जिसे लेकर खेल जगत ही नहीं बल्कि पूरे देश में सनसनी मची हुई है। आरोप लगाने वाली महिला पहलवानो के समर्थन में कोई और नहीं बल्कि भारत के लिए कामनवेल्थ गेम्स और एशियाई खेल में गोल्ड दिलवाने वाली विनेश फोगाट, ओलिंपिक में ब्रॉन्ज़ मैडल हासिल करने वाली साक्षी मलिक और ओलिंपिक और एशियाई गेम्स में परचम फहराने वाले बजरंज पुनियाँ जैसे देश के बड़े पहलवान जनवरी के बाद एक बार फिर अखाड़े में उतर गए।
वहीँ आज शुक्रवार को इंडियन क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव, क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग, इरफ़ान पठान, हरभजन सिंह, ओलिंपिक्स में गोल्ड जीतने वाले नीरज चोपड़ा, टेनिस स्टार सानिया मिर्जा, एक्टर सोनू सूद और एक्ट्रेस उर्मिला मातोंडकर भी रेसलर्स के समर्थन में उतर आए।
सुप्रीम कोर्ट में खिलाड़ियों की दलील देते हुए सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने मंगलवार को CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने याचिका रखी। कहा- यौन शोषण के आरोप पर कोई FIR दर्ज नहीं की गई। पीड़िता उस वक्त 16 साल की थी, गोल्ड मेडल जीता है।
CJI चंद्रचूड़ ने कहा था- पहलवानों के आरोप बेहद गंभीर हैं। इन लोगों ने देश और दुनिया में भारत का नाम रोशन किया है। हम दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी करते हैं। इस मामले को हम देखेंगे।
पहलवानों के समर्थन में 9 बयान
1. नीरज चोपड़ा: यह देखकर कष्ट होता है कि हमारे एथलीट इंसाफ के लिए सड़क पर बैठे हैं। उन्होंने हमारे देश को गौरवान्वित किया है, कड़ी मेहनत की है। एक राष्ट्र के तौर पर हम हर किसी के सम्मान और ईमानदारी की रक्षा के लिए जिम्मेदार हैं। यह संवेदनशील मसला है। हमें बिना पक्षपात किए और पारदर्शिता से इस मामले से निपटना चाहिए। इन लोगों को इंसाफ मिलना चाहिए।
2. उर्मिला मातोंडकर: मैं इस देश की बेटी और आप और मेरे घर में बैठे हर बेटी और बहन की तरफ से बात कर रही हूं। हमारे देश की वह बेटियां जिन्होंने इस देश को मान सम्मान, कई मेडल दिलवाए हैं। वह बेटियां जंतर-मंतर पर बैठी हुई हैं। ऐसे देश में जहां पर महिलाओं को देवियों का दर्जा दिया गया है। वे न्याय की भीख मांग रही हैं। क्या यह सही है? गृहमंत्री और खेल मंत्री गुहार सुनिए। जब आप उनके साथ नहीं खड़े होंगे तो इस फील्ड में ही नहीं बल्कि बाकी खेलों में भी बेटी बचाओ के नारे देने का क्या मतलब रह जाता है?
3. सानिया मिर्जा: एक औरत के नाते इन खिलाड़ियों को इस तरह देखना बहुत मुश्किल है। जब यह हमारे देश के लिए सम्मान लाए तो हम सभी ने जश्न मनाया। अब इस मुश्किल वक्त में सभी को इनका साथ देना चाहिए। उम्मीद है कि आज नहीं तो कल इन्हें इंसाफ मिलेगा।
4. नवजोत सिद्धू: ये चौंकाने वाली बात है कि 9 महिलाओं ने शिकायत की और FIR तक दर्ज नहीं की गई। मैं सोमवार को पहलवानों से मिलने जाऊंगा और जंतर-मंतर पर उनके सत्याग्रह में शामिल होऊंगा।
5. वीरेंद्र सहवाग: बहुत दुःख की बात है कि हमारे चैंपियंस जिन्होंने देश का बड़ा नाम किया है, झंडा लहराया है , हम सबको इतनी ख़ुशियां दी हैं, उन्हें आज सड़क पर आना पड़ा है। बड़ा संवेदनशील मामला है और इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। उम्मीद है खिलाड़ियों को न्याय मिलेगा।
6.सोनू सूद: देश के खिलाड़ी अन्याय के ख़िलाफ़ कुश्ती की जंग जीतेंगे ज़रूर। जय हिन्द
7. इरफान पठान: इंडियन एथलीट हमेशा हमारे गौरव हैं, सिर्फ उस वक्त नहीं जब वे हमारे लिए मेडल लाते हैं।
8. निखत जरीन: आधी रात को खुले आसमान के नीचे फुटपाथ पर सोते ओलिंपिक व वर्ल्ड मेडलिस्ट्स को देखना दिल तोड़ने वाला है। मुझे उम्मीद है कि कानून अपना काम करेगा और जल्द इंसाफ मिलेगा।
9. हरभजन सिंह : साक्षी, विनेश भारत की शान हैं। मैं एक खिलाड़ी के रूप में देश के गौरव को सड़कों पर विरोध करते देख दुखी हूं। मैं प्रार्थना करता हूं कि उन्हें न्याय मिले।
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