उदयपुर में खुद के 14 साल के नाबालिग बच्चे की हत्या करने वाली मां को लेकर पुलिस पूछताछ में पता लगा है कि मृतक बच्चे की मां मानसिक रूप से इतनी परेशान थी कि वह खुद से खुद ही अपने मन में एक काल्पनिक कहानी बनाती गई।
थानाधिकारी हनवंंत सिंह राजपुरोहित ने बताया कि परिजनों के मुताबिक मां मनीषा का बीते 5 साल से मानसिक अस्वस्थता के कारण इलाज चल रहा था। बीते 2 माह से उसने घरवालों को ये कहकर दवाई लेना बंद कर दिया था कि मुझे डॉक्टर को क्यों दिखा रहे हो, दवा क्यों दे रहे हो। मैं बीमार नहीं हूं। ऐसे में पुलिस ये मान रही है कि दवा बंद करने के बाद महिला की मानसिक स्थिति धीरे-धीरे बिगड़ती गई। वह खुद के मन ही मन में काल्पनिक कहानी बनाती गई। महिला की बातों से ऐसा लग रहा था कि उसे खुद के और बच्चे के साथ कोई अनहोनी होने का डर सता रहा था।
उसको बार-बार ये संशय होता था कि उसके पति का किसी और महिला से संबंध है ऐसे में उसका और उसके बच्चे का क्या होगा। पुलिस ने जब महिला से पूछा कि उसके पति का किस महिला से संबंध है तो इस पर मनीषा बोली-महिला कौन है, कहां रहती है, इस बारे में उसे कुछ पता नहीं है।
एक दिन पहले घटना के बाद महिला पुलिस से ये पूछती रही कि उसका बेटा कहां है और कैसा है। इस पर पुलिस ने कह दिया था कि उसे हॉस्पिटल लेकर गए हैं। फिर रविवार शाम को पूछताछ में महिला ने वापस बेटे के बारे में पूछा, तब पुलिस द्वारा उसे ये बता दिया गया कि उसके बच्चे की मौत हो गई है।
सोमवार को मृतक बच्चे की मां मनीषा पारीख को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया है। इस दौरान मनीषा के पिता भी कोर्ट में मौजूद थे। पुलिस के अनुसार मनीषा ने पूछताछ में ये कहा था कि उसके पिता ने उसको पैसों में बेच दिया है इस पर पुलिस ने पिता को जब ये बात बताई तो वह यह सुनकर स्तब्ध रह गए।
एक दिन पहले अंबामाता थाना क्षेत्र के सहेली नगर इलाके में रहने वाली 37 वर्षिय मनीषा अपने 14 साल के मासूम बेटे पुरंजय पारीख की हत्या कर दी थी। घटना सुबह करीब 6:30 बजे की थी, जब पिता दीपक पारीख मॉर्निंग वाक पर गए थे। पीछे से मां ने कपड़े सुखाने वाली रस्सी से बेटे का गला घोंट दिया था।
हत्या के बाद खुद ने ही पुलिस कंट्रोल रूम पर फोन कर बेटे को मारने की सूचना देते हुए कहा था कि मैंने मेरे बेटे को मार दिया है, जल्दी से पुलिस को भेजो। बाद मां ने खुद सुसाइड करने का प्रयास किया, इसलिए पुलिस के पहुंचने के बाद भी उसने कमरे का दरवाजा नहीं खोला। फर्स्ट फ्लोर पर मकान होने से पुलिस सीढ़ी लगाकर बालकनी तक पहुंची और दरवाजा खुलवाया।
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