उदयपुर 10 अक्टूबर 2025। विश्व प्रसिद्ध झीलों की नगरी उदयपुर इस समय एक अभूतपूर्व पर्यटन संकट से जूझ रही है। शहर में प्रवेश करने वाली पर्यटक बसों को यातायात पुलिस द्वारा प्रतिदिन प्रतापनगर, शोभागपुरा, फतेहपुरा, आर. के. सर्कल, उदियापोल आदि स्थानों पर रोका जा रहा है। इसके विरोध में उदयपुर टूरिस्ट बस सोसायटी की ओर से 14 व 15 अक्टूबर को टूरिस्ट बसों की पूर्ण हड़ताल की जायेगी।
सोसायटी के अध्यक्ष मदनलाल मेनारिया ने बताया कि इन बसों को न तो होटल, एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन तक जाने की अनुमति दी जा रही है, न ही दर्शनीय स्थलों तक पहुँचने दी जाती है। परिणामस्वरूप देश-विदेश से आने वाले पर्यटक, कॉर्पोरेट ग्रुप्स और डेस्टिनेशन वेडिंग के मेहमानों को भारी असुविधा हो रही है। कई बार यात्रियों को अपने सामान के साथ ऑटो या रिक्शा पकड़कर होटल पहुँचना पड़ता है, जिससे न केवल उनका अनुभव खराब होता है बल्कि उदयपुर की पर्यटन- अनुकूल छवि पर भी गंभीर असर पड़ता है।
प्रशासन से सुनवाई नहीं, सिर्फ परेशानी
उदयपुर टूरिस्ट बस सर्विस सोसाइटी के कोषाध्यक्ष पानिल पोखरना ने बताया कि सोसाइटी द्वारा जिला कलेक्टर नमित मेहता, पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमेश ओझा को बार-बार ज्ञापन सौंपे गए, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका है।
सोसाइटी का निर्णय, 14 व 15 अक्टूबर को पूर्ण हड़ताल
सोसाइटी ने स्पष्ट किया कि इन दो दिनों में यदि पर्यटकों या होटलों को असुविधा होती है तो उसकी पूर्ण जिम्मेदारी उदयपुर पुलिस प्रशासन की होगी। महत्वपूर्ण बात यह है कि हड़ताल के बीच 14 और 15 अक्टूबर को शहर में पर्यटन विभाग का राष्ट्रीय कार्यक्रम भी आयोजित है, जिसमें देश के कई केंद्रीय एवं राज्य मंत्रियों के शामिल होने की संभावना है। ऐसे समय पर शहर का पर्यटन ठप होना न केवल शर्मनाक स्थिति पैदा करेगा, बल्कि प्रशासन की उदासीनता को भी उजागर करेगा ।
सोसाइटी पदाधिकारियों संरक्षक श्याम जैन ने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि जहाँ एक ओर सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने की बातें करती है, वहीं दूसरी ओर पर्यटक बसों को रोककर उदयपुर की पहचान को ही नुकसान पहुँचा रही है। हम प्रशासन से संवाद चाहते हैं, टकराव नहीं।
अध्यक्ष मदन मेनारिया ने कहा कि हमने बार-बार अधिकारियों से चर्चा की, पर कोई स्थायी समाधान सामने नहीं आया। अब पूरा पर्यटन उद्योग असंतोष की स्थिति में है। हड़ताल हमारा विरोध नहीं, बल्कि मजबूरी है। सचिव मंगीलाल मेनारिया ने कहा कि शहर के बाहर से आने वाली सभी पर्यटक गाड़ियाँ भी इस हड़ताल में शामिल होंगी। 14 और 15 अक्टूबर को कोई भी बाहरी वाहन उदयपुर में प्रवेश नहीं करेगा। यह निर्णय सामूहिक और शांतिपूर्ण विरोध के रूप में लिया गया है।
कोषाध्यक्ष पानिल पोखरना ने कहा कि हमनें करोड़ों रुपये का निवेश लग्जरी बसों में किया है क्योंकि उदयपुर का भविष्य पर्यटन पर आधारित है। लेकिन पुलिस प्रशासन का यह रवैया पूरे उद्योग को हतोत्साहित कर रहा है। हमने अतिरिक्त एसपी उमेश ओझा और ट्रैफिक डिप्टी अशोक अंजना से भी विस्तृत वार्ता की, फिर भी कोई समाधान नहीं मिला।
To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on GoogleNews | Telegram | Signal